Jai baba ri 🙏
हैलो दोस्तों आज में आपको उस जगह के बारे में बताने जा रहा हूं। जिसको शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे क्योंकि हिन्दुस्तान में बहुत सारे ऐसे तीर्थ स्थल है जिनके बारे में सभी लोग जानते होंगे में बात कर रहा हूं राज्यस्तान के पोकरण जिले के नजदीक रामदेवरा धाम की
इतिहासकारों के अनुसार श्री कृष्ण के अवतार रामदेव जी का अवतार सन 1442 में भादवा सुदी दूज के दिन राजस्थान के पोकरण के ताम्र वंशी राजा अजमल के यहां हुआ था।
यहां लोगो की बहुत ही मनोकामना पूर्ण होती है क्यों कि बाबा जी यहां पर समाधि में लीन हुए थे और साथ में उनकी बहन डाली भाई जी उन्होंने भी समाधि ली थी और मंदिर के पास में बाबा जी की बाबड़ी है जहा पर बाबा जी ने तीर मार कर पानी निकला था उस बाबडी में पानी का रहस्य आज तक भी है इस बाबड़ी का जल आज भी लोग अपने घर पर ले जाते है मंदिर परिसर बहुत ही सुन्दर और बहुत ही बड़ा है मंदिर की दीवारों पर जो कलाकारी की हुईं हैं उसका नजारा देखते ही बनता है
यह सोभ्या मुझे मेरे परिवार के साथ जाने का मिला हम लोग रामदेवरा में by car गए थे हम लोग सुबह 5बजे चले थे और दोपहर को 2बजे रामदेवरा पहुंचे थे क्योंकि हमारे कलावाली हरियाणा से कम से कम 700 km पड़ता है कर वाले भाई ने non stop car driving कर के हमे दोपहर तक पहुंचा दिया रामदेवरा में बाजार बहुत ही बड़ा है हर और आपको धर्मशाला और होटल है । जिनमे आप अपने बजट के अनुसार रुक सकते हैं । हम ने सबसे पहले रूम लिया और फ्रेश होने के बाद मंदिर में माथा टेका और शाम को हम ने बहा पर बाबा जी की सबामनी का प्रसाद लगाया जो की हमारी मनोकामना पूर्ण हुई थी अगले दिन हम ने फिर मंदिर में माथा टेका और शॉपिंग करने चले गए रामदेवरा से चलने के बाद हम पोकरण जिले में चले गए जहा पर एक बहुत ही महशूर किला है ।
पोकरण के रूप में जाना जाने वाला किला 14 वीं सदी में निर्मित एक प्राचीन किला है।यह स्मारक थार रेगिस्तान में स्थित है। यह एक प्राचीन ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर स्थित है जहां से मसाले, नमक, और रेशम का फारस और अन्य देशों को निर्यात किया जाता था। यह राठौड़ वंश के चम्पावत शासकों का किला है। किले का गौरवशाली अतीत और इतिहास भारत तथा विदेश के विभिन्न भागों से पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करता हैं।
किले में हथियार, कपड़े, चित्र, और हस्तशिल्प के शाही संग्रह को प्रदर्शित करता एक संग्रहालय है। इसके अलावा, यहाँ एक शानदार पुस्तकालय है जिसमें महान राव बहादुर राजश्री, ठाकुर चैन सिंह जी पोकरण से सम्बद्ध पुस्तकों का अच्छा संग्रह है। पोकरण में भारत सरकार द्वारा परमाणु बम का भी परीक्षण किया गया था उस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी थे। वो जगह आज भी एक खाई की तरह बहुत बड़ा खड़ा है । जो की भारतीय सेना
के अधीन है जहा पर आम लोगो को जाना माना है l
पोकरण से निकल कर हम लोग नागोर की ओर चल पड़े पूरी रात driving करने के बाद हम नागोर में गए बहा पर भारत की सबसे बड़ी गऊशाला है नागोर के पास बाबा राम देव जी के भाई का मंदिर है बहा पर माथा टेकने के बाद हम लोग बापिस हरियाणा की ओर चल पड़े रास्ते में सालासर बालाजी धाम आने की वजह से हम ने बहा पर भी माथा टेका और बापिस चल रात के समय हम अपने होम टाउन पहुंचे
में आशा करता हूं कि आप को इस स्टोरी से कुछ जानकारी मिले
Thanks 🙏🥰