राजस्थान में प्राकृतिक झरनों के बीच बना है ये अद्भुत मंदिर जहाँ शिवलिंग बदलता है अपनी दिशा!

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सावन का महीना अपने साथ खूबसूरत मौसम, चारों ओर घनी हरियाली के साथ खुशियों की बहार तो लेकर आता ही है साथ ही भगवान शिव को भी यह महीना अत्यंत प्रिय लगता है ऐसा बताया जाता है। इस वर्ष तो सावन का महीना दुगनी खुशियां लेकर आया है और अगर राजस्थान प्रदेश की बात करें तो सावन में यह प्रदेश भी खुशियों से झूम उठता है और इसकी खूबसूरती पर भी सावन की हरियाली के साथ चार चाँद लग जाते हैं। इसी राजस्थान में अनेक पौराणिक और रहस्यमयी स्थानों और अनेक मंदिरो से जुड़ी कहानियां देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को यहाँ खींच कर ले आती है और आज हमारे इस लेख में हम आपको राजस्थान में जयपुर से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर एक ऐसे ही प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहाँ धार्मिक महत्त्व के अलावा प्राकृतिक खूबसूरती भी चारों ओर के पर्यटकों को यहाँ खींच लाती है। तो चलिए शुरू करते हैं...

मालेश्वर महादेव मंदिर

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मौजूद अरावली की पर्वतमालाओं से घिरे समोद में स्थित महार कलां गाँव में मालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। पुरे देश में एक अनूठे मंदिर के तौर पर जाना जाने वाला यह मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना बताया जाता है। साथ ही इस मंदिर से जुड़ा यह दावा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि यहाँ पर स्थापित शिवलिंग हर 6 महीने में सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन होने पर सूर्य की ही दिशा में झुक जाता है। यहाँ के पुजारी समेत अन्य लोग भी इस चमत्कार को अपनी आँखों से देखने का दावा करते हैं जो कि अपने आप में इस स्थान और इस मंदिर की पवित्रता और महत्त्व को दर्शाता है। मंदिर के मंडप के स्तंभों पर अंकित 1101 ई. मे लिखा हैं जो कि इस बात की पुष्टि करता है कि यह मंदिर वास्तव में बेहद प्राचीन है। साथ ही ऐसा बताया जाता है कि यहाँ मौजूद शिवलिंग एक स्वयंभू शिवलिंग है और इसीलिए महादेव के दर्शनों के लिए खास तौर पर सावन महीने में दूर-दूर से हज़ारों भक्त हर दिन यहाँ आते हैं।

मंदिर से जुड़ा इतिहास

जैसा कि हमने पहले ही आपको बता दिया है कि यह मंदिर 1101 ईस्वीं से पहले का है क्योंकि यहाँ 1101 ईस्वीं के शिलालेख भी मिले हैं। ऐसा बताया जाता है कि पौराणिक काल में महार कलां गाँव महाबली राजा सहस्रबाहु की माहिष्मति नगरी का ही एक हिस्सा हुआ करता था और तभी इस मंदिर का नाम मालेश्वर महादेव मंदिर रखा गया था। इसके अलावा बताया जाता है कि मुग़ल काल में इस मंदिर पर भी हमले किये गए थे और आज भी शेष-शैया पर लक्ष्मी जी के साथ विराजमान भगवान विष्णु जी की खण्डित मूर्ति यहाँ मौजूद हैं जिसे उस ज़माने में तोडा गया बताया जाता है। हालाँकि इसके बाद कई बार इस अद्भुत स्थान पर मौजूद इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया है जिसके बाद यह मंदिर वर्तमान स्थिति में आज मौजूद है।

बॉलीवुड की रहा है पहली पसंद

धार्मिक दृष्टि से तो यह पवित्र स्थान दूर-दूर से लोगों का यहाँ खींच का लाता ही है लेकिन इसके साथ ही इस स्थान पर मौजूद प्राकृतिक खूबसूरती भी अनेक पर्यटकों को यहाँ बार-बार बुलाती रहती है। और इस प्राकृतिक खूबसूरती के साथ ही यहाँ मौजूद शाही किलों के दीवाने सिर्फ पर्यटक ही नहीं बल्कि बॉलीवुड भी रहा है और इसीलिए यहाँ अनेकों फिल्मों की शूटिंग होती रही है। यहाँ शूटिंग की गयी फिल्मों की बात करें तो कुछ फेमस फिल्में जैसे 'बीस साल बाद', करण-अर्जुन, कोयला, सोल्जर, इतिहास, मेहँदी,दाता और यहाँ तक की लेटेस्ट फिल्म भूल भुलैया की शूटिंग भी यहाँ पास में ही मौजूद एक किले में की गयी थी।

मंदिर के पास प्राकृतिक खूबसूरती

जयपुर से सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान प्राकृतिक खूबसूरती के बीचों बीच बसा है। खास तौर पर बारिश के मौसम में यहाँ कई झरने बह निकलते हैं जिनके नीचे बने प्राकृतिक कुंड में कई पर्यटक झरने के स्वच्छ और ठन्डे पानी में नहाने का आनंद लेने यहाँ आते हैं। अगर आप जयपुर के पास मौजूद झरनों की लिस्ट इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो मालेश्वर महादेव झरना आपको उस लिस्ट में जरूर मिलेगा। मानसून के समय जयपुर और आस पास के लोगों के लिए यह एक फेवरेट पिकनिक स्पॉट भी बन जाता है। चारों और अरावली पर्वतमालाओं से घिरी यह जगह वास्तव में दिखने में बेहद अद्भुत लगती है जहाँ धार्मिक महत्त्व के अलावा भी सिर्फ प्रकृति के बीच बैठकर सुकून लेने के लिए भी आप जा सकते हैं।

यहाँ कैसे पहुंचे?

जैसा कि हमने आपको बताया की यह जगह जयपुर से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर स्थित है। तो आप देश के किसी भी हिस्से से हवाई, रेल या फिर सड़क मार्ग से आसानी से जयपुर पहुँच सकते हैं और फिर आपको जयपुर से सीकर रोड होते हुए चौमूं पहुंचना होगा। जिसके लिए आप चाहें तो बस से जा सकते हैं या फिर टैक्सी वगैरह से भी आसानी से आप जयपुर से चौमूं पहुँच सकते हैं। फिर वहां से करीब 13 किलोमीटर दूर महारकलां गाँव के बस स्टैंड तक आप चाहें तो बस या फिर टैक्सी वगैरह से पहुँच सकते हैं। महारकलां बस स्टॉप से मालेश्वर महादेव की दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर है जहाँ आप अगर टैक्सी या अपने वाहन से आएं है तो मंदिर तक टैक्सी या अपने वाहन से जा सकते हैं या फिर करीब 1 किलोमीटर आप पैदल ही जा सकते हैं।

जयपुर से मालेश्वर महादेव

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तो अगर आप इस मानसून में राजस्थान की यात्रा का प्लान कर रहे हैं या फिर आप जयपुर या फिर आस पास किसी शहर में हैं तो इस मानसून मालेश्वर महादेव मंदिर में जरूर दर्शन करने जाएँ। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारियां हमारे पास थीं हमने इस आर्टिकल में आपसे साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारियां अच्छी लगी तो प्लीज इस लेख को लाइक जरूर करें और ऐसी ही और जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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