अगर आप राजस्थान घूमने गए है तो आप इस राज्य की कई जगहों से परिचित होंगे । यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है जैसे किले, झीलें, रेगिस्तान, वाइल्डलाइफ, बड़े व पुराने शहर और उन शहर की बेहतरीन गलियाँ। जब आपके पास इतना कुछ देखने को हो तो कुछ ना कुछ तो हम से नज़रंदाज हो ही जाता है, ऐसे ही एक शहर का नाम है धौलपुर, जिसे आपको अपनी यात्रा की लिस्ट में जल्द ही जोड़ लेना चाहिए।
धौलपुर, जहाँ का लाल पत्थर पूरे देश में मशहूर है, इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है की यहाँ का लाल पत्थर दिल्ली के लाल किले व कई अन्य इमारतों में लगा है । यह शहर अभी भी पर्येटकों की भीड़-भाड़ से बचा हुआ है, हालांकि यहाँ आपको देखने के लिए वह हर चीज़ मिलेगी जिसकी आशा आप राजस्थान के किसी भी शहर को घूमते समय करते हैं, चाहे वो किला हो या बावड़ी, चाहे वो यहाँ की वाइल्डलाइफ हो या यहाँ के मंदिर, या आपको प्रकृति के करीब रहना पसंद हो, धौलपुर आपको निराश नहीं करेगा । तो चलिए जानते है इस शहर की कुछ बातें जो आपको इसे जानने और यहाँ घूमने के लिए प्रेरित करेंगे ।
धौलपुर कैसे पहुँचे ?
वायु मार्ग से- धौलपुर का निकटतम एयरपोर्ट आगरा में है जो यहाँ से 55 कि.मी. दूर स्थित है । आप आगरा उतर कर धौलपुर के लिए प्राइवेट टैक्सी कर सकते हैं जो कि आपको धौलपुर को घूमने मे भी काफी मददगार होगी ।
रेल मार्ग द्वारा- धौलपुर उत्तर मध्य रेलवे का एक व्यस्त रेलवे जंक्शन है क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राजस्थान और भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है, तो आप ट्रेन के जरिये यहाँ आसानी से पहुँच सकते है ।
सड़क मार्ग द्वारा- धौलपुर का अपना बस स्टैंड है जो कि नियमित बसों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तो आप यहाँ बस के माध्यम से पहुँच सकते है और घूमने के लिए कोई प्राइवेट टैक्सी या ऑटो कर सकते है ।
धौलपुर कब आएँ ?
धौलपुर घूमने के दो आदर्श समय है अगर आप यहाँ कि भव्य ऐतीहासिक इमारतों, झरनो और प्रकृति के बीच समय बिताने के लिए आना चाहते हैं तो आप जुलाई से सितंबर के बीच में आ सकते है ताकि आप यहाँ की हरियाली का आनंद ले पाएँ । और अगर आप वन्यजीव या पक्षी प्रेमी है जो कि वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी की चाह में धौलपुर जा रहे है तो आपके लिए फरवरी से जून के बीच का समय बढ़िया रहेगा ।
धौलपुर में क्या करें
1. मुचकुंद में अध्यात्म का अनुभव करें
मुचकुंद धौलपुर शहर से लगभग 4 कि.मी. दूर है। यह एक प्राचीन धार्मिक स्थल तो है ही साथ ही साथ यह जगह शानदार नजारे देखने का भी मौका देती है। इस स्थान का नाम राजा मुचकुंद के नाम पर रखा गया है, जो सूर्यवंशी राजवंश के 24 वें राजा थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने भगवान राम से पहले उन्नीस पीढ़ियों का शासन किया था। यहाँ के कुण्ड में स्नान कीजिये और आपको पुष्कर की याद आ जाएगी ।
2 . तालाब-ए-शाही व खानपुर महल में इतिहास को याद कीजिये
