Demystify the myth and belief of Chauli ki Jali and why women pass through the hole created naturally in the mountain.
यहीं मंदिर के लिए ऊपर जाने वाले जीने के पास ही चौली की जाली नामक चट्टान का रास्ता जाता है,मुक्तेश्वर आए और ये नहीं देखा तो यात्रा अधूरी ही रहेगी। यहां तक पहुंचना बस 5 मिनट का छोटा सा ट्रेक है। मुक्तेश्वर में महादेव अक्सर अपनी तपस्या/योग में इसी चौली की जाली नामक चट्टान पर लीन रहते थे। एक बार जागेश्वर जाते समय बाबा गोरखनाथ का रास्ता यहां शिव की तपस्या के कारण अवरुद्ध हो रहा था, तो उन्होंने अपने गंडासे के वार से इस चट्टान में एक छेद कर दिया और और अज्ञेय बढ़ गए। यह छेद की हुए चट्टान आज भी वहां मौजूद है। इस किवदंती के अनुसार शिवरात्रि को यदि कोई महिला विधि विधान के साथ इस चट्टान के आर पार जाती है उसे संतान सुख/ पुत्र प्राप्ति अवश्य होती है। चौली की जाली पर मौजूद छोटी छोटी दुकानों पर मैगी और पकौड़ों का लुत्फ जरूर उठाएं, स्वाद और नज़ारा दोनों जीवन भर याद रहेगा।
The area near has an amazing view point from where in one direction you will see the valley and on the opposite direction you can see the Himalayas.