हवामहल जयपुर के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है । अगर आप जयपुर आए हो और हवामहल नहीं गए तो आपने जयपुर में कुछ देखा ही नहीं...
1. हवा महल तक कैसे पहुंचे ??
हवामहल बड़ी चौपड़ के निकट स्थित है जहां आप पहुँचने के लिए मेट्रो,टैक्सी, ऑटो, बस या रिक्शा ले सकते हैं। अगर आप जयपुर शहर में है और आपके नजदीक कोई मेट्रो स्टेशन है तो आपको बड़ी चौपड़ के लिए मेट्रो पकड़ लेनी चाहिए यह सस्ता भी होगा और समय भी कम लगेगा ।
जयपुर एयरपोर्ट से हवामहल की दूरी 12 km है।
2. हवा महल घूमते समय इन बातों का खास ध्यान रखे -
हवा महल जाने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा रहेगा आपके लिए क्योंकि अगर आप जल्द से जल्द जाते है। तौ आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होगा और साथ ही साथ सुबह का नजारा भी अद्भुत देख ने को मिलेगा। सुबह के बाद में दिन में सड़कों पर भीड़ हो जाती है उस समय काफी शोर हो जाता है।
म्यूजियम शुक्रवार को बंद रहता है। इसलिए यदि अन्य दिनों में यात्रा की योजना बनाये तो ज्यादा अच्छा होगा।
आराम दायक जूते पहने क्योंकि आपको बहुत चलना होगा और यहां तक कि कई सीढ़ियां भी चढ़नी होंगी।
कई नीची दीवारें हैं। इसलिए, सावधानी से चलें और सुरक्षा निर्देश का पालन करें।
Hawa Mahal Jaipur घूमने का समय है सुबह 9:30 से शाम 4:30 बजे तक।
3. हवा महल के अन्दर जाने का कितना शुल्क है -
Hawa Mahal Jaipur को देखने का शुल्क 50 रुपए है भारत के निवासियों के लिए।
विदेशी पर्यटकों का शुल्क 100 रुपए है।
फोटोग्राफी के लिए कैमरे शुल्क अलग से 10 रुपए है।
हवा महल का इतिहास
सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी के द्वारा हवामहल का निर्माण करवाया गया था । लाल और गुलाबी पत्थर से बने इस महल के मुख्य वास्तुकार लाल चंद उस्ताद थे और माना जाता है कि इस महल का निर्माण हिंदू देवता कृष्ण के मुकुट के रूप में हुआ था।
2. हवा महल बनाने का उद्देश्य
इस महल को बनाने का प्राथमिक उद्देश्य शाही महिलाओं को एक अलग स्थान देना था।
हवा महल से, वे खिड़कियों के माध्यम से त्योहार के रोजमर्रा के जीवन और उत्सव का आनंद ले सकते हैं, क्योंकि वे बिना घूंघट के सार्वजनिक रूप से बाहर जाने की अनुमति नहीं देते हैं।
हवा महल मुख्य सिटी पैलेस का एक हिस्सा था, और शाही परिवार चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए यहां आया करते थे क्योंकि यह महल हमेशा शीतल रहता था।
3. हवा महलके बारे में कुछ खास बातें
हवामहल पांच मंजिला इमारत है जोकि बिना नीव के खड़ी है । इसकी ऊंचाई 87 फिट है । इसके अंदर 953 झरोखे और खिड़कियां है ।
इसे पैलेस ऑफ विंड के नाम से भी जाना जाता है।