सभी का पता नहीं लेकिन घुम्मकड़ आसानी से समझ सकते हैं कि हम लोगों के लिए किसी जगह घूमना सिर्फ उस जगह पर जाकर वहां के गिने-चुने पर्यटन स्थलों पर जाना और फोटो लेना नहीं होता बल्कि वहां जाकर उस जगह को सच में अनुभव करना जैसे वहां की संस्कृति, भाषा, इमारतों की वास्तुकला, परम्पराएं, स्वादिष्ट व्यंजन और न जाने क्या-क्या। आखिर हमारी ये कुछ नया जानने की उत्सुकता ही तो यात्रा के मजे को कई गुना कर देती है। कुछ ऐसे ही हमारा मन इंसानी बस्तियों से एकदम अलग घने जंगलों में छिपे वन्य जीवन को देखने के लिए भी बड़ी जल्दी उत्सुक हो जाता है। और ये बात भी सच है कि चिड़ियाघर में बंद पिंजरों में शेर-चीते वगैरह देखने से कहीं बेहतर हमें खुद पिंजरे-रुपी सफारी की बस या फिर जीप में कैद होकर आज़ाद घूमते हुए इन जंगली जानवरों को देखना लगता है। तो आज के हमारे इस लेख में हम आपको हमारे देश के बिहार राज्य की एक शानदार ज़ू सफारी के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ आपको शेर, बाघ, तेंदुए और भालू जैसे जानवर आपकी सफारी बस की खिड़की के एकदम करीब देखने को मिल सकते हैं और वो भी सिर्फ 100 रुपये प्रति व्यक्ति के टिकट में।
तो अगर आप पटना या आस-पास के शहरों में है या फिर वहां जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए ये लेख बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। चलिए बताते हैं आपको इसकी पूरी जानकारी...
राजगीर ज़ू सफारी
ऊपर बताई जानकारी पढ़कर आपका जल्द से जल्द इस जगह के बारे में जानने का मन तो जरूर कर रहा होगा तो बिना देर किये आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर की ज़ू सफारी के बारे में। आपको बता दें कि राजगीर, बिहार राज्य में प्रकृति प्रेमियों के साथ ही एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी एक बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और कुछ समय पहले शुरू हुई ज़ू सफारी और ग्लास ब्रिज ने इस जगह को पर्यटकों की पसंदीदा जगह बना दिया है। ज़ू सफारी का मतलब आप एक खुले ज़ू की तरह समझ सकते हैं जिसमें जानवरों को अलग-अलग बेहद विशाल पिंजरों में रखा गया है जिससे वे खुले में आराम से विचरण कर सकते हैं और पर्यटक बस में बैठकर एकदम जंगल सफारी जैसा अनुभव कर सकते हैं। ज़ू सफारी की एक शानदार बात जो हमने अनुभव की वो ये की यहाँ जानवरों को दिखने संभावना कहीं अधिक रहती है और इसीलिए हमारे शानदार अनुभव के अलावा आपको बता दें कि जितने भी अनुभव हमने इस सफारी के लिए सुने सभी ने शेर, बाघ, भालू को देखने के अनुभवों को हमसे साझा किया।
जानवर जो देखने को मिलेंगे?
जैसा कि हमने आपको बता कि यहाँ जानवरों को अलग-अलग बेहद विशाल ओपन पिंजरे में रखा गया है और इस तरह इस ज़ू सफारी में आपको कुल 5 सफारी का आनंद मिलेगा। पहली सफारी में आपको कई हिरण, नीलगाय आदि देखने को मिलेंगे जिनकी कुल संख्या करीब 200-300 होगी फिर उसके बाद आप जायेंगे भालू सफारी में जहाँ आपको भालू आसानी से आपकी बस के आस-पास मस्ती करता दिख जायेगा। तीसरा शानदार अनुभव होगा लेपर्ड सफारी का जिसे देखने के लिए आपको थोड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि ये साहब कहीं भी पेड़ों पर चढ़े सुकून की नींद भी ले रहे हो सकते हैं।
तेंदुए को देखने के बाद आप जाते हैं टाइगर सफारी में जहाँ जंगल में टहलते बाघ को देखकर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहने वाला। आपको बता दें कि वैसे यहाँ कुल 3 बाघ व बाघिन बताये जाते हैं लेकिन एक समय में एक को ही छोटे पिंजरे से निकलकर बाहर रखा जाता है और वो इसलिए क्योंकि एक से ज्यादा बाघ को यहाँ खुला छोड़ दिया तो वो आपस में लड़ने लग जायेंगे। उसके बाद जो हमारा सबसे शानदार अनुभव रहा वो रहा लायन सफारी का जहाँ हमारा सामना एक नहीं बल्कि 3 बार अलग-अलग शेर और शेरनी से हुआ। देखने का अनुभव वैसे भी शानदार होता लेकिन इन्हें हमने देखा हमारी सफारी बस के एकदम बगल में, सच में क्या अनुभव था वो !!
