मैं आदित्य..! वही उगता सूरज जो ढलते सूरज को देखने अक्सर समुंदर के किनारे जाया करता हूं! ख्वाहिश तो दुनियां घूमने की है पर अभी अपने आस पास की ही दुनियां के इर्द गिर्द घूमता हूं! इस सफर में मेरे साथ रहने के लिए बस अपना कुछ वक्त निकाल कर यहां आजाया करें! बाकी यहां से वहां ले जाना मेरा काम है! धन्यवाद