जवाई: तेंदुओं के बीच रोमांचक सफारी करने के लिए बेस्ट है ये जगह!

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Photo of जवाई: तेंदुओं के बीच रोमांचक सफारी करने के लिए बेस्ट है ये जगह! by Saransh Ramavat

अगर आपको वाइल्डलाइफ मे रुचि है और खासकर आप पैंथर यानि तेंदुए को देखना या उन्हे करीब से जानना पसंद करते है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है । 

जब भी हम राजस्थान में वाइल्डलाइफ गतिविधियों की बात करते है तो हमारे सामने रंणथंभोर, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, भरतपुर पक्षी विहार जैसे कई अभयारण्यों व जगहों के नाम जेहन मे आते है जहाँ पर हम वाइल्डलाइफ सफारी व ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं। 

पर एक जगह ऐसी भी है जो की अभी तक काफी अनछुई है, आज हम बात कर रहे है पाली ज़िले मे स्थित जवाई की, जो की कई तेंदुओ और अलग अलग प्रजातियों के पशु-पक्षियों का घर है ।

जवाई बांध

जवाई हिल्स राजस्थान के पाली जिले में एक शानदार जगह है, जो जवाई बांध, घास के मैदान, लूनी नदी के किनारों और बड़ी बड़ी पहाड़ियों व घाटियों से घिरा हुआ है। जवाई की इन पहाड़ियों को लाखों साल पहले लावा द्वारा आकार दिया गया था जिसकी प्राकृतिक गुफाओं मे अब कई तेंदुए व भारतीय धारीदार हाइना के साथ साथ कई पशु-पक्षियों का आवास है। 

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जवाई पैंथर को देखने के साथ साथ हायना, मगरमच्छ व कई प्रवासी पक्षियों के लिए भी जाना जाता है । जवाई में बने जवाई बांध का वैभव भी देखते ही बनता है । जवाई मे स्थित बेरा गाँव कि पहाड़ियों को पैंथर हिल्स या 'लैपर्ड हिल्स ऑफ इंडिया' के नाम से भी जाना जाता है ।

राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी कोने में बसा हुआ, राजस्थान के पाली जिले में बेरा गाँव देश के हजारों अन्य गाँवों की तरह ही एक साधारण गाँव है। लेकिन फिर भी पिछले कुछ वर्षो मे यह गाँव भारत के मानचित्र पर इतना तेज़ी से उभरा है कि भारत के सभी प्रसिद्ध वन्यजीव फोटोग्राफर अक्सर यहाँ आते रहते हैं। तो आइए जानते है की ऐसा क्या है बेरा में ।

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अरावली की पहाड़ियों व जवाई नदी से घिरे इस छोटे से गाँव में पैंथर या तेंदुओं के लिए एक सही निवास स्थान है। आप मानेंगे नहीं यह गाँव 60 से 65 पैंथर का घर है । देखा जाए तो बेरा या जवाई में तेंदुए और इन्सानो के बीच एक आदर्श समझ का उदाहरण देखने को मिलता है । तेंदुओं ने आज तक किसी भी इंसान पर हमला नहीं किया है, भले ही वे हर रात खेतों और गाँवों के अंदर आज़ाद घूमते हैं और ना ही मनुष्यों ने उन्हें नुकसान पहुँचाया है। वास्तव में, क्षेत्र के निवासी तेंदुओं को एक स्थानीय देवी की अभिव्यक्ति के रूप में मानते हैं और इसलिए उन्हें संरक्षित करने के लिए खास देखभाल करते हैं। इसलिए अवैध शिकार ना के बराबर है और बेरा गाँव के आसपास के छोटे से क्षेत्र में 65 तेंदुओं की एक स्वस्थ आबादी है।

जवाई कब जाएँ ?

वैसे तो आप जवाई मे साल में कभी भी आकार पैंथर को देखने का रोमांच अनुभव कर सकते है, यहाँ के निवासियों के अनुसार ऐसा कोई भी समय नहीं है जब आपको यहाँ तेंदूए देखने को नहीं मिलेंगे । पर फिर भी यहाँ आने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि उस समय ठंड की वजह से पैंथर अपनी अपनी गुफाओं से निकलकर चट्टानों व पहाड़ियों पर धूप सेकने निकलते है जिससे उनके दिखने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है ।

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जवाई में और क्या देखें?