सफारी का प्रवेश शुल्क
आपको बता दें कि राजगीर ज़ू सफारी में जाने के लिए आपको पहले राजगीर नेचर सफारी का प्रवेश टिकट खरीदना पड़ता है जो कि 150 रुपये प्रति व्यक्ति का रहता है जो ज़ू सफारी के अलावा गिलास ब्रिज, ज़िप लाइन जैसे अन्य एक्टिविटीज के लिए भी कॉमन एंट्री टिकट है फिर उसके बाद आप अपनी इच्छानुसार गिलास ब्रिज, ज़िप लाइन ज़ू सफारी वगैरह का टिकट ले सकते हैं। ज़ू सफारी के लिए टिकट 100 रुपये प्रति व्यक्ति है। आपको बता दें कि 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश टिकट और सफारी निशुल्क है।
सफारी का टिकट लेने पर आपको एक टाइम स्लॉट दे दिया जाता है जिसके अनुसार आप सफारी पर जाकर इस शानदार अनुभव का मजा ले सकते हैं। आपको बता दें कि सफारी के लिए प्रसाशन द्वारा एयर-कंडीशंड बस की सुविधा की गयी है जिससे किसी भी मौसम में आपका सफारी का अनुभव खराब ना हो।
प्रवेश टिकेट की अन्य सुविधाएँ
आपको बता दें कि अन्य एक्टिविटीज जैसे कि ग्लास ब्रिज पर जाना या फिर ज़िप लाइन, तीरंदाज़ी जैसी एक्टिविटीज करने के लिए आपको अलग से टिकट लेना होता है लेकिन प्रवेश टिकट में आपको एक म्यूजियम और साथ ही एक 10 मिनट की मूवी 180 डिग्री थिएटर में देखने को मिलती है। इसके अलावा ओपन गार्डन थिएटर और चिल्ड्रन पार्क वगैरह में भी आप इस प्रवेश टिकेट के साथ जा सकते हैं।
आपको बता दें कि यहाँ ज़ू सफारी के लिए हो सकता है आपकी बारी आने के लिए आपको थोड़ा इंतज़ार करना पड़े उसके लिए वेटिंग हाल की काफी अच्छी व्यवस्था की गयी है और साथ ही इस हाल में आपको खाने-पीने के लिए बेहद उचित रेट में समोसा,बर्गर और कुछ मिठाई वगैरह मिल जाते हैं।
राजगीर कैसे पहुंचे?
आपको बता दें कि राजगीर पहुंचना हवाई, सड़क और रेल तीनों ही मार्गों से बेहद आसान है। निकटतम एयरपोर्ट गया एयरपोर्ट है जो कि निकटवर्ती शहरों के साथ ही कुछ विदेशों से भी हवाई मार्ग से जुड़ा है जहाँ से राजगीर सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है और फिर पटना एयरपोर्ट जो कि यहाँ से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है वह भी भारत के लगभग सभी मुख्य एयरपोर्ट से अच्छी तरह जुड़ा है।
इसके अलावा राजगीर में रेलवे स्टेशन मौजूद है और अगर आपको अपने शहर से राजगीर कि ट्रेन ना मिले तो आप गया रेलवे स्टेशन पहुँच सकते हैं जहाँ से राजगीर के लिए आसानी से बस या टैक्सी आपको मिल जाएगी। इसके साथ ही सड़क मार्ग से भी आपको आस-पास के सभी शहरों से राजगीर के लिए बस मिल जाएगी और साथ ही अपने वहां या फिर टैक्सी वगैरह से आने के लिए भी राजगीर सड़क मार्ग से अच्छी तरह सभी निकटवर्ती शहरों से जुड़ा हुआ है।
तो अगर आप बेहद कम बजट में जंगल सफारी का एक शानदार अनुभव लेना चाहते हैं तो आपको राजगीर ज़ू सफारी में जरूर जाना चाहिए। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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