विज्ञापनों में केरल को 'ईश्वर का अपना घर' (God's Own Country) कहा जाता है, यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है. जिन कारणों से केरल विश्व भर में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना है. केरल का मौसम सालभर गर्म रहता है पर यह पेड़ पौधों होने के कारण गर्मी का एहसास कम ही होता है.
केरल की कला-सांस्कृतिक परंपराएँ सदियों पुरानी हैं। केरल के सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलारूपों में लोककलाओं, अनुष्ठान कलाओं और मंदिर कलाओं से लेकर आधुनिक कलारूपों तक की भूमिका उल्लेखनीय है। केरलीय कलाओं को सामान्यतः दो वर्गों में बाँट सकते हैं - एक दृश्य कला और दूसरी श्रव्य कला। दृश्य कला के अंतर्गत रंगकलाएँ, अनुष्ठान कलाएँ, चित्रकला और सिनेमा आते हैं।
अगर आप दिल्ली से केरल जाना चाहते है तो कम पैसे में इस तरह से घूम सकते है
कैसे जाए केरल
दिल्ली से केरल करीब 3000 किलोमीटर के आस-पास है और करीब 48 घंटे का समय लगता है. दिल्ली से केरल के लिए सबसे कम रेल का किराया सेकंड सिटींग (SECOND SITTING) (2S) 600-700 रुपये है. और स्लीपर कोच 900-1000 के बीच होता है. लेकिन क्योंकि ये 48 घंटे का लम्बा सफर है इसलिए में आपको कहूगा की आप 3 टियर कोच से जाए ताकि आपको सफर करने में आसानी हो और हो सकें. जिसका किराया करीब 2500-3000 के बीच होगा, तो घर से बना खाना जरूर ले जाए ऐसा करने से आप खाना पर होने वाला खर्च को बचा सकेंगे.
ऐसे रहना और खाना केरल में कम खर्च में
अगर और अपने दोस्तों के साथ केरल जा रहे हो या अकेले भी तो आप वहां पर होस्टल ले सकते. केरल में आपको होस्टल 200 से 500 के बीच आराम से मिला जाएगा. इसके लिए आप booking.com पर जा कर आराम से होस्टल सर्च कर सकते है. बात खाने की करें तो होस्टल में आप अपना खाना खुद भी बना सकते है या फिर आप बाहर जाकर छोटी-छोटी दुकान से खा सकते है.
केरल में कहा जाए घूमने
केवल इतना खूबसूरत है कि समझ नहीं आता कि कहा घूमने की शुरूआत की जाए. केरल में मैंने अपनी शुरुआत वर्कला बीच से की थी. जो बहुत खूबसूरत जगह यहां वर्कला शिवगिरि रेल स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर के आसपास है तो आप यहां पर आसानी जा सकते है.
इसके बाद और वर्कला से जो सबसे प्रचलित टूरिस्ट प्लेस मानी जाती है वो है श्री जनार्दानास्वमी मंदिर जिसको लोगाें वर्कला मंदिर के नाम से जानते है. यहां मंदिर करीब 2000 साल पूरा माना जाता है और इस मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाता हैयह मंदिर प्राचीन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. यह मांदिर वर्कला बीच से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर ता आप वर्कला बीच से श्री जनार्दानास्वमी मंदिर जा सकते है.
इसके बाद आप वर्कला एक्वेरियम भी जा सकते, जहां पर आपको कई तरह की मछलियां देखने को मिलती है. यहां एक्वेरियम 4 मंजिल में बनाया गया बच्चों के साथ जाने के लिए यहां बहुत अच्छी जगह है. इसके अंदर लजाने लिया 30 रूपय की फीस और सुबह 9:30 से 7:00 तक आप यहा जा सकते है.
इस के बाद वर्कला एक्वेरियम पास बने वर्कला ब्लैक बीच का मजा भी ले सकते तो यह पर आग पर ब्लैक बीच पर सुबह के समय जाए तो यह पर आपको कुछ मछुआरे मिल जाएंगे. जिनके साथ आप मछली पकड़ने का मजा ले सकते है.
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