आज मैं जिस मंदिर के बारे मे बताने जा रही हूँ यह मंदिर हरियाणा के पंचकुला नामक स्थान पर स्थापित है । यह मंदिर माता मनसा देवी को समर्पित है । यह मंदिर उत्तरी भारत मे स्थित प्रमुख मंदिरो मे से एक है । यह मंदिर 100 एकड़ में फैला एक विशाल मंदिर है । यह मंदिर बहुत सुंदर और एकांत वातावरण पर स्थित है ।
यदि आप प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के दर्शन की योजना बना रहे हैं या फिर मनसा देवी मंदिर के आस पास घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इस मंदिर के बारे में और अधिक विस्तार से जान लें |
भारत में मनसा देवी के बहुत से मंदिर है, जिनमें से मनसा देवी का प्रमुख मंदिर हरिद्वार में स्थित है। पचंकुला में स्थित मनसा देवी मंदिर हरियाणा और पंजाब में काफी प्रसिद्व है।
इस मंदिर के परिसर में तीन मंदिर मौजूद है। मनसा देवी का मंदिर सबसे पुराना मंदिर है। मणि माजरा के महाराजा गोपालदास सिंह जी ने मनसा देवी के जो वर्तमान में है, मुख्य मंदिर का निर्माण कराया, जो 1811-1815 की अवधि के दौरान ग्राम बिलासपुर, तहसील और जिला पंचकूला में शिवालिक तलहटी पर स्थित है। मुख्य मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर पटियाला शिवालय मंदिर है जिसका निर्माण करम सिंह जी ने पटियाला के तत्कालीन महाराजा ने 1840 में करवाया था।
मनसा देवी मंदिर की वास्तुकला – मनसा देवी मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो यह मंदिर बड़े भव्य तरीके से बना हुआ है | दीवारों और छत पर पुष्प डिजाइनों के अलावा, दीवार चित्रों के मुख्य मंदिर के साथ बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ मनसा देवी की पूजा की जाती है। उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध शक्ति मंदिरों में से यह एक मंदिर है। हर साल लाखों की संख्या में भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते है और यहाँ के दर्शनस्थलों का दर्शन करके लौट जाते हैं |
मनसा देवी मंदिर लगभग 200 साल पुराना है । मनसा देवी मंदिर कि स्थापना राजा गोपाल सिंह द्वारा 1811 बनाया गया था । इस मंदिर को पूरा होने मे पूरे 4 साल लग गए और 1815 में यह मंदिर तैयार हो गया । माता मनसा देवी के दरबार में दूर दूर से श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचते हैं | आज तक कोई भी शख्स माता के दरबार से खाली हाथ नहीं गया है| देश-विदेश से श्रद्धालु यहां माता मनसा देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं|
मान्यता है कि यदि कोई भी 40 दिन तक माता कि पूजा अर्चना सच्चे मन से करें तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होगी ।
मनसा देवी मंदिर कथा _ देवी सती जो दक्ष राज की पुत्री थीं जिन्होंने अपने पिता दक्ष के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया था। उनके विवाह के कुछ समय पश्चात दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने शिवजी को निमंत्रण नहीं भेजा था जिससे शिवजी का अपमान हुआ था और बाकी सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया। लेकिन उसके बाबजूद देवी सती बिना बुलाए उस यज्ञ में जाती है जहाँ शिवजी के अपमान की बातें माता सती बर्दाश्त नहीं कर पाती और उसी अग्नि कुंड में कूदअपने प्राण त्याग देती है।
लेकिन जब इस घटना की सूचना शिव जी को मिलती है तो वह दुखी और क्रोधित हो जाते है और वीरभद्र को पैदा करके संहार करते हुए दक्ष का वध कर देते है। उसके बाद देवी सती के मृत शरीर को लेकर तांडव करने लगते है जिससे ब्रम्हांड का सर्वनाश हो जाता। तब भगवान विष्णु देवी सती के शरीर के गिरे कणों वाली जगहों पर उनके सम्मान में एक शक्तिपीठ का निर्माण किया जाता है। ठीक उसी प्रकार माना जाता है इस पावन भूमि पर देवी सती का सर गिरा, इसलिये माता सती के सम्मान में यहाँ मनसा देवी मंदिर की स्थापना की गई |
पंचकुला के माता मनसा देवी मंदिर का बाजार _ पंचकुला के माता मनसा देवी मंदिर पर आप खरीदारी भी कर सकते हैं लेकिन अपने समान का ध्यान रखते हुए, मंदिर के बाहर की दुकानों से मंदिर का प्रसाद खरीदा जा सकता है।अपने वाहन में अपने जूते रखें या स्टैंड पर जमा करें। भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी के समय जाएँ। यहाँ पर बच्चों के खिलौने, पूजा पाठ से संबंधित वस्तुएं सभी मिलता है | माता मनसा देवी मंदिर से महिलाओं के श्रंगार की चीजें खरीदना शुभ माना जाता है |
यदि आप कुछ दिनों के लिए यहां रहना चाहते हैं, तो पास में एक पर्यटक विश्राम गृह अच्छा आवास प्रदान करता है। पंचकुला में स्थित होटल में भी आप ठहर सकते हैं | यहाँ पर पर्यटक पंजाब और हरियाणा दोनों प्रांतों की यात्रा का अनुभव कर सकते हैं |
मनसा देवी मंदिर कब जायें _
वैसे तो आप मनसा देवी किसी भी समय में जा सकते हैं और मनसा देवी के आस पास और भी की जगह आप घूमने जा सकते हैं,जैसे _ मोरनी हिल्स, कैक्टस गार्डन, पिंजौर गार्डन, रामगढ़ फोर्ट, चटबीर चिड़ियाघर आदि जगहों पर जा सकते हैं | यदि आप पंचकुला के प्रमुख पर्यटक स्थल की यात्रा भी करने जा रहे हैं तो इसके लिए आपको अक्टूबर से अप्रैल के बीच के महीनों में पंचकुला की यात्रा करने चाहिये क्योंकि इस दौरान पंचकुला का मौसम काफी सुखद होता है।