राजस्थान के जैसलमेर में स्थित कुलधरा गांव जिसके बारें में जानकर आपकी रुंह कांप जाएगी। कुलधरा गांव पिछले 200 सालों से आज भी वीरान पड़ा हैं। इस गांव के हजारों लोग एक ही रात में पूरा गांव खाली करके चले गए थे। और जाते-जाते इस गांव को श्राप दे गए थे। तभी ये गांव वीरान पड़ा हैं।
कुलधरा गांव की पूरी कहानी
जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है कुलधरा नाम का एक छोटा सा गांव। कहते हैं सन 1291 के आसपास मेहनती पालीवाल ब्राह्मणों ने 600 घरों वाले इस गांव को बसाया था। यह भी माना जाता है कि कुलधरा के आसपास 84 गांव थे और इन सभी में पालीवाल ब्राह्मण ही रहा करते थे।
यहां की रियासत का दीवान सालम सिंह था, जिसकी बुरी नजर गांव की लड़की पर पड़ गई। उस लड़की के प्यार में पागल दीवान सालम सिंह ने गांव वालों को चेतावनी दी उस लड़की से शादी की जिद पर अड़ गया। इसके बाद रहने वाले सभी लोगों ने कुंवारी लड़की के सम्मान और अपने आत्मसम्मान के लिए गांव को खाली करने का फैसला लिया। उस रात का वीरान हुआ कुलधरा आज तक वीरान हैं। सभी गांवो के लोग रातों रात कहाँ चले गए, यह किसी को पता नहीं चला। उन सभी का रातों रात गायब होना एक अनसुलझा रहस्य बनकर रह गया है। जाते-जाते वे लोग इस गाँव को यह श्राप दे गए कि इस गाँव में जो भी बसने की कोशिश करेगा वह बरबाद हो जायेगा। उन दुखी आत्माओं का वह श्राप आज भी इस गाँव का पीछा नहीं छोड़ा है।
कुलधरा घुमने का सही समय क्या है?
अगर आप कभी कुलधरा घुमने का प्रोग्राम बनाते हैं तो इसके लिए उत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच रहेगा। यहाँ आप हफ्ते के किसी भी दिन सुबह के 8 बजे से शाम के 6 बजे तक घूम सकते हैं।
कैसे पहुंचे जा सकता है कुलधरा:
अगर आप भी यहां जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पहले जयपुर या जोधपुर आना होगा। जयपुर से जैसलमेर की दूरी करीब 550 किमी. के पास हैं। यहां से आप ट्रैन या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। जैसलमेर से इस जगह की दूरी केवल 18 किमी. हैं। गाड़ी किराये पर लेकर भी वहां पर जाया जा सकता है। यहां आने का सबसे उत्तम समय नवंबर से लेकर फरवरी-मार्च तक माना जाता है। उसके बाद इस क्षेत्र में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो जाता हैं। हर दिन इस गांव को देखने के लिए हजारों पर्यटक आते हैं।
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