झारखंड की राजधानी राँची से कुछ ही घंटों की दूरी पर स्थित इन डैम और झरनों के बारे में जरूर जानें

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Photo of झारखंड की राजधानी राँची से कुछ ही घंटों की दूरी पर स्थित इन डैम और झरनों के बारे में जरूर जानें by Nikhil Vidyarthi

बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड को प्रकृति की तरफ से कई आकर्षक झरना दिया है। ये झरने विभिन्न साहसिक खेलों में शामिल होने और शांति चाहने वालों को तरोताजा कर देती है। झारखंड में झरनों और बांधों को देखना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस आर्टिकल में निखिल विद्यार्थी बता रहे हैं उन झरनों और बांधों के बारे में जो झारखंड की राजधानी राँची से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं। झारखंड की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता देखना मोह लेती है। हरे-भरे जंगल, बड़े-बड़े जल निकाय, झरने और बांध, प्रकृति की गोद में बिताने के लिए राज्य को आदर्श पिकनिक स्थल बनाते हैं।

राँची के नजदीक स्थित झारखंड के प्रसिद्ध डैम और झरने

इस ब्लॉग में झारखंड के निम्नलिखित बांध और झरनों के बारे में बताया जा रहा है-

1. पतरातू डैम (Patratu Dam)

2. नेतरहाट डैम (Netarhat Dam)

3. कांति जलप्रपात (Kanti waterfalls)

4. लोध जलप्रपात (Lodh Waterfalls)

5. दशम जलप्रपात (Dassam Falls)

6. इंद्रा झरना (Indra Waterfall)

7. हुंडरु जलप्रपात (Hundru Waterfalls)

8. हिरनी जलप्रपात (Hirni falls)

पतरातू डैम

यह डैम रामगढ़ जिला के एक शहर पतरातू में स्थित है। पतरातू डैम नलकारी नदी के पानी को संग्रहित करने के लिए बनाया गया था। यह पतरातू का एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यह बांध रामगढ़ छावनी क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करता है। साथ ही, पतरातू थर्मल पावर प्लांट का मुख्य जलाशय भी है। बांध के किनारे सूर्योदय के समय उड़ती मछलियों को देखा जा सकता है। इस डैम के नीचे एक सुरंग है जो पतरातू के लबगा और हरिहरपुर नाम के दो गाँवों को जोड़ती है। हालाँकि इस सुरंग को सुरक्षा कारणों से अब बंद कर दिया गया है। वर्ष 2010 से यहाँ नौकायन की भी शुरुआत की गई है। पतरातू डैम रामगढ़ जिला मुख्यालय से 30 किमी और राजधानी रांची से 35 किमी दूर स्थित है।

नेतरहाट डैम

नेतरहाट शहर के बस-स्टैंड से लगभग दो कि.मी. दूर इस डैम का निर्माण ब्रिटिश राज में हुआ था। यह एक बारहमासी बांध है। जिसके कारण यह पूरे साल इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति जारी रखता है। यह ऊँची देवदार के घास और पहाड़ियों की पृष्ठभूमि पर स्थित है। जो चार वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है। यह पिकनिक के लिए आदर्श जगह है। झील का शांत पानी नौकायन के लिए भी बहुत उपयुक्त है। झील में विभिन्न प्रकार की मछलियाँ पाई जाती हैं। बांध के किनारे बैठ कर पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को भी देखा जा सकता है।

कांति जलप्रपात

यह झरना झारखंड के लातेहार जिला से लगभग 47 किमी और रांची से 66 किमी दूर है। कांति जलप्रपात घने जंगलों से घिरा हुआ है। जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है। आप रांची से डाल्टनगंज जाने के मुख्य सड़क (एनएच39) से 7 किमी दूर चार पहिया वाहन द्वारा इस स्थल तक पहुँच सकते हैं।

