मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के ऐतिहासिक महत्व की नगरी ऊन में जन्म हुआ। माँ श्रीमती मीरा मधुकर और पिता स्व. श्री हरलाल मधुकर है। दोनों शिक्षक रहे इसका फायदा ये हुआ कि भाषा, विज्ञान और पढाई में बढ़िया हो गए। स्कूली पढाई यहीं के स्कूल से की फिर परिवार के पूर्वजों की तरह इंजीनियर बनने के लिए इंदौर आ गए। टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में कुछ साल इंजीनियरिंग में बर्बाद किये लेकिन इंजीनियरिंग की पढाई रास नहीं आई। इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल के कीड़े पूरी तरह मरे नहीं थे इसलिए 2006 में अपैरल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा किया फिर ग्रेजुएशन करके फैशन टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद मार्केटिंग में एमबीए भी हो गए। साथ ही साथ पिछले 13 साल से अपैरल / टेक्सटाइल / फैशन इंडस्ट्री के स्किल डेवलपमेंट, वोकेशनल एजुकेशन और यूनिवर्सिटी लेवल पर टीचिंग / ट्रेनिंग का जॉब भी करते रहे। लिखने – पढने, घुमने – फिरने, नई जगहों पर जाने और लोगों से मिलने – जानने का शौक पापा से बौद्धिक विरासत में मिला। हिंदी में कवितायेँ, लेख, कहानी, व्यंग्य एवं यात्रा वृतांत लिखते रहे। जॉब के चक्कर में भारत के कई राज्यों के बहुत से शहरों में जाने का मौका मिला तो घुमक्कड़ी के शौक को पंख मिले। इसी घुमक्कड़ी के अनुभवों को लिखना शुरू किया। लेखन की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली है। शौकिया लेखन पठन करते हैं। पढ़ाना, नाटक-नृत्य-संगीत, कवि सम्मेलन और मुशायरा जैसी सांस्कृतिक गतिविधियां देखना-सुनना और भाग लेना पसंद है। साथ ही देश की विविधताओं भरी संस्कृति, आर्ट एवं क्राफ्ट, खान-पान एवं पहनावे आदि के अध्ययन और प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थानों पर पर्यटन करना पसंद है। - कपिल कुमार kapil.apparels@gmail.com