बचपन में हर किसी ने मेला देखा होगा। आज की तकनीकी दुनिया में मेला जैसे शब्द पुराने लगते हैं। लेकिन जब पुष्कर मेले का जिक्र होता है, तो हर कोई उसको देखने की चाहत रखता है। पुष्कर मेले के बारे में सोचकर ही मन खुश हो जाता है। चारों तरफ ऊँट ही ऊँट और उनके बीच घूमते आप। इस मेले में सिर्फ लोग ही नहीं सजते हैं, ऊँट भी सजे-धजे रहते हैं। दिन में आप रेगिस्तान में ऊँटों को देखते हैं और शाम में उसी रेत में संगीत के सरोबार में डूबने लगते हैं। ऐसा ही कुछ माहौल होता है पुष्कर मेले का। अगर आप पुष्कर मेला जा रहे हैं तो हम आपको बता देते हैं कि वहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं।
पुष्कर मेले के रंग
पुष्कर मेला राजस्थान का सबसे फेमस फेस्टिवल है। ये हर साल सर्दियों की शुरूआत में होता है। इस बार पुष्कर मेला 04 नवंबर से 12 नवंबर तक है। रेत के मैदान में लगभग तीस हजार ऊँटों को देखना वाकई अद्भुत होगा। ऊँटों के अलावा आप यहाँ राजस्थान की कला और संस्कृति से भी परिचित होते हैं। यहाँ आप पपेट शो जैसी कई कलाबाजियाँ देख सकते हैं। यहाँ आप राजस्थान का हैंडीक्राॅफ्ट, ज्वैलरी और कई प्रकार के सामान भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा इस मेले में फेमस लोक गायक भी आते हैं। इन सबको सुनने का मौका पुष्कर मेला ही देता है। इस मेले का एक फेमस स्टाॅल है, कैमल करिश्मा। जहाँ राजस्थान के राइका और राबारी समुदाय द्वारा बनाए गए ऊँट के ऊन से बने शाॅल और गर्म कपड़े मिलते हैं। इसके अलावा कई और उत्पाद भी मिलते हैं।
पुष्कर आए और पुष्कर लेक को नहीं देखा तो पुष्कर आना बेकार होगा। इसलिए लेक सरोवर के किनारे-किनारे पैदल चलें और इस जगह की खूबसूरती को देखें। यहाँ की फेमस महाआरती को देखना न चूकें। जिसमें भजन और शास्त्रीय संगीत की धुनें रूमानी माहौल बनाकर रखती हैं। इसके बाद शाम को पुष्कर मेला ज़रूर रहना चाहिए। शाम के वक्त हजारों ऊँटों के बीच से रोशनी वाले हजारों गुब्बारों को आसमान में देखने से ज्यादा सुंदर नज़ारा और कुछ नहीं हो सकता। इसके अलावा डूबते सूरज के साथ ऊँट की सफारी का मज़ा भी इस मेले में ले सकते हैं।
आस्था का भी एक रंग
एक तरफ जहाँ इस मेले को देखने उसकी खूबसूरती और ऊँटों की वजह से आते हैं। तो दूसरा पक्ष धर्म और आस्था का भी। राजस्थान के लोग इस मेले में आस्था की वजह से ही आते हैं। इस फेस्टिवल की शुरूआत ही लेक में स्नान करने से होती है। ये स्नान एकादशी से पूर्णिमा के दिन तक होता है। जिसमें स्नान करना बहुत पुण्य माना जाता है। इसलिए इस मेले में बहुत लोग इसलिए आते हैं कि वे लेक में स्नान करकें पुण्य के भागीदार बनें। श्रद्धालुओं के अलावा पुष्कर में स्नान के लिए साधु-संतों की कई टोलियाँ भी आती हैं।
आखिर पुष्कर मेला क्यों?
कार्तिक के हिंदू महीने में होने वाले पुष्कर मेला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय व्यापारियों को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, पुष्कर के कार्यक्रम में हज़ारों गायों, भेड़ों, ऊँटों आदि को एक साथ लाता है। ये मेला राजस्थान के दिलचस्प अनुष्ठानों और विभिन्न संस्कृति को देखने के लिए एक यात्रा है।
मेले के इतर पुष्कर
पुष्कर, सिर्फ इस मेले की वजह से नहीं जाना जाता है। पुष्कर अपने आप में एक खूबसूरत शहरों की लिस्ट में गिना जाता है। पुष्कर में वर्ल्ड फेमस ब्रम्हा का मंदिर के बारे में तो सबको पता होगा। उसके अलावा पुष्कर में 400 मंदिर भी हैं, जिनको देखा जा सकता है। पुष्कर से 15 कि.मी. दूर अजमेर भी है। जहाँ अजमेर दरगाह है और तारागढ़ फोर्ट भी है।
स्वाद में पुष्कर
राजस्थान आओ और यहां का जायका ना लिया तो बात सही नहीं बैठती। पुष्कर में हो तो यहाँ का पारंपरिक भोजन लेना तो बनता है। उसके लिए सबसे अच्छी जगह है, गौ घाट। ये जगह स्ट्रीट फूड के लिए जानी जाती है। यहाँ आपको मिलेगा मज़ेदार मालपुआ और दाल कचौरी, वो भी गरमा-गर्म कढ़ी के साथ। अगर आपको लेक और शहर का शानदार नज़ारे को देखते हुए खाने का ज़ायका लेना है तो पहुँच जाइए, सनसेट कैफे।
एक सलाह
पुष्कर मेला ऊँटों का दुनिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल है। वैसे तो पुष्कर बहुत सस्ता है लेकिन मेले की वजह से बहुत भीड़ होती है। ठहरने की सारी जगहें भर जाती हैं और सारी जगहों की कीमतें बढ़ जाती हैं। इसलिए अगर आप पुष्कर मेले में जाने की सोच रहे हैं तो ठहरने का ठिकाना पहले से पक्का करके जाइए। क्योंकि अगर आप वहां बिना किसी ठिकाने के गए तो आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है।
कैसे पहुँचे?
पुष्कर पहुँचना बहुत आसान है क्योंकि ये शहर ट्रांसपोर्ट में बढ़िया से कनेक्टेड है। आप चाहे तो सड़क मार्ग से आ सकते हैं, ट्रेन और फ्लाइट से भी आ सकते हैं। फ्लाइट से पहुँचने के लिए सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जयपुर में है जो पुष्कर से 145 कि.मी. दूर है। जहाँ से पुष्कर पहुँचने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। ट्रेन से जाने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन अजमेर में है। जो पुष्कर से सिर्फ 15 कि.मी. दूर है। जहाँ से आप टैक्सी से आराम से पुष्कर पहुँच सकते हैं।