गर्मियों में जो लोग पहाड़ों की ओर चले गए थे, वही लोग अब बारिश में नीचे आ जाएँगे | ज़रूरी भी है, क्योंकि पहाड़ों की बारिश जानलेवा हो सकती है | गिरती चट्टानें, टूटती सड़कें और बाढ़ का ख़तरा छोटा-मोटा नहीं होता |
तो अब बारिश में कहाँ घूमने जाया जाए ? चलो राजस्थान चलते हैं, जहाँ बारिश कम आती है मगर मौसम ठंडा रहता है |
इस मॉनसून राजस्थान के इन शहरों में घूम आइए :
1. माउंट आबू
माउंट आबू का पुराना नाम 'अर्बुदारन्य' है जिसका मतलब है - 'अर्बु के जंगल' | अरावली की पहाड़ियों से घिरा ये शहर बारिश में हरा-भरा हो जाता है |
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गुरु शिखर: ये राजस्थान की ही नहीं, बल्कि अरावली पर्वतों की सबसे ऊँची चोटी है | शिखर पर भगवान दत्तात्रेय को समर्पित सफेद मंदिर भी है |
आबू रोड : मॉनसून में बनास नदी के पास आबू रोड की खूबसूरती देखते ही बनती है |
घूमने लायक और जगहें
अचलगढ़ का किला, ट्रेवर टैंक, क्रोकोडाइल पार्क, गौमुख मंदिर
सबसे नज़दीक एयरपोर्ट : 185 कि.मी. दूर उदयपुर के डबोक में माउंट आबू से सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है |
सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन : माउंट आबू से 40 कि.मी. दूर सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड है |
2. पुष्कर
शुरुआती बारिश में ही पुष्कर के चारों ओर अरावली की पहाड़ियाँ लहलहा जाती है | बारिश का पानी पहाड़ों से रिस्ता हुआ आकर पुष्कर के मशहूर कुंड में जमा होता है | लोग ऐसा मानते हैं कि इस पानी में नहाने से ना सिर्फ़ पाप धुलते हैं, बल्कि शरीर की कई बीमारियाँ भी ठीक हो जाती है |
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ब्रह्मा मंदिर : भारत में कुल 6 बृह्मा मंदिर हैं, जिनमें से सबसे जाने-माने मंदिरों में से एक पुष्कर में है |
सावित्री मंदिर : कहते हैं कि ब्रह्मा की पत्नी सावित्री, ब्रह्मा से नाराज़ होकर पहाड़ की छोटी पर जाकर बस गयी | आज वहाँ एक मंदिर बना है, जहाँ तक सीढ़ियों से या केबल कार से जा सकते हैं |
देखने लायक और जगहें
रंगजी का मंदिर (जहाँ विदेशी नहीं घुस सकते), कैमल सफारी, सनसेट पॉइंट
सबसे नज़दीक एयरपोर्ट : पुष्कर से सबसे नज़दीक एयरपोर्ट 146 कि.मी. दूर जयपुर इंटरनैशनल एयरपोर्ट के नाम से है |
सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन : पुष्कर से 11 कि.मी दूर अजमेर में सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है |
3. उदयपुर
बारिश में झीलों की नगरी उदयपुर के चारों ओर बनी 7 झीलें लबालब भर जाती हैं और आने वाले टूरिस्ट इनमें बोटिंग करने का भरपूर मज़ा लेते हैं | यहाँ की ख़ास राजपूती शैली की सभ्यता और आव-भगत को राजस्थान में काफ़ी माना जाता है |
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सिटी पैलेस : पिचोला झील से लग कर ही उदयपुर शहर का महल खड़ा है जो अपनी राजपूती वास्तुकला के कारण खूब जाना जाता है |
लेक पैलेस : पिचोला झील के एक ओर तो सिटी पैलेस है, मगर झील में पानी के बीचों-बीच लेक पैलेस भी बना है, जिसमें उदयपुर का शाही परिवार गर्मियों में रहा करता था | ये महल सफेद संगमरमर से बना है और अब यहाँ ताज होटल कंपनी एक बेहद शानदार पाँच सितारा होटल चलाती है |
देखने लायक और जगहें
जगदीश मंदिर, फ़तेह सागर झील, सहेलियों की बाड़ी, सुखाड़िया सर्कल
सबसे नज़दीक एयरपोर्ट : उदयपुर में शहर से 22 कि.मी दूर अपना खुद का एयरपोर्ट है |
सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन : शहर में ही अपना रेलवे स्टेशन भी है |
4. अलवर
अलवर से 40 कि.मी. दूर सरिस्का टाइगर रिज़र्व है और केवलादेव नैशनल पार्क 10 कि.मी. दूर है | बारिश के बाद दोनों ही जगह बाहर की प्रजातियों के पक्षी आ जाते हैं | सुहाने मौसम के साथ जंगली जीवन भी खिल उठता है |
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भानगढ़ का किला : भारत के सबसे भूतहा किलों में से एक है, जहाँ रात को रुकने से भारत का पुरातत्व विभाग भी सख़्त मना करता है | मगर दिन की रोशनी में टूरिस्ट दिनभर यहाँ पिकनिक मनाते दिख जाते हैं |
देखने लायक और जगहें
अलवर किला, सिलीसेट झील
सबसे नज़दीक एयरपोर्ट : अलवर से 162 कि.मी. दूर सांगानेर में सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है |
सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन : अलवर शहर में ही अपना रेलवे स्टेशन भी है जो राज्य की राजधानी जयपुर से अच्छी तरह से जुड़ा है |