गुलाबी नगरी जयपुर में आएँ और इस शहर से प्यार न हो जाए, ऐसा नहीं हो सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ की इमारतें, महल और स्मारक बड़े प्यार से बनवाये गए हैं।
इन्हीं स्मारकों में से एक है जयपुर राजपरिवार का बनवाया हुआ जलमहल। कभी राजाओं के आराम करने का महल हुआ करता था।
18वीं सदी में जब जलमहल का निर्माण करवाया गया तब यह अपने आप में एक अजूबा था कि एक महल जो पानी की झील के बीचों बीच स्थित हो। तब यह झुलसा देने वाली गर्मियों से भी राहत देता थी और साथ में ही राजा और रानियों की निजता का भी ख़याल रखता था।
जलमहल : एक अजूबा
यह शानदार स्मारक जयपुर की मानसागर झील के बीच में बना है। इसकी बनावट देख कर ऐसा लगता है मानो ये कोई छोटा सा टापू हो। अगर लोकप्रियता की बात करें तो जयपुर के कई और स्मारकों को जलमहल से ज़्यादा तवज्जो मिलती आयी है। जलमहल को वो पहचान नहीं मिल पायी जिसका ये हकदार है।
जलमहल का अर्थ है जल का महल; मतलब ऐसा महल जो पानी से घिरा या पानी में डूबा हुआ हो। ऐसा माना जाता है कि जलमहल की नींव के अलावा जलमहल की कुछ मंजिले भी पानी में डूबी हुई हैं, और यही इसकी सबसे खूबसूरत और खास बात भी है।
तीन तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई है मानसागर झील और झील के बीचों बीच है जलमहल। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। आज के तेज़ रफ़्तार जयपुर में जलमहल को सबसे शांत जगह भी कहा जा सकता है जहाँ आप शांति से प्रकृति और इंसान के बनाए हुए अनूठे संगम को देख सकते हो।
यह पर्यटन स्थल राजस्थान सरकार द्वारा संरक्षित है। जलमहल की तस्वीर जयपुर पर्यटन की पहचान बन गयी है। कुछ साल पहले ही इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू करवाया गया था ताकि इसका ऐतिहासिक वैभव इसे लौटाया जा सके। मरम्मत के काम के बाद इसकी खूबसूरती और बढ़ गयी।
जलमहल कोई आम राजस्थानी महल नहीं है। ये पाँच मंज़िला महल आधे से ज़्यादा तो हमेशा मानसागर झील के पानी में डूबा हुआ रहता है। लाल बलुआ पत्थरों से बने महल का रंग गुलाबी नगरी की तर्ज़ पर ही हल्का गुलाबी, या नारंगी सा दिखता है। महल की खिड़कियाँ राजपूती वास्तुकला और छतरियाँ व मीनारें मुग़ल वास्तुकला के बेहद खूबसूरत नमूनें हैं।
जलमहल से जुड़े कुछ राज़
शहरी आबादी से दूर बने इस ढाँचे को महल तो कहते हैं ,मगर इसमें कोई कमरा ही नहीं है। बस चारों तरफ गलियारे और छत पर बगीचा ही है। इसके गलियारों और छत पर से जयपुर शहर, नाहरगढ़ किले और अरावली की घाटियों का नज़ारा दिखता है।
महल में कोई कमरा नहीं होने से कई पुरातन वैज्ञानिक और सैलानी बड़े हैरान होते हैं। कई लोग मानते हैं कि ये रजवाड़ों के लिए गर्मियों के दिनों में पड़ाव के जैसा था, जहाँ राजा साहब बत्तख आदि चिड़ियों के शिकार का आनंद लेते थे। जिस झील में जलमहल बना है, वो भी राजा साहब के आदेश पर बनायी गयी थी। महल किस राजा के आदेश पर बना ये तो पता नहीं, मगर आखिरी बार महल का जीर्णोद्धार राजा जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। आज रजवाड़ों के कई रहस्यमय किस्से और कहानियों के बीच भी ये महल छाती तान के खड़ा है।
अगर हमें लगे कि रात को जयपुर में देखने के लिए कुछ नहीं बचा तो जलमहल चले जाइये। रात के अँधेरे में पानी के बीच चमचमाता जलमहल देख कर होश उड़ जायेंगे।
जयपुर में जलमहल तक कैसे पहुँचें?
जयपुर शहर में चाहे जहाँ हो, जलमहल पहुँचने के लिए आसानी से कैब या ऑटो मिल जाते हैं। जयपुर हवाई अड्डे से जलमहल पहुँचने में करीब 40 मिनट लगते है। आप चाहें तो इसे मानसागर झील के किनारे से निहार सकते हैं, या झील में बोटिंग भी कर सकते हैं।
जल महल के आसपास घूमने के लिए...
ज़्यादातर पर्यटन स्थल जल महल के आस-पास ही हैं। ये देखिये घूमने के लिए बढ़िया जगहें:
1) आमेर का किला
जयपुर का ख़ास है आमेर का किला। कहा जाता है कि इसकी नींव ग्यारहवीं सदी में रखी गयी थी। वक़्त के साथ धीरे धीरे राजपूत राजाओं ने इसमें कई सुधार और करवाए। आज ये राजसी वैभव, राजपूती शान और विस्तृत वास्तुकला के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
2) हवा महल
अगर हम जयपुर जाएँ और हवामहल ना घूमें तो हम जयपुर पूरी तरह से नहीं घूम पाएँगे । यह स्मारक शाही महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि वो महल से ही गुलाबी नगरी की रोज़मर्रा की हलचल देख सकें पर कोई उनको ना देख पाएँ। आज लाल बलुआ पत्थर से बना ये स्मारक जयपुर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।
3) सिटी पैलेस
हम सभी में राजपरिवारों और उनकी जीवनशैली को जानने की उत्सुकता रहती है। आप भी जयपुर राजपरिवार के राजसी वैभव को जयपुर के सिटी पैलेस में देख सकते है। यहाँ म्यूजियम में कई पुरानी कलाकृतियाँ सहेज कर रखी गयी हैं। सिटी पैलेस सही मायनों में जयपुर की असली पहचान है।
जलमहल के पास यहाँ रह सकते हैं....
1) ट्राइडेंट जयपुर होटल: ₹4000
2) द हेरिटेज पैलेस: ₹3000
3) होटल मलक महल पैलेस: ₹1800
जल महल के पास बढ़िया खाने के ठिकाने :
1) ट्रॉयडेंट होटल - राजस्थान के व्यंजनों में भी राजपरिवार की शाही रसोई का स्वाद लेने के लिए जलमहल के ठीक सामने ट्रॉयडेंट होटल में जा सकते हैं, जहाँ हमें राजस्थान के कुछ चुनिंदा पकवान मिलते हैं, जो अपने असली स्वाद ले लिए प्रसिद्ध हैं।
2) रेनबो रेस्त्रां: यह रेस्टोरेंट मान सागर झील के ठीक सामने स्थित है। हम यहाँ बजट में भारतीय व्यंजनों के स्वाद का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहाँ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं।
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