आप कभी राजस्थान गए हो या ना गए हो लेकिन फिल्मों और सीरियल्स को देख कर यहाँ के बारे मे आपके मन मे कई भ्रम पैदा हो गए होंगे जिन्हे अभी तक आप सच मान रहे होंगे। लेकिन अब ये बाते जानकर आप राजस्थान के वास्तविक रूप से जरूर परिचित हो जायेंगे -
1. राजस्थान में तो हर जगह रेगिस्तान ही हैं - कई लोगो को आप कहते सुनेंगे कि राजस्थान मे हर जगह केवल रेगिस्तान हैं। इसका कारण यह है कि फिल्मों में राजस्थान को बताया ही ऐसा गया था। लेकिन ये बात पूरी गलत हैं। राजस्थान के 33 जिलों में से केवल कुछ 6 -7 जिलें ही रेगिस्तान से जुड़े हैं। यहाँ तक की राजस्थान के अधिकतर लोगों ने तो आज तक कभी रेगिस्तान देखा ही नहीं होगा।
2. राजस्थान में पानी की सबसे बड़ी कमी हैं - हाँ किसी समय में यहाँ पानी की कमी रहती थी। लेकिन अब ये बात पूर्ण गलत हैं। यहाँ हर साल काफी बारिश आती हैं ,यहाँ तक की कई बार बेमौसम भी बहुत बारिश हो जाती हैं। हर साल किसी न किसी जिलें में बारिश की वजह से बाढ़ आ जाती हैं। यहाँ तक की रेगिस्तानी इलाकों में भी खूब बारिश आती हैं। कुछ जिलों के सुदूर बसे गाँव मे जरूर पानी की समस्या हैं लेकिन यह बात केवल राजस्थान ही नहीं महाराष्ट्र ,गुजरात ,मध्य प्रदेश जैसे राज्यों पर भी लागू होती हैं।
3.राजस्थान मे हमेशा गर्मी पड़ती हैं - हाँ मार्च से जुलाई के पहले सप्ताह तक यहाँ गर्मी काफी तेज पड़ती हैं लेकिन अगर आप किसी भी दिन राजस्थान के मुख्य जिलों के तापमान की तुलना अगर दिल्ली ,एम.पी. या फिर यु.पी. के जिलों से करोगे तो वहा का तापमान राजस्थान से ज्यादा ही मिलेगा।लेकिन हाँ ,यहाँ की गर्मी असहनीय जरूर होती हैं जो आपको 'लूँ ' जैसी बीमारी लगा देती हैं।ठंड मे यहाँ के कई इलाकों का तापमान तो नेगेटिव मे चला जाता हैं और ठंड भी असहनीय हो जाती हैं।कुछ सालों से ओले इतने गिर रहे हैं ,कि रेगिस्तान नहीं कुल्लु मनाली की तरह हर तरफ बर्फ नजर आने लग जाती हैं।
4.राजस्थानी लोग बड़े बड़े महलों में रहते हैं - ये बात सुनकर तो हम राजस्थानी निशब्द ही हो जाते हैं और सोचते है कि -'कहा से आते हैं ऐसे लोग 😂?' ये केवल फिल्मों- सीरियल्स को देख कर बनी हुई धारणाओं के अलावा ओर कुछ नहीं हैं। भाई ,हम लोग भी यहाँ पक्के मकानों ,बंगलों,बहुमंजिला फ्लैट्स में ही रहते हैं।
5. राजस्थान से होने का मतलब 'मारवाड़ी' होना - राजस्थान कई क्षेत्रों मे बटा हुआ हैं मारवाड़ उनमे से एक हैं जिसमे जोधपुर ,जैसलमेर ,बीकानेर जैसे रेगिस्तानी जिलें शामिल हैं।यहाँ के लोगो को ही मारवाड़ी बोला जाता हैं।प्राचीन काल मे इस मारवाड़ से ही मारवाड़ी लोग व्यापार करने सबसे ज्यादा बाहर जाते थे।हर 10 राजस्थानी मे से 9 लोग मारवाड़ से जाते थे ,तो मारवाड़ी ज्यादा बाहर जाने के कारण राजस्थान के बाहर के लोग सोचने लग गए थे कि शायद पूरा राजस्थान ही मारवाड़ हैं और यहाँ के सभी लोग मारवाड़ी। लेकिन वास्तव मे मारवाड़ केवल कुछ जिलों में ही सिमित हैं और सारे राजस्थानी मारवाड़ी नहीं होते हैं। लेकिन आप किसी भी राजस्थानी को मारवाड़ी भी बोलोगे तो भी उसे कोई आपत्ति नहीं होगी बल्कि और उसे अच्छा ही लगेगा।
6.यहाँ के लोग ऊंट की सवारी करते हैं - ये बात जब हम कभी सुनते हैं तो हमारी हंसी रुक नहीं पाती। ऊंट केवल रेगिस्तानी इलाकों में ही पाया जाता हैं पुरे राजस्थान में नहीं और ऐसे जिलें ही कुल 5 -7 ही हैं। राजस्थान के जिन जिलों में ऊंट नहीं है वहा के लोग भी जब ऊंट को देखते हैं तो वो भी सेल्फी लेते हैं क्योकि उनके लिए भी ऊंट उतना ही दुर्लभ हैं जितना अन्य राज्यों के लोगो के लिए हैं।ऊंट केवल दुग्ध उत्पादन या पर्यटकों के लिए काम आता हैं।राजस्थान मुख्य रूप से व्यापारियों का राज्य हैं तो कोई कैसे सोच सकता हैं कि यहाँ ऊंटों पर बैठकर ही घुमा जाता हैं ?
