जयपुर की मेरी पहली यात्रा

Tripoto
2nd Feb 2019
Photo of जयपुर की मेरी पहली यात्रा by FTB
Day 1

Delhi Jaipur Highway

Photo of Delhi, India by FTB

मैं फरवरी 2019 में कार द्वारा दिल्ली से जयपुर गया | भारत के सच्चे राजसी अतीत, राजा और शासकों के जीने का तरीका देखने और महसूस करने के लिए मैंने जयपुर (राजस्थान) की यात्रा की। जयपुर अपने आलीशान महलों के साथ वास्तव में बहुत ही शानदार शहर है, जो आज तक अच्छी तरह से संरक्षित है, इसकी भीड़भाड़ वाली बाजार और शहर का अनुभव इसे एक उल्लेखनीय पर्यटन स्थल बनाता है। राजपूत राजा, सवाई जय सिंह द्वितीय को धन्यवाद जिन्होंने 1699 से 1744 तक जयपुर पर शासन किया और जयपुर का निर्माण करने के उद्देश्य से यहाँ पर कई सुविधाओं और स्थानों की स्थापना की। जयपुर भारत का पहला ऐसा शहर है जिसका निर्माण योजनाबद्ध तरीके से किया गया है।

मैंने इसे एक बहुत ही रंगीन शहर के रूप में पाया। इसके अलावा, दिल्ली से जयपुर का राजमार्ग शानदार होने के कारण, अपने वाहन से यात्रा करने में कोई समस्या नहीं हुई। जयपुर पहुंचने में करीब चार से पाँच घंटे लग गये थे।

Chandpool Gate

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हमारी यात्रा पहले से बिना किसी योजना के जल्दबाजी में की गयी थी। इसलिये होटल का कमरा पहले से बुक नहीं करवाया गया था यहाँ तक कि हमारे पास किसी भी होटल या जगह का कोई सुझाव नहीं था। इसके अलावा, हम देश के इस हिस्से की तरफ कभी नहीं गए थे, हमारे कोई रिश्तेदार भी उस तरफ नहीं रहते थे। इसलिए स्पष्ट था कि माता-पिता को हमारी चिंता थी, लेकिन हमारे लिए, ये सभी चीजें पूरी यात्रा को बहुत ही साहसी, यादगार और मनोरंजक बना रहीं थी। हम शाम को लगभग 6 बजे जयपुर पहुँचे, हमारा पहला लक्ष्य कोई अच्छा होटल खोजना था। अपने अंदाजे और कोशिश से हम लोग एम.आई. रोड पर पहुँचे और उस सड़क पर कुछ अच्छे होटलों के बारे में पूछा। इत्तिफाक से हम लोगों ने एम.आई. रोड के करीब होटल मौर्या पैलेस को देखा लेकिन यह एम.आई. रोड के बिलकुल करीब नहीं था। होटल को अंदर बाहर देखकर हमने वहाँ ठहरने का फैसला किया। होटल अच्छी सेवाओं, आलीशान कमरे, आधुनिक सुविधाओं, कॉल रूम सर्विस, साफ और स्वच्छ वातावरण के कारण अद्भुत था। इसके अलावा, होटल में हमारे ठहरने के दौरान भीड़ नहीं थी इसलिए हम वहाँ रहने का अच्छी तरह से आनंद ले रहे थे।

इस महल का मुख्य भाग ‘महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय’ है। राजा की लंबाई-चौड़ाई का अंदाजा संग्रहालय में रखी उनकी लंबी चौड़ी पोशाक से लगाया जा सकता है। वह जयपुर के 10 वें राजा थे। पूरा महल बहुत ही उत्कृष्ट नक्काशी करके बनाया गया है। राजा केवल गंगा जल ही पिया करते थे और गंगा से जल लाने के लिये केवल चाँदी के बर्तनों का उपयोग किया जाता था। यह चाँदी के बर्तन दुनिया के सबसे बड़े चाँदी के बर्तन होने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं। महल में एक नृत्य कक्ष भी है जहाँ पेशेवर नर्तक राजा के लिये नृत्य किया करते थे।

एमआई रोड पर स्थित बाजार किसी भी अन्य बाजार की तरह ही है, लेकिन अगर आप एक बार शहर के बाहर आ गये तो वहाँ पर आपको एक रंगीन जौहरी बाजार मिलेगी। मुख्य रूप से राजस्थानी आभूषण के लिए जानी जाने वाली यह बाजार राजस्थान और इसकी संस्कृति को परिभाषित करती है। बहुत पुराने समय से यहाँ पर सोने, चाँदी और बूटियों से निर्मित गहनों की दुकानें हैं। आप जयपुरी रजाई, चादरें, बन्दानी दुपट्टे तथा साड़ीयाँ भी खरीद सकते हैं, जो दुकानों को पसंद करने वाली महिलाओं के लिये बाजार को और भी ज्यादा खास बनाते हैं। यद्यपि बाजार और दुकानें नई नहीं हैं लेकिन आजकल के निर्माण की की अपेक्षा इनका निर्माण एक बेहतरीन योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। लाल रंग की इस बाजार में सभी दुकानों का आकार एक समान है और दुकान में प्रवेश करने के लिए आपको दो सीढ़ियाँ नीचे उतरनी होंगी। हमने इसका कारण पूछा तो दुकानदारों ने बताया कि यह ग्राहकों का स्वागत करने का एक तरीका है। वास्तव में बाजार में बहुत भीड़ होती है इसलिये मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहें।

अगली सुबह

होटल में नाश्ता करने के बाद हमारा टूर गाइड हम लोगों को एम्बर किला ले गया और विस्तृत विवरण के साथ पूरा किला दिखाया। जयपुर से 11 कि.मी. दूर स्थित आमेर या एम्बर किला एक बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह राजा मानव सिंह प्रथम द्वारा बनावाया गया था। किले में मुझे शीश महल (दर्पण महल) पसंद आया। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह गिरते हुऐ झरने पर हवा के झोंके से एक ठंडा वातावरण बनाता है। इस किले के अंदर गणेश गेट के करीब सिला देवी का मंदिर है जिसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। हमारे टूर गाइड ने हमें बताया कि देवी के नाराज हो जाने के कारण अब उनका सिर सीधा नहीं है, क्योंकि पहले के अनुष्ठानों की तरह अब महल में मानव पुरुषों की बलि नहीं दी जाती है। हमने किले का अच्छी तरह से आनंद लिया।

उस समय तो मौसम ठीक था लेकिन दिन पर दिन मौसम गर्म होता जा रहा था, इसलिए सर्दियों में जयपुर जाने की योजना बेहतर है क्योंकि गर्मियों में वास्तव में बहुत गर्मी होती है और आप इन सभी चीजों का आनंद नहीं ले सकते। लेकिन हम अपनी जयपुर की यात्रा और दिल्ली से जयपुर के राजमार्ग का आनंद ले रहे थे। निश्चित ही मैं जयपुर के उन जादुई आकर्षण वाली जगहों का आनंद लेने के लिए फिर से जयपुर की यात्रा करना चाहूँग|, जो मैंने छोड़ दिये।

Photo of जयपुर की मेरी पहली यात्रा by FTB
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