हरिद्वार और ऋषिकेश की शान रहा लक्ष्मण झूला पुल को अब हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। 90 साल पहले बने इस मशहूर और अहम पुल को उसकी खराब हालत के चलते बंद करने का फैसला लिया गया है।
शुक्रवार को राज्य सरकार ने PWD की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया। समीक्षा के हिसाब से पुल अपनी मौजूदा हालत में किसी भी तरह वज़न, चाहे वो पैदल यात्रियों का हो या फिर वाहनों का, उठाने की हालत में नहीं है और अगर इसे बंद नहीं किया गया तो किसी भी वक्त, किसी भी तरह की दुर्घटना होने की संभावना भी है। इस रिपोर्ट के ज़रिए ये बात भी साफ हो गई है कि पुल रिपेयर होने की हालत में नहीं है; 1929 में बना 450 फुट लंबे इस सस्पेंशन पुल के पुर्ज़े पुराने हो चुके हैं और जर्जर हालत में है, साथ ही ये पुल एक तरफ को झुकता भी दिखाई दे रहा है। लक्ष्मण झूला पुल की जगह नया पुल बनाने की बात भी कही जा रही है, लेकिन उसकी शुरूआत कब तक होगी और उसे कब तक खोला जाएगा ये नहीं कहा जा सकता।
लक्ष्मण झूला पूल ऋषिकेश आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए एक समान अहमियत रखता है। जहाँ कई देसी और विदेशी टूरिस्ट इसका इस्तेमाल गंगा की एक तरफ से दूसरी तरफ जाने और ऋषिकेश का मनमोहक दृश्य लेने के लिए करते थे, वहीं श्रद्धालुओं के लिए इस पुल का जुड़ाव सीधे रामायण से है। पुराणों के अुनसार लक्ष्मण झूला उसी जगह बना है जहाँ राम और लक्ष्मण ने नदी पार करने के लिए जूट की रस्सियों से एक पुल बनाया था।
लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद अब 1 कि.मी. दूर बने राम झूला पुल का इस्तेमाल किया जाएगा। पुल के बंद होने को कई लोग जहाँ एक जागरुक और सही कदम बता रहे हैं वहीं कई लोगों का कहना है कि जल्द शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के चलते कांवड़ियों को इससे परेशानी झेलनी पड़ सकती है साथ ही नदी के दूसरी और बनी दुकानों को भी नुकसान होगा।