भारतीय रेलवे देश का ही भी अपितु दुनिया का सबसे बड़ा प्रतिष्ठान हैं। ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की भारतीय रेलवे देश की नब्ज है। लाखो लोग रोजाना रेलवे से सफर करते है । मैं व्यक्तिगत रूप से भारतीय रेलवे का प्रसंशक रहा हु।  मुझे रेलवे से सफर करना पसंद हैं। पिछले कुछ वर्षो में रेलवे में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। जैसे नई नई तेज रेलगाड़ियां शुरू हुई है। , रेलवे स्टेशनों का काया कल्प हुआ है।  सफाई भी थोड़ी बढ़ गई है।  और वैसे भी हमारा देश है ही इतना बड़ा और विशाल की यहां कोई भी बदलाव आसानी से नही होता । और अगर होता भी है तो वो बदलाव आसानी से दिखाई नही देता । एक बड़ी समस्या थी वो थी ।की हममें से काफी लोगो को रेलवे स्टेशनों पर कभी कभी घंटो इंतजार करना पड़ता था।  तो काफी बोरियत हो जाती थी। इसी समस्या को मद्दे नज़र भारतीय रेलवे ने एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।  जिसके तहत आनंद विहार रेलवे स्टेशन दिल्ली को चुना गया है।  इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए एक अपनी तरह के पहले गेमिंग कंसोल जोन को स्थापित किया गया है। 
We started on Friday evening from Delhi. But every trip has a set of adventures and this one came too soon! My friend missed the train. There was a short panic situation but let me tell you guys, we have brave people in the house! She managed to get a bus from Kashmere Gate and reached almost the same time as us to the hostel.It's better to start from Delhi at late night and reach Varanasi early morning. There are plenty of trains from Delhi. Since we did not have much time in hand, we chose to take flight for return which added a bit to budget. But overall it is a very economical trip. We reached our hostel by 11am. You have many hostel options near the Ghats. You can choose any one between goStops, Wander station or Moustache hostel.