1.जवाई मे पैंथर सफारी का मज़ा लें

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सफारी करना हमेशा एक शानदार अनुभव होता है और जब आप इस क्षेत्र में होते हैं तो आप जवाई कि पैंथर सफारी कर सकते है जो कि आपको अलग अलग रिसोर्ट या कैम्पस द्वारा करवायी जाती है । यहाँ आपको तेंदुओ को करीब से देखने को मिलता है और आप इन्हें पूरी तरह से अलग वातावरण में पाते हैं।

भारत के बाकी वनों में, आपको बड़े घने जंगल देखने को मिलते हैं, जहाँ तेंदुओ को ढूँढना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन यहाँ, आप उन्हें आसानी से देख सकते हैं क्योंकि वे हमेशा चट्टानों पर बैठे रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिसे जवाई मे आकर भी तेंदुआ नहीं दिखा तो फिर तो उसे दिखना ही नहीं था ।

2. जवाई बांध पर बर्ड वाचिंग करें

जवाई मे सर्दियों के समय बर्ड वाचिंग जैसी गतिविधियाँ बहुत जोरों-शोरों से होती है । यहाँ, आप पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियाँ देख सकते हैं। यहाँ पर फ्लेमिंगो भी देखे जा सकते हैं, यकीन मानिए यहाँ हर मौसम में कई लग अलग प्रजातियों के पक्षि देखने को मिलते हैं । हर पक्षी-प्रेमी को कम से कम एक बार बेरा का दौरा ज़रूर करना चाहिए।

3. पहाड़ी मंदिरों का दौरा करें

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इस क्षेत्र में आप पहाड़ी मंदिरों की पूरी एक श्रृंखला को देख सकते है और इसके लिए आपको धार्मिक व्यक्ति होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि पहाड़ी मंदिर में जाना उतना ही रोमांचकारी है जितना कि एक सफारी में वन्यजीवों की खोज करना। पहाड़ी मंदिर का दर्शन करना एक अनूठा अनुभव है और जब आप इसे बेरा में करते हैं, तो आपको कई अन्य चीजें भी करने व देखने को मिलती हैं। आप यहाँ रोमांच का आनंद ले सकते हैं, क्योंकि यहाँ पर कई बार मंदिर कि सीडियों पर व मंदिर से ही आस पास देखने पर कई पैंथर देखने को मिल जाते है।

4. जवाई बांध देखें

यकीन मानिए जब आप जवाई बांध कि बनावट को देखेंगे तो आप उसे निहारते ही रह जाएँगे । आपको यहाँ ऐसी कई जगह मिलेगी जहाँ से आप पूरे क्षेत्र की शानदार पेरनोमिक तस्वीरें ले सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहाँ आपको पहाड़ियों कि विशालता व नदी की शांत प्रकृति को एक साथ अनुभव करने का मौका मिलेगा। आप यहाँ पर किसी लोकल मछुआरे से बात करके नदी में नौका विहार भी कर सकते है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप यहाँ किस मौसम मे आए है जवाई बांध सुंदरता के मामले मे आपको कभी निराश नहीं करेगा ।

5. बड़े-बड़े मगरमच्छों को शिकार करते देखें

श्रेय - जवाईसफ़रीब्लॉग

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कल्पना कीजिये कि आप यहाँ बैठ कर मगरमच्छों को दूसरे पक्षियों या जानवरों का शिकार करते हुए देख रहे है, देखा, सोचने में ही रौंगटे खड़े हो गए ना । जवाई नदी में बहुत सारे मगरमच्छ हैं जिनहे आप धूप सेकते हुए देख सकते है और आपको यहाँ कई बड़े मगरमच्छ को देखने का अवसर प्राप्त होगा जिन्हें हमने शायद अभी तक सिर्फ टीवी मे ही देखा है ।

6. आदिवासी रेवरियों के गाँवों को देखें

जवाई व बेरा के गाँवो में आप आदिवासियों की जीवनशैली को बहुत करीब से देख सकते है जो कि शहरों से बहुत दूर शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं। जब आप उन्हें मवेशियों और फसलों को संभालते देखेंगे, तोआपका दिल भी वही गाँव मे बस जाने का करेगा। हाँ, यहाँ पर सुविधाओं कि कमी है पर यह आदिवासी हमें कई सबक सिखा जाते है जिन्हें हम अपने जीवन में लागू कर सकते हैं और इसे बेहतर बना सकते हैं। और अगर आप एक फोटोग्राफर है तो इन गाँवो में जाए बिना आपकी जवाई कि यात्रा अधूरी ही रह जाएगी, जब आप उन रेवारियों को अपने रंग-बिरंगे कपड़ो व पगड़ियों मे देखेंगे तो आप खुद को उनका फोटो लिए बिना रोक नहीं पाएँगे ।

7. ग्लैप्मिंग का मज़ा उठाएँ

जवाई में कई रिसॉर्ट्स हैं जो आपको ग्लैमपिंग का मज़ा दे सकते है, इन टेंटों की खासियत यह है कि ये आपको ज़रूरत कि सभी सुख-सुविधाएँ देते हैं । यह टेंट आलीशान बिस्तर, एयर कंडीशनर, फर्नीचर और सभी सेवाओं से सुसज्जित हैं होते है व अंदर से काफी बड़े भी होते है। अगर आप एक बार इन टेंट्स मे रुक गए तो वह समय आपको अपने जीवन में हमेशा याद रहेगा ।

जवाई मे कहाँ रुके ?

