उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। रानीखेत एक छोटा शहर है जो समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का शांत वातावरण, फूलों से ढके रास्ते, देवदार और पाईन के लम्बे लम्बे पेड़ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां पर बर्फ से ढकी मध्य हिमालयी पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं। रानीखेत के बारे में कहा जाता है जिसने रानीखेत नहीं देखा उसने भारत क्या देखा।
💁🏻♀️.... दोस्तो! मैंने रानीखेत का नाम आमिर खान जी की मूवी जिसका नाम "राजा हिन्दुस्तानी" था। उस मूवी में जब देखा तो ये सोचा के मैं जरूर जाऊंगी 😀😀.. तब उम्र काम थी, बचपन था तो हमे अच्छी जगहें सिर्फ मूवी या टीवी में ही देखने की इजाज़त थी। 😂😂...रानीखेत की खूबसूरत वादियों में फिल्म राजा हिंदुस्तानी की शूटिंग हुई हैं। खूबसूरत वादियों को देखकर उस फिल्म का गाना 'कितना प्यारा तुझे रब ने बनाया' ध्यान आ रहा था। इस गाने की वजह से मैंने यह फिल्म कई बार देखी थी। मैंने बहुत सुना था रानीखेत के बारे में और गूगल बाबा ने भी काफी कुछ बता दिया।😀....
रानीखेत के नाम के बारे में कहा जाता है की सैकड़ों वर्षों पहले एक रानी यहां घूमने के लिए आई थीं लेकिन यहां की प्राकृतिक सुंदरता देख वे इतनी मंत्र मुग्ध हो गईं कि उन्होंने इस क्षेत्र को ही अपना स्थायी निवास बना लिया तभी से ही इस क्षेत्र को रानीखेत कहा जाने लगा।
रानीखेत को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। प्रकृति का अनुपम सौंदर्य रानीखेत के कण−कण में बिखरा पड़ा है। यहां पर दूर−दूर तक फैली घाटियां, घने जंगल तथा फूलों से ढंके रास्ते व ठंडी मस्त हवा पर्यटकों का मन बरबस ही मोह लेती है। रानीखेत की खास बात यह है कि यहां पर लोगों का कोलाहल व भीड़भाड़ बहुत कम है। यकीन जानिए यहां पहुंचने के बाद पर्यटक स्वयं को प्रकृति के निकट पाता है।
यहां का वातावरण हमेशा ठंडा रहता है। रानीखेत में चारों तरफ हरी घास की चादर बिछी रहती है। पाइन के पेड़ यहां बहुतायत से पाए जाते हैं और यहां के जंगल काफी घने हैं।
रानीखेत में कुमाऊं रेजिमैंट की एक बड़ी सैनिक छावनी भी है। अंग्रेजों ने इसे सैनिक प्रशिक्षण के लिए विकसित किया था। यह शहर काफी साफसुथरा व व्यवस्थित है। कई हिंदी फिल्मों में रानीखेत के प्राकृतिक सौंदर्य को दिखाया गया है। यहां न तो दूसरे शहरों की तरह भीड़भाड़ रहती है न ही कहीं प्रदूषण दिखता है। दिखती है तो बस हिमालय की पहाड़ियां, चांदी जैसे बादल, चारों तरफ फैला चीड़ और देवदार का जंगल।
Tourist Place in Ranikhet :-
रानीखेत में कई दर्शनीय स्थल भी हैं। यहां का झूला देवी मंदिर अति प्रसिद्ध और प्राचीन है। ये मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। ये मंदिर अपनी घंटियों को डिजाइन के लिए भी जाना जाता है, इसके अलावा यहां का राम मंदिर भी खासा प्रसिद्ध है। रानीखेत के आस-पास घूमने की कई अच्छी जगहें हैं। यहां पर आप चौबटिया बाग जा सकते हैं। यह जगह सेब, प्लम, आड़ू और खुबानी के लिए प्रसिद्ध है। यह हिमालय की गोद में बसा ऐसा पर्यटक स्थल है, जहां से आप नंदा देवी, नीलकंठ, नंदघुनती और त्रिशूल की चोटियों के आकर्षक दृश्यों को देख सकते हैं। इसके अलावा भी आप यहां मनकामेश्वर मंदिर, मां मनीला देवी मंदिर आदि दर्शनीय स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।
Famous Places to Visit in Ranikhet – आशियाना पार्क ,मां काली का मंदिर ,गोल्फ कोर्स, झूला देवी मंदिर, रानी लेक।
Great hotels in Ranikhet – राजदीप होटल रानीखेत होटल रॉयल कलेक्शन , रानीखेत क्लब, H 15 कुटेज।
Cost of one day in Ranikhet for Couples-4000 से 7000 के आसपास।
इस प्राइस के बीच आप यहां एक अच्छे होटल में रुक कर शानदार भोजन का लुप्त उठा सकते है।
Time to visit Ranikhet - बारिश के मौसम को छोड़ रानीखेत सालभर कभी भी जाया जा सकता है। ठंड में गरम कपड़ों का खयाल रखना चाहिए। दिसंबर से ले कर फरवरी तक यहां बर्फबारी का आनंद लिया जा सकता है। यहां ठहरने के लिए अच्छे, सुविधाजनक व हर बजट के होटल उपलब्ध हैं। नैनीताल सहित रानीखेत, मुक्तेश्वर और अल्मोड़ा जुलाई अगस्त के महीने छोड़ साल में कभी भी जाया जा सकता है।
How to Reach Ranikhet
By Air : रानीखेत का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है, जो लगभग रानीखेत से 109 किमी दूर स्थित है। दिल्ली से पंतनगर के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध है, जो दैनिक आधार पर चलती है। एक बार हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद, कोई रानीखेत पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकता है।
By train : काठगोदाम 75 किमी की दूरी पर स्थित रानीखेत का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। कई ट्रेनें हैं जो लगभग सभी प्रमुख शहरों से इस रेलवे स्टेशन से गुजरती हैं। स्टेशन पहुंचने पर, रानीखेत पहुंचने के लिए कैब सेवाएं हर समय उपलब्ध हैं।
By Bus : हल्द्वानी, भवाली और खैरना जैसी जगहों पर रानीखेत सभी मौसमों में सड़कों के माध्यम से एक व्यवहार्य संबंध स्थापित करता है। दिल्ली (359 किमी), नैनीताल (56 किमी), काठगोदाम (75 किमी) और रामनगर (96 किमी) से सीधी बसें उपलब्ध हैं। रानीखेत के लिए हल्द्वानी और नैनीताल जैसे शहरों से कैब की सुविधा भी उपलब्ध है।
मेरी यात्रा का वर्णन आप सभी को कैसा लगा। अपने विचार अवश्य व्यक्त करे। अभी तक के लिए इतना ही….
तो मिलते है फिर अगले ब्लॉग में।……💁
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