आजकल ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने लगी है जो यात्रा करने की अहमियत को समझने लगे हैं, खासकर कोविड काल के बाद। अब लोग समझ चुके हैं कि अगर आप अपनी जिंदगी पूरी तरह से जीना चाहते हैं तो आपको अपनी व्यस्त जिंदगी के कारण अपनी योजना में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि भविष्य के बारे में कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता। लिहाजा भारत के तमाम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर जाने वाले पर्यटकों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसलिए कई यात्रा प्रेमी छिपे हुए रत्नों की तलाश कर रहे हैं जो प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की तुलना में कहीं भी कम नहीं हैं लेकिन फिर भी जो पर्यटकों की भीड़ से दूर हैं और कम व्यवसायिक भी हैं। तो आज हम आपको राजस्थान और यहां तक कि पूरे भारत के पर्यटन के बेस्ट छिपे हुए रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह जगह इतनी छिपी हुई है कि जब हम इस जगह पर गए तो इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर हम हैरान रह गए और साथ ही हम इस बात से भी चौंक गए कि हमारी मानसून यात्रा के दौरान वहां कोई अन्य पर्यटक नहीं घूम रहा था।
जी हां, हम बात कर रहे हैं चाचा कोटा की जो राजस्थान राज्य के बांसवाड़ा शहर में है। बांसवाड़ा शहर कितना खूबसूरत है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसे "100 द्वीपों का शहर" भी कहा जाता है।
राजस्थान की इस छिपी हुई खूबसूरत जगह के बारे में कोई नहीं जानता जहां आपको साफ बहती नदी, इतने सारे खूबसूरत द्वीप, हरी-भरी पहाड़ियां और वह भी बिना पर्यटकों की भीड़ के मिलेगी।
यहां पहुंचने के बाद आप भूल जाएंगे कि आप राजस्थान के रेगिस्तानी राज्य में हैं।नदी के किनारे तेज और ताजी हवा... गोल आकार की हरी-भरी पहाड़ियां, छोटे-छोटे द्वीप, नदी में तैरती खूबसूरत नावें, मनमोहक शांति भरा माहौल और सुकून देने वाली पक्षियों की आवाजें... ये सब देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। ये सब वो आंतरिक और वास्तविक खुशी देते हैं जिसकी हर कोई तलाश करता है।
जब हम वहां पंहुचे, हम वास्तव में यह देखकर चकित थे कि रिसॉर्ट, होटल और यहां तक कि सामान्य घरों जैसा कुछ भी नहीं है। हम केवल कच्ची झोपड़ियों और कुछ गरीब किसानों को खेती करते और उनके बच्चों को खेलते हुए देख पा रहे थे। यह हमारे लिए बेहद चौंकाने वाला था कि इस तरह की छिपी हुई सुंदर जगह, जहां ना जाने कितने पर्यटक लाइन में लग सकते हैं, यहां कोई विकास नहीं हुआ और जब हम चाचा कोटा पहुंचे तो वहां कोई पर्यटक भी नहीं था।
हम वास्तव में चाहते हैं कि लोग इस जगह के बारे में जानें ताकि राजस्थान की छिपी सुंदरता हमारे देश और दुनिया के सामने आ सके। साथ ही इससे इस खूबसूरत जगह के आसपास रहने वाले आदिवासी लोगों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी।
बांसवाड़ा सिटी से चाचा कोटा कैसे पहुंचे?
यह बांसवाड़ा शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है और प्रसिद्ध स्थान कागदी पिकअप वियर के पास गाँव की ओर एक मोड़ है और मोड़ लेने के बाद आपको दो प्राचीन और विशाल कल्प वृक्ष दिखेंगे। बस उसी रास्ते पर करीब 14 किलोमीटर आगे चलकर आप चाचा कोटा पहुंच सकते हैं। साथ ही इस छिपी हुई जगह आप गूगल लोकेशन को फॉलो करके भी आसानी से पहुंच सकते हैं।आप इसके लिए अपना खुद का वाहन या फिर ऑटो वगैरह ले सकते हैं।
टिकट या प्रवेश शुल्क
इस खूबसूरत जगह पर जाने के लिए अभी तक कोई टिकट या प्रवेश शुल्क नहीं है।
यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय
बांसवाड़ा दक्षिण राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है, जहां साल में कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन अगर आप चारों ओर हरी-भरी हरियाली और कई बेहतरीन मनोरम दृश्य देखना चाहते हैं, तो आपको मानसून में या मानसून के बाद सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए।
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या फिर हमारा बांसवाड़ा के पर्यटन स्थलों का Vlog भी देख सकते हैं
कैसे पहुंचे बांसवाड़ा ?
हवाई मार्ग द्वारा:
निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है जो बांसवाड़ा शहर से 156 किमी दूर है।
सड़क मार्ग द्वारा:
बांसवाड़ा राज्य राजमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा जयपुर, उदयपुर, इंदौर और अहमदाबाद शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग द्वारा:
मध्य प्रदेश में रतलाम जंक्शन बांसवाड़ा से निकटतम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली, जयपुर, इंदौर और अहमदाबाद से रतलाम जंक्शन के लिए अच्छी रेल कनेक्टिविटी है। रतलाम शहर से बांसवाड़ा लगभग 85 किलोमीटर दूर है।
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