आपको जवाई मे रहने के लिए हर तरह के आवास मिल जाएंगे यानि कि अगर आपको किसी हेरिटेज होटल मे रुकना हो या आपको स्विस टेंट्स मे ग्लैमपिंग का मजा लेना हो या फिर चाहे आपको जंगल के बीच कैंप करना हो आपकी हर इच्छा जवाई के इन रिसॉर्ट्स व कैंपसाइट्स मे पूरी हो सकती है । इनमे से ही ज़्यादातर रिसॉर्ट्स आपको सफारी, भोजन व पिकअप व ड्रॉप कि सुविधा भी उपलब्ध करवा देते है जिससे कि आप हर चीज़ के लिए भागदौड़ करने से बच जाते है ।

1. जवाई केसल रिसोर्ट: हेरिटेज होटल इन जवाई लेओपोर्ड रिजर्व

किराया- ₹5000

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Photo of Jawai Castle Resort - A Heritage Hotel in Jawai Leopard Reserve, Sumerpur, Rajasthan, India by Saransh Ramavat

2 .वरावल जवाई लेपर्ड सफारी कैंप – 6650 रु

3. ठौर नेचर रिसॉर्ट्स

किराया- ₹5500

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Photo of Thour Nature Resorts - Leopard Safari Camp Jawai, Village, Varaval, Rajasthan, India by Saransh Ramavat

4. जवाई जेवेल्स

किराया- 3000

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जवाई कैसे पहुँचे ?

हवाई मार्ग से- जवाई का निकटतम हवाई अड्डा 155 कि.मी. दूर उदयपुर एयरपोर्ट है, जहाँ से आप 3 घंटे मे जवाई पहुँच सकते है और यह हवाई अड्डा देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है । आपके पास जोधपुर एयरपोर्ट के रूप मे भी एक विकल्प मौजूद है जो की जवाई से लहभाग 164 कि.मी. दूर है जहाँ से आप लगभग 4 घंटे मे जवाई पहुँच सकते है ।

रेल मार्ग से- जवाई बांध नामक यह स्टेशन देश के सभी बड़े नगरों से जुड़ा हुआ है। आप इस स्टेशन पर उतर कर बेरा गाँव जा सकते है। आपको जवाई तक सीधी ट्रेन नहीं मिलती है तो आप सिरोही से ट्रेन बदलकर भी यहाँ पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग से- जवाई में आपको बस स्टैंड की सुविधा नहीं मिलेगी तो अगर आप बस से जवाई की यात्रा का प्लान बना रहे है तो आपको बस स्टैंड सिरोही या सुमेरपुर से मिलेगा जहाँ से जवाई लगभग क्रमश 55 और 20 कि.मी. दूर है । यहाँ से आगे कि यात्रा आप किसी टैक्सी से कर सकते हैं ।

जवाई यात्रा: ज़रूरी बातें

1. अगर आप जवाई जा रहे है तो एक दूरबीन ज़रूर लेकर जाएँ क्योंकि ग्रेनाइट कि चट्टानों में लेपर्ड को ढूँढना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह पहाड़ियों के रंग मे केमोफ़्लाज हो जाते हैं ।

2. हो सकता है कि जवाई में आपको अच्छा खाना ढूँढने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़े क्योंकि अभी इस जगह का विकास हो ही रहा है। लेकिन यहाँ पर कई बड़े व अच्छे कैम्पस है जहाँ आप भोजन कर सकते है ।

3. आप जिस भी रिसॉर्ट से अपनी बूकिंग करें उससे अपनी परिवहन कि सुविधा कि पूरी बात कर लें क्योंकि जवाई में रात को आपको परिवहन कि सुविधा नहीं मिलेगी ।

4. आप सफारी करने जा रहे हैं तो नैतिकता का पूरा ध्यान रखे ताकि तेदुओं या किसी भी अन्य जन्तु को कोई नुकसान ना पहुँचे ।

5. जब भी जवाई जाएँ तो अपने पास थोड़े पैसे ज्यादा लेकर जाएँ और एटीएम की सुविधा पर निर्भर ना रहें।

तो अब जब हमने आपको जवाई व बेरा के बारे में सारी जानकारी दे दी है तो उठाइए अपने बैग और कैमरा और निकल जाएँ जंगल के भूत यानि लैपर्ड का दीदार करने ।

क्या आप कभी जवाई गए हैं? अपनी यात्रा का अनुभव यहाँ लिखें।

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