राजस्थान का नाम सुनते ही सुंदर महल, रंगीन पोशाकें और सुनहरे रेगिस्तान पर बने ऊँचे रेतीले टीलों की तस्वीर सामने आ जाती है। लेकिन राजस्थान के राजसी खज़ाने से एक और नगीना भी है जो अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाता है, वो है माउंट आबू। राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी में एक ठंडी हवा का झोंका है माउंट आबू। राजस्थान का अपना हिल स्टेशन!
माउंट आबू छोटी छुट्टी या सप्ताहंत बिताने के लिए तो अच्छी जगह है ही, आप अपने जयपुर, उदयपुर या राजस्थान के टूर पर जाते हुए भी यहाँ का चक्कर लगा सकते हैं। तो चलिए बताते हैं माउंट आबू के बारे में ।
माउंट आबू के दर्शनीय स्थल
माउंट आबू के बीचों - बीच बनी ये झील यहाँ का मुख्य आकर्षण है। चारों तरफ से अरावली पहाड़ियों से घिरी इस झील का नज़ारा देखें या कूद पड़ें बोटिंग करने। परिवार वालों के साथ मस्ती करने का प्लान हो या अपने पार्टनर के साथ एक रोमांटिक शाम बितानी हो, ये जगह सभी को पसंद आती है।
नक्की झील से ही रास्ता जाता है माउंट आबू के दूसरे आकर्षण टोड रॉक की ओर। इस पहाड़ का आकार मेंढक की तरह ही दिखता है, इसलिए ही इसका नाम टोड रॉक है। यहाँ से आप नक्की झील और अरावली का पहाड़ियों का नज़ारा देख सकते हैं। लेकिन हाँ, यहाँ पहुँचने के लिए थोड़ी सी चढ़ाई करनी होगी तो ट्रेकिंग के शौकीन ये जगह अपनी लिस्ट में ज़रूर जोड़ लें।
ये माउंट आबू और पूरे अरावली श्रृंखला की सबसे ऊँची पहाड़ी है। समुद्रतल से 1772 मीटर की ऊँचाई पर बनी इस पहाड़ी पर गुरू दत्तात्रेया का मंदिर भी है। इसके अलावा इस पहाड़ी पर बना चंडी, शिवा और मीरा मंदिर भी श्रद्धालु यात्रियों को यहाँ खीच लाता है। इस पहाड़ी से आप पूरे माउंट आबू को एक नज़र में देख सकते हैं।
माउंट आबू के मंदिर
माउंट आबू में धर्म और वास्तुकला का नायाब संगम देखने के लिए देलवाड़ा जैन मंदिर से बेहतर कोई जगह नहीं है। ये पाँच मंदिर अलग- अलग समय पर 5 जैन तीर्थंकर को समर्पित किए गए हैं। श्री महावीर स्वामी मंदिर, श्री आदिनाथ मंदिर, श्री पार्श्वनाथ मंदिर, श्री ऋषभदोओजी मंदिर और श्री नेमी नाथ जी मंदिर, सभी जगह पर संगमरमर पर की गई बारीक कारीगरी आपको हैरान कर देगी।
नक्की झील के पास ही बना श्री रघुनाथ मंदिर स्थानीय और पर्यटकों दोनों के लिए अहम है। ये मंदिर भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले श्री रघुनाथ को समर्पित है। माना जाता है कि यहाँ आने से श्रद्धालुओं के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
माउंट आबू में ही अध्यात्मिक समुदाय ब्रह्मकुमारी का मुख्यालय भी है। मधुबन, शांतिवन, ओम शांति रिट्रीट सेंटर और शांति सरोवर के साथ यहाँ पर 4 भाग हैं, जिनमें कुछ वक्त बिताकर आप अध्यात्म से जुड़ सकते हैं।
कैसे पहुँचे माउंट आबू?
हवाई यात्रा- माउंट आबू पहुँचने के लिए उदयपुर एयरपोर्ट सबसे पास है। यहाँ से माउंट आबू तक की 185 कि.मी. की दूरी आप टैक्सी से तय कर सकते हैं।
रेल यात्रा- माउंट आबू से सबसे करीबी स्टेशन आबू रोड रेलवे स्टेशन है। स्टेशन मुख्य शहर से सिर्फ 28 कि.मी. की दूरी पर है और आपको यहाँ से आसानी से बस या टैक्सी मिल जाएगी।
सड़क यात्रा- माउंट आबू सभी बड़े शहरों से सड़क के ज़रिए जुड़ा हुआ है। आपको जयपुर, उदयपुर, दिल्ली और जैसलमेर से आसानी से सीधी बसें मिल जाएँगी।
माउंट आबू में होटल
माउंट आबू में रहने के लिए सस्ते से लेकर महंगे रिज़ॉर्ट सभी का विकल्प मौजूद है। यहाँ होटल में एक रात का किराया करीब 800 रुपए से शुरू हो जाता है।
माउंट आबू जाने का सही समय
माउंट आबू जाने के लिए सर्दियाँ सबसे बढ़िया वक्त है। अक्टूबर से मार्च के बीच यहाँ पर पीक सीज़न होता है।
मॉनसून में हल्की बारिश और सुहाने मौसम के बीच छुट्टियाँ मनाने के लिए भी माउंट आबू जाना एक अच्छा विकल्प है।
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