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अगले दिन सुबह जल्दी ही मैं उठ गया था| मैंने सोचा सुबह सुबह समुद्र देखकर आता हूँ लेकिन बाहर निकला तो देखा बहुत तेज़ बारिश हो रही है| मैं जिस आटो से गोकर्ण रोड़ रेलवे स्टेशन से होटल पहुंचा था उस आटो ड्राइवर का नंबर मैंने ले लिया था| मैंने आटो ड्राइवर को 7.30 बजे सुबह आने के लिए कह दिया था जिसने मुझे गोकर्ण घुमाना था और बाद में गोकर्ण रोड़ रेलवे स्टेशन पर छोड़ना था| हमने अपने बैग पैक कर लिए थे| नहा धोकर हम तैयार हो गए थे| सात बजे मैंने आटो ड्राइवर को फोन कर दिया | एक बार फिर उसको याद करवा दिया कि 7.30 बजे आ जाना | दोस्तों जब भी मैं अकेला या फैमिली के साथ कहीं घूमने जाता हूँ तो समय को बहुत महत्व देता हूँ कयूंकि घूमने के लिए कभी सुबह जल्दी तैयार होना कभी लेट वापस आना | यह चीजें अक्सर होती है घुमक्कड़ी में तो इनके लिए पहले ही तैयार रहता हूँ| हमारा आटो ड्राइवर भी सुबह 7.30 बजे आ जाता है| सबसे पहले हम गोकर्ण गाँव में ही गोकर्ण बीच पर पहुंचते है| कुछ समय गोकर्ण बीच पर बिताने के बाद हम गोकर्ण के प्राचीन मंदिरों की ओर बढ़ जाते हैं|
1. TRIPPR Accommodation- Dorms, Cottage, TentLocation- right at Gokarna Main beach, only con is no direct access to the road.Food- one of the best omelets sandwiches in Gokarna (quite literally) and affordable.My thoughts- an excellent stay option location is the best thing. Unfortunately, while I was there, they had some maintenance issues other than that good affordable option.
Then we headed to Gokarna temple after which this place is named. It’s a Shiva temple which has to be followed by Ganesh temple besides it located near Main Gokarna beach. Post which we took a round on the beach which was not quite a good call because the days are very hot. After chilling at a local shack in Gokarna beach, we took an auto to head back to Zostel as it was really hot. Suggestion, don't go on the beaches from 11 am to 4 p.m. if you are not use to lot of sun.