7. आप राजस्थान से हैं मतलब आपका बाल विवाह हुआ होगा😂😂 - किसी जमाने मे यहाँ ये कुप्रथाएं प्रचलित थी लेकिन यहाँ शादी सामान्यत 25 की उम्र के बाद ही की जाती हैं और कई ऐसे युवा मिल जायेंगे जिनकी उम्र 30 से भी ज्यादा हो चुकी हैं पर शादी हुई नहीं हैं। कुछ ग्रामीण इलाकों में लोग चुपके से आज भी बाल विवाह कर देते हैं जो कि यहाँ एक बड़ा क़ानूनी जुर्म हैं।
इन सब बातों के अलावा कुछ ऐसी बाते राजस्थान के बारे में मौजूद हैं जिन पर हर राजस्थानी को गर्व हैं और यहाँ आने वाले हर पर्यटकों को ये बाते पता होनी चाहिए -
1. भारत की सबसे ऊँची शिव मूर्ति नाथद्वारा में बन कर तैयार हैं जिसे कि स्टेचू ऑफ़ यूनिटी और बुर्ज खलीफा की तर्ज पर बनाया गया हैं। उन्ही की तरह इसमें ऊपर जाने को लिफ्ट होगी ,मूर्ति के अंदर म्यूजियम बनेगा।
2.यहाँ के गांव जैसे - कुलधरा ,भानगढ़ जैसी डरावनी जगह ,विश्वविख्यात हैं।
3. पुष्कर में विश्व का एकमात्र ब्रम्हा जी का मंदिर हैं।पुष्कर विदेशी सैलानियों को इतना पसंद हैं कि कई सैलानी यही बस जाते हैं। यहाँ हिंदी बोलने वाले विदेशी मिलना आम बात हैं।
4 .दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार ,यहाँ के राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ में स्थित हैं।
5. यहाँ के एक मंदिर मे बुलेट बाइक की पूजा होती हैं तो वही तनोट माता एवं चूहों वाले करणी माता जैसे चमत्कारी मंदिर भी राजस्थान में ही मौजूद हैं।
6. ताजमहल में उपयोग किया हुआ सफ़ेद मार्बल भी राजस्थान से लाया गया था।
7.अकबर के भारत विजय करने का सपना भी महाराणा प्रताप ने तोडा था। वो भारत जीत गया था पर मेवाड़ ना जीत पाया था।
8.यहाँ काफी भाषाएँ बोली जाती हैं,परन्तु हिंदी भाषा ही यहाँ सबसे ज्यादा बोली जाती हैं।
9. रावण की पत्नी मंदोदरी भी राजस्थान के मंडोर क्षेत्र से ताल्लुक रखती थी।
10. Destination wedding ,movie शूटिंग के लिए राजस्थान सबसे प्राथमिक जगहों में से एक हैं।
11. टूरिस्ट के दृष्टिकोण से यह विश्वविख्यात हैं। हर आदमी की bucket list मे राजस्थान का अपना स्थान हैं।यहाँ के लोग काफी घुम्मकड़ होते हैं। हर एक ट्रेवल ग्रुप मे राजस्थानी जरूर मिल जाते हैं।
12 . इसे रंगीलो राजस्थान बोलने का कारण - पिंक सिटी (जयपुर ),ब्लू सिटी (जोधपुर),व्हाईट सिटी(उदयपुर),पर्पल सिटी (झालावाड़ ),गोल्डन सिटी (जैसलमेर ) जैसे रंग बिरंगे शहर हैं।
13. यहाँ के ट्रको के पीछे लिखे स्लोगन बहुत ही मजेदार होते हैं।
14. यहाँ की 1070 km की सीमा पाकिस्तान से लगती हैं ,इसीलिए ये सिक्योरिटी की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य हैं।
15. जैसलमेर और पुष्कर ,केवल ये दो जगह ही किसी भी विदेशी पर्यटक को भारत खींच ले आ सकती हैं।
17. यहाँ पर आप हिल स्टेशन (माउंट आबू ) से लेकर घने जंगलो (सरिस्का अभ्यारण ,रणथम्भोर अभ्यारण ,केवलादेवी अभ्यारण ), खतरनाक पहाड़ों (गोरम घाटी,गुरु शिखर ) ,झरनों (भीमलत, गोरम घाटी झरना ) ,रेगिस्तान (बाड़मेर ,जैसलमेर ),शाही किलों एवं इमारतों (सभी जगह ) एवं समुद्र की सी फीलिंग (बांसवाड़ा ,जयसमंद ) लेने के लिए कई जगह मौजूद हैं।
असल मे 'विविधताओं मे एकता' राजस्थान में देखने को मिलती हैं। इसके हर क्षेत्र मतलब मेवाड़ ,मारवाड़ ,हाड़ोती ,शेखावटी जैसे इलाकों की अपनी अपनी विशेषताये हैं ,अपनी अपनी भाषा हैं ,अपने अपने तौर तरीके हैं लेकिन फिर भी ये सब आपस मे एक होकर ही रहते हैं। इन चीजों को लेकर कभी यहाँ आजतक कोई विवाद नहीं हुआ।
कुल मिलाकर अगर आपको सभी प्राकृतिक एवं मानव निर्मित विविधताओं का आनंद लेना हैं तो एक बार राजस्थान घूमना तो बनता ही हैं।
-ऋषभ भरावा (पुस्तक -चलो चले कैलाश)
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