दोस्तों चितौड़गढ़ किला देखने के बाद मैं बस से उदयपुर पहुंच गया, यहां मैंने सकूटी किराए पर ले ली, मात्र 300 रुपये में घूमने के लिए, 11 बजे से 8 बजे तक, फिर मैं निकल पड़ा उदयपुर शहर की सैर पर, रात को 8.30 बजे मेरी राजकोट की बस थी| इस समय में मैंने
उदयपुर शहर की कुछ जगहों को देखा जिसके बारे में इस पोस्ट में लिखा है |
#उदयपुर
कहा जाता है कि मेवाड़ की राजधानी चितौड़ पर मुगलों द्वारा बार बार किए जाने वाले आक्रमणों की वजह से महाराजा उदयसिंह ने किसी योगिराज से विचार किया और फिर अरावली की पहाड़ियों से घिरे इस सथान पर अपने ही नाम पर 1559 ईसवी में उदयपुर शहर की सथापना की।
झीलों, बागों, प्राचीरों, महलों आदि के अतिरिक्त हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य से भरे रहने के कारण उदयपुर को पूरब का वेनिस और राजस्थान का कशमीर कहते हैं। यह महाराणा प्रताप, मीरा, पन्ना धाय की भूमि हैं। यहाँ देखने के लिए काफी कुछ है
दोस्तों उदयपुर में मैंने सकूटी किराए पर ले ली, 300 रुपये में, फिर मैं उदयपुर की सैर के लिए निकल पड़ा। सबसे पहले मैंने फतेह सागर झील जाने का पलान बनाया।
#फतेह सागर झील
इस झील को महाराणा जै सिंह ने 1678 ईसवी में बनाया लेकिन दुबारा इसकी मुरम्मत महाराणा फतेह सिंह ने करवाई 1888 ईसवी में बाढ़ की वजह से डैम टूट गया था, जिनके नाम पर यह झील बनी हैं |
यह झील उदयपुर शहर से 5 किमी दूर हैं, इस खूबसूरत झील को एक नहर पिछौला झील से जोड़ती हैं। इस झील के मध्य में एक टापू हैं, जहां एक पार्क बना हुआ है जिसे नेहरु दीप पार्क कहते हैं। 30 फीट गहरी इस झील में नौका विहार करना बहुत ही अच्छा लगता है। शाम को सूर्य की किरणें जब पहाड़ों पर पड़ती हैं और उनका प्रतिबिंब झील में पड़ता हैं तो बहुत खूबसूरत दृश्य बनता है|
सज्जन गढ़ ( मानसून पैलेस )
दोस्तों फतेह सागर झील घूमने के बाद मैं सज्जन गढ़ की ओर बढ़ गया। पहाड़ी पर बना हुआ सजजन गढ़ मानसून पैलेस उदयपुर में शाम बिताने के लिए सबसे बेहतरीन जगह हैं| अरावली की पहाड़ियों पर बना यह दिलकश पैलेस आपका मन मोह लेता हैं, शाम को डूबते हुए सूर्य का भी बहुत खूबसूरत नजारा होता हैं यहां।
एक ऊंचे पहाड़ पर बना हुआ यह पैलेस बिल्कुल किले के जैसा दिखाई देता है, इसे महाराणा सजजन सिंह ने बनाया हैं, पहले यह एक शिकारगाह हुआ करती थी, आप भी जब सज्जन गढ़ की तरफ जाओगे तो नीचे जमीन पर उदयपुर से थोड़ी दूर एक गेट बना हुआ हैं| जिसमें जाने के लिए 50 रुपये टिकट लगती हैं, उस गेट के पार सजजन गढ़ वाईल्डलाईफ सैंचुरी शुरू हो जाती हैं | सारा रासता जंगलों से घिरा हुआ हैं, जो जंगल के बीच होकर पहाड़ी की ओर चढ़ता हैं| यह रास्ता आपको सजजन गढ़ पैलेस ले जाएगा जो पहाड़ी के बिल्कुल ऊपर बना हुआ हैं। यह जगह उदयपुर से 5 किमी दूर है। मैं भी 4 बजे के आसपास अपनी सकूटी से जंगली और सुनसान पहाड़ी रास्ते पर चलता हुआ सज्जन गढ़ मानसून पैलेस पहुंच गया। पैलेस में काफी भीड़ थी, बहुत सारे टूरिस्ट घूमने आए हुए थे, शाम को इस पैलेस में भीड़ बढ़ जाती हैं।यहाँ से उदयपुर शहर का बहुत खूबसूरत दृश्य दिखाई देता हैं। पैलेस के अंदर राजाओं का कुछ सामान और पेंटिंग बनी हुई हैं। मैंने भी बड़े आराम से पैलेस की खूबसूरती को निहारा, आसपास से दिखने वाले अरावली पर्वतमाला के नजारों का आनंद लिया। फिर वापिस उदयपुर की तरफ चल पड़ा।
पिछौला झील
दोस्तों सज्जन गढ़ में शाम बिताने के बाद मैं, उदयपुर की सबसे खास जगह पिछौला झील की ओर चल पढ़ा। उदयपुर शहर में आकर तंग गलियों में से गुजर कर, मैंने अपनी सकूटी पिछौला झील के पास बनी पारकिंग में लगा दी, कयोंकि आगे रास्ता पैदल जाने वालों के लिए ही था| शाम का समय था, पिछौला झील पर रौनक मेला भी बहुत लगा हुआ था। जब पहली बार पिछौला झील को देखा तो मैं मंत्रमुंग्ध हो गया, इसकी खूबसूरती को देखकर, सूरज डूब चुका था, ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। झील पर मुझे जादुई अनुभव हो रहा था।
यह खूबसूरत झील 1382 ईसवी में महाराणा लाखा के समय में पिछू नामक एक अमीर बंजारे ने बनवाई हैं। उदयपुर की सबसे खूबसूरत और गहरी झील है। पिछौला झील खूबसूरत घाटों, पहाड़ों, मंदिरों और महलों से घिरी हुई हैं। पिछौला झील के मध्य में दो टापू हैं, जिनपर एक एक महल बना हुआ हैं। जगमंदिर और जलमहल दोनों ही बहुत भव्य और खूबसूरत है। शाम के समय पर झील पर सूर्यास्त का नजारा बहुत शानदार होता है।
#लेक पैलेस
इस खूबसूरत पैलेस को महाराणा जगत सिंह ने 1746 ईसवी में बनाया था, यह महल बहुत ही भव्य और खूबसूरत बना हुआ है। यह भारत ही नहीं बल्कि पूरे संसार के खूबसूरत महलों में से एक हैं। इस महल में ही एक फाईव सटार होटल बना हुआ हैं, जो लेक पैलेस होटल के नाम पर मशहूर हैं।
इस तरह अपनी एक सुनिहरी शाम उदयपुर में गुजार कर आगे बढ़ गया|