यह जगह धौलपुर से 27 कि.मी. दूर है और यहाँ पर है एक शानदार झील जिसे तालाब शाही नाम से जाना जाता है और खानपुर महल । झील और महल का निर्माण 1617 ई में राजकुमार शाहजहाँ के शिकारगाह के रूप में किया गया था। यकीन मानिए इस जगह को देखते ही आप इसे अपने कैमरे में कैद करने का मन बना लेंगे । इस झील में आपको बड़ी संख्या में विंटर माइग्रेटरी बर्ड्स जैसे पिंटेल, शावलर, रेड-क्रेस्टेड पॉचर्ड, कॉमन पॉचर्ड, टफटेड डक, गार्गी टील सरीखी कई बर्ड्स मिल जाएगी ।
3. नेशनल चंबल सेंक्चुरी मे घड़ियाल व डॉल्फ़िन देखें
जी हाँ आपने सही सुना, चंबल में डॉल्फ़िन। चंबल नदी उत्तर भारत की सबसे कम प्रदूषित नदियों में से एक है, जिसमें वनस्पतियों और जीवों की एक समृद्ध विविधता है। राष्ट्रीय चंबल (घड़ियाल) वन्यजीव अभयारण्य में आपको दुर्लभ गैंगटीक डॉल्फिन देखने का मौका भी मिल सकता है जो कि चंबल में सिर्फ यहीं पाई जाती है, साथ ही साथ आप नदी में कई फीट लंबे मगरमच्छ व लुप्त होते घड़ियालों को भी देख सकते है । आप यहाँ पर चंबल बोट सफारी पर भी जा सकते हैं और साथ में एक गाइड कर सकते है ।
4 . दमोह झरना
सरमथुरा में स्थित यह झरना पूरे जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बरसात के मौसम [जुलाई-सितंबर] में पूरी तेज़ी से चलता है । इसके अलावा, दमोह में कई जंगली जानवरों के साथ एक लंबी और हरी वन श्रेणी है। आप चाहें तो झरने तक ट्रेक भी कर सकते है जो अपने आप में एक रोमांचक गतिविधि है ।
5 . शेरगढ़ किले से ले ढोलपुर का नज़ारा
धौलपुर के दक्षिण में स्थित, शेरगढ़ किला जोधपुर के राजा मालदेव द्वारा बनाया गया था। इस ऐतिहासिक स्मारक को अतीत कि बारीक स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण माना जाता है। नक्काशीदार चित्रों, हिंदू देवताओं और जैन रूपांकनों की मूर्तियों से सुसज्जित, शेरगढ़ किला कभी पानी से सुरक्षित था और इसे आज भी धौलपुर का आकर्षण माना जाता है।
6. वन विहार और रामसागर वन्यजीव अभयारण्य
वन विहार और रामसागर धौलपुर के दो अलग अलग अभयारण्य है जो क्रमशः 18 कि.मी. और 36 कि.मी. दूर है । वन विहार, विंध्यन पठार पर स्थित है, जहाँ ढोक और खैर के पेड़ों की बहुतायत है । यह सांभर, चीतल, ब्लू बुल, जंगली सूअर, स्लॉथ बीयर, हाइना और तेंदुए जैसे जानवरों का निवास है। आप यहाँ पर इन सभी जीवो के साथ साथ कुछ पुराने स्मारकों को भी देख सकते है ।
अगर आपके पास समय है तो धौलपुर में शिव मंदिर, निहाल टावर (घंटा घर), शेर शिखर गुरुद्वारा, शाही बावड़ी जैसी कई और चिजें भी हैं जिन्हें आप एक्सप्लोर कर सकते हैं ।
धौलपुर में कहाँ रुकें ?
1. होटल कैलाश
किराया- ₹1000 दो लोगों के लिए ।
2. होटल हेरिटेज व्यू
किराया- ₹2500 दो लोगों के लिए (खर्च मे सुबह का नाश्ता शामिल है )
3. राज निवास पैलेस
किराया- ₹ 14000 दो लोगों के लिए (पूरे दिन का भोजन शामिल )
अब जब आपको हम ने राजस्थान के अनछूए पहलू के बारे में बता दिया है तो जाइए और एक्सप्लोर कीजिये क्योंकि यह राजस्थान है साहब यहाँ तो जाने क्या दिख जाए।