पंजाब दिवस पर जानिए पंजाब का ईतिहास - देखिए कौन सी जगहें है देखने के लिए खास

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Photo of पंजाब दिवस पर जानिए पंजाब का ईतिहास - देखिए कौन सी जगहें है देखने के लिए खास by Dr. Yadwinder Singh
Day 1

दोस्तों पंजाब पांच नदियों की धरती है |
यह पांच नदियां हैं सतलुज, रावी, बयास, जेहलम और चिनाब लेकिन 1947 ईसवी में पंजाब को दो हिस्सों में बांट दिया गया |एक हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया गया | एक हिस्सा भारत को।
दोस्तों पंजाबियों ने हमेशा ही बहादुरी से हर मुश्किल का सामना किया है कयोंकि पंजाब की लोकेशन भारत के उत्तर पश्चिम भाग में बारडर पर है तो सदियों से हमें हमलावरों का सामना करना पड़ा|  सिकंदर के हमले से लेकर अफगानों, मुगलों, तुरकों, ईरानियों तक ने दिल्ली जीतने के लिए पंजाब को निशाना बनाया। पंजाब ने भी पूरी दलेरी से इनका मुकाबला किया। सिंधु घाटी की सभय्ता भी इसी ऊपजाऊ भूमि में ही फली फूली  संघोल, रोपड़ सिंधु घाटी सभयता के पुराने केंद्र हैं | पंजाब में। 1469 ईसवी में गुरु नानक देव जी ने जनम लिया और उन्होंने पंजाब को एक नया धर्म दिया  पहले पांच गुरू ने शांतिपूर्ण प्रचार किया और भगवान के नाम जपने पर जोर दिया। जब मुगलों ने सिख धर्म को शाही ताकत से कुचलने की कोशिश की तब छठे गुरू हरिगोबिन्द जी ने तलवार ऊठा ली  जहांगीर बादशाह को चुनौती देकर अकाल तख्त का निर्माण किया जो सिखों का पहला तख्त है। फिर संत सिपाही गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को सिंह नाम दिया और अमृत छका कर शेर बना दिया। महाराजा रणजीत सिंह ने खालसा राज्य बनाया | मुगलों की राजधानी लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। लेह, लद्दाख से लेकर अफगानिस्तान तक सिख सामराज्य फैल गया था। 1849 ईसवी में पंजाब अंग्रेजों के अधीन आ गया, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, करतार सिंह सराभा, ऊधम सिंह जैसे पंजाबियों ने देश के लिए कुरबानी दी। 1947 ईसवी के बटवारे में पंजाबियों का बहुत नुकसान हुआ, धर्म के आधार पर दंगे हुए पाकिस्तान में पंजाबियों को अपनी मिट्टी, जमीन, घर कारोबार छोडकर भारत के पंजाब वाले हिस्से में आना पड़ा, लाखों लोग ऊजड़ गए। फिर भी पंजाब  अपनी मेहनत से फिर खड़ा हो गया। 1 नवंबर 1966 ईसवीं को भाषा के आधार पर पंजाब से निकलकर हरियाणा का गठन हुआ, पहाड़ी होने से हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। पंजाब के लोग जिंदादिल, मेहनती और खुशमिजाज हैं, पंजाब, पंजाबी और पंजाबीयत के जज्बे को सलाम हैं।  पंजाब में घूमने के लिए अमृतसर, सवर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग, आनंदपुर साहिब, दमदमा साहिब, नंगल , तरनतारन, गोईदवाल साहिब, खडूर साहिब, हरीके पतन वाईल्ड लाईफ सेंचुरी, पटियाला शहर, बठिंडा किला, मुकतेशवर मंदिर पठानकोट, कीरतपुर साहिब, रोपड़, संघोल, फिरोजपुर, बाबा फरीद जी टीला फरीदकोट के एलावा भी बहुत कुछ है, यहां के हरेभरे खेत आपका मन मोह लेगे। आओ कभी पंजाब घूमने पंजाबी खाने और पंजाबी तहजीब का आनंद लेने ।यह पोस्ट पंजाब के सथापना दिवस को समर्पित हैं।