लोध जलप्रपात

यह जगह ब्रिटिश अधिकारियों के आराम करने के लिए चुनी गई जगह थी। लाट बांग्ला के अवशेष आज भी यहाँ मौजूद हैं। लातेहार जिले में नेतरहाट से लगभग 61 किलोमीटर दूर यह स्थान झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात माना जाता है। यहाँ बुरहा नदी का पानी लगभग 468 फीट की ऊँचाई से गिरती है। यह पहाड़ियों के दो किनारों से गिरता है।

एक किंवदंती है कि स्थानीय लोगों ने एक बार लंबी रस्सियों से बंधे पत्थरों को डुबो कर इसकी गहराई मापने की कोशिश की थी, लेकिन यह गायब हो गया। आज भी इसकी गहराई का पता नहीं चल पाया है। उस स्थान का नाम चितिदह है। चट्टानी इलाकों और पहाड़ियों के बीच झरने की तेज आवाज बहुत दूर से भी साफ-साफ सुनी जा सकती है।

दशम जलप्रपात

रांची से जमशेदपुर जाने के रास्ते पर रांची से लगभग 45 किलोमीटर दूर एनएच 33 से निकलकर तैमारा गाँव की ओर दाहिनी ओर मुड़ती है। यहीं पर कांची नदी है। जो स्वर्णरेखा नदी की एक जंगली सहायक नदी है। यह 144 फीट की ऊँचाई से गिरती है। ब्रिटिश राज में इस झरने का मूल नाम 'दा-सॉन्ग' दिया गया था। अगर आप इस जगह की यात्रा कर प्रकृति की गोद में तरोताजा होना चाहते हैं तो बेस्ट समय अक्टूबर से जनवरी के बीच है। यहाँ कारों या निजी वाहनों से पहुँच सकते हैं।

इंद्रा झरना

घने जंगलों, पहाड़ों और नदियों से घिरा हुआ इंद्रा जलप्रपात झारखंड के लातेहार जिले के तुबेद गाँव के पास स्थित है। यह एक अद्भुत 30 फुट ऊँचा झरना है। इसे मानसून के मौसम में देखना सबसे अच्छा लगता है। क्योंकि तब पानी से लबालब भर जाती है। झरने के पास में ही ट्यूब वाली गुफा और ट्यूब वाले बांध भी हैं। इंद्रा झरना का दौरा करे तो इसके साथ-साथ इन्हें भी देख सकते हैं।

हुंडरु जलप्रपात

हुंडरु जलप्रपात रांची से पुरुलिया राजमार्ग पर रांची शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। स्वर्णरेखा नदी रांची से बहते हुए बहुत सारे झरने बनाती है। जिनमें से हुंडरू झरना सबसे सुंदर है। जो 320 फीट की ऊँचाई से गिरते हुए शानदार परिदृश्य बनाता है। यह पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। झरने के नीचे स्नान करना आपके थकान को मिटा देगी। इस झरने को देखने आने वाले लोग झरना में नहाना नहीं भूलते। यह स्थान झारखंड के सबसे प्रशंसित ट्रैकिंग स्थलों में से एक है। हुंडरू झरना का जल स्टार मानसून में अपने चरम पर होता है। इस दौरान इसका पानी बेलगाम और निर्बाध रूप से बहते हुए चट्टानों से टकराता है।

हिरनी जलप्रपात

यह शांत और आकर्षक झरना राज्य के पश्चिमी सिंहभूमि में स्थित है। जो रांची से चक्रधरपुर के रास्ते में 70 कि.मी. दूर है। शहर के शोरगुल से साठ कि.मी. दूर और घने जंगल के घने पत्तों के बीच छिपा हुआ प्रकृति का एक है- 'हिरनी झरना'। घने जंगलों के बीच स्थित स्वर्णरेखा नदी काफी ऊंचाई से हिरनी की तरह गिरती है। आप झरने के शीर्ष से शहर के मनोरम दृश्य को भी देख सकते हैं।

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