गोलडन टैंपल

Photo of Punjab by Dr. Yadwinder Singh

श्री अकाल तख्त साहिब

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गोबिंद गढ़ किला अमृतसर

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जलियांवाला बाग अमृतसर

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तरनतारन साहिब

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Day 2

पंजाब में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें है |
अमृतसर - यह शहर पंजाब का सबसे बड़ा टूरिस्ट सपाट है| सिख धर्म के चौथे गुरु रामदास जी द्वारा बसाया यह शहर दरबार साहिब गोलडन टैंपल के लिए मशहूर है जो सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है| जहाँ हर रोज लाखों श्रदालु माथा टेकने आते हैं| यहाँ पवित्र अमृत सरोवर बना हुआ है जिसके नाम पर ही इस शहर का अमृतसर नाम पड़ा | आप दरबार साहिब में ही आप श्री अकाल तख्त साहिब के साथ और बहुत सारे गुरुद्वारों के दर्शन कर सकते हो| इसके अलावा अमृतसर में आप जलियांवाला बाग में जाकर शहीदों को नमन कर सकते हो| अमृतसर में बहुत सारी जगह देखने लायक है जैसे रामबाग, गुरुद्वारा संतोख सर, गुरुद्वारा गुरु के महल, गोबिंद गढ़ किला, अटारी वाघा बार्डर, राम तीर्थ, दुर्गायाना मंदिर आदि| आप दो दिन में अमृतसर शहर को घूम सकते हो| यहाँ के बाजार में शापिंग कर सकते हो| अमृतसरी कुलचा, लस्सी का आनंद ले सकते हो|
तरनतारन - अमृतसर से 25 किमी दूर तरनतारन शहर है जो दरबार साहिब तरनतारन के लिए प्रसिद्ध है| यहाँ पर एक विशाल सरोवर है | इस गुरुद्वारा साहिब का निर्माण पांचवे गुरु अर्जुन देव जी महाराज ने करवाया था|
तरनतारन के आसपास गुरुद्वारा गोईंदवाल साहिब, खडूर साहिब, गुरुद्वारा बीढ़ बाबा बुढ़ा जी आदि गुरुद्वारा साहिब दर्शनीय है |
आनंदपुर साहिब - चंडीगढ़ से कोई 90  किमी दूर और रोपड़ से 45 किमी दूर शिवालिक की पहाड़ियों के पैरों में सतलुज नदी के पास बसा आनंदपुर साहिब सिखों के लिए एक पवित्र जगह है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी जिंदगी का काफी समय वयतीत किया| यहाँ पर सिखों के पांच तख्तों में से एक तख्त श्री केश गढ़ साहिब शुशोभित है| इसके अलावा विरासत ए खालसा, किला आनंदगढ़ साहिब, होल गढ़ साहिब और भी बहुत सारे ईतिहासिक गुरुद्वारा साहिब है जो दर्शनीय है| आनंदपुर साहिब के साथ गुरुद्वारा चमकौर साहिब, फतेहगढ़ साहिब भी बहुत ईतिहासिक गुरुद्वारा साहिब है जहाँ आप दर्शन कर सकते हो और पंजाब के ईतिहास को समझ सकते हो|
लुधियाना- लुधियाना पंजाब का सबसे बड़ा शहर है हालांकि यह एक औधोगिक नगर है जहाँ 200 से ज्यादा हौजरी कपड़े बनाने की फैक्ट्री है| आप यहाँ सस्ता कपड़े खरीद सकते हो| टूरिज्म के  लिए आप टाईगर सफारी, महाराजा रणजीत सिंह मयूजियिम और पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के अंदर बने अजायब घर को देख सकते हो|
पटियाला - यह पंजाब का शाही शहर है जहाँ आप किला मुबारक देख सकते हो| पटियाला में काली माता मंदिर, गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब, बारांदरी बाग, बहादुरगढ़ गुरुद्वारा साहिब आदि जगहों को देख सकते हो|
पठानकोट- यह पंजाब के बिलकुल उत्तर में जम्मू कश्मीर के साथ लगा हुआ शहर है जहाँ आप गुरुद्वारा बारठ साहिब,
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, शाहपुर कंडी और माधोपुर आदि जगहों पर घूम सकते हो|
बठिंडा- यह दक्षिणी पंजाब का एक अहम शहर है जहाँ आप बठिंडा किला और 30 किमी दूर तख्त श्री दमदमा साहिब आदि जगहों को देख सकते हो|
बठिंडा के पास श्री मुक्तसर साहिब भी दर्शन कर सकते हो|
फिरोजपुर- यह पंजाब का सरहदी शहर है जो पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है| यहाँ आप हुसैनीवाला बार्डर, शहीद भगत सिंह की समाधि और सारा गढ़ी गुरुद्वारा आदि जगहों पर यात्रा कर सकते हो|
आईये पंजाब घूमने के लिए....

तख्त श्री केश गढ़ साहिब

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तख्त श्री दमदमा साहिब

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बारांदरी बाग पटियाला

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काली मंदिर पटियाला

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गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब पटियाला

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