
एवेरेस्ट चढ़ना सभी पर्वतारोही का सबसे पहला ख्वाब होता है।एवेरेस्ट पर्वतो का महाकुम्भ है या मक्का है। लेकिन अगर बोला जाय दुनियाँ का सबसे ऊँचा पर्वत चढ़ना आसान काम है तो आपको यकीन नहीं होगा। जी लेकिन ये सही बात है, क्युकी एवेरेस्ट का डेथ रेट काफी कम है जबकि दुनियाँ में बहुत से ऐसे पर्वत हैं जिनका मृत्युदर एवेरेस्ट से बहुत ज्यादा है। एवेरेस्ट का मृत्युदर 7 प्रतिशत है। आइये कुछ और पहाड़ों के मृत्युदर के बारे में जानें।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चीन बॉर्डर के पास स्थित 8000 मीटर से ऊपर के इस पर्वत का मृत्युदर 7.25 प्रतिशत है। ये पीक बहुत ही खूबसूरत है। लद्दाख के नून और कुन पर्वत की चोटी पर जाते हुऐ इसका बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

ये पर्वत भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। ये गिलगिट-बाल्टिस्तान स्थित काराकोरम रेंज में मौजूद। इसमें होने वाली मौतों के कारण इसको मौत का टीला भी कहा जाता है। ये भी 8000 मीटर से ऊपर का पहाड़ है। इसकी मृत्यु दर 9 फीसदी है।

मकालू 8000 मीटर से ऊपर का पहाड़ है जो नेपाल में एवेरेस्ट के बेहद करीब है। इसकी चढाई एवेरेस्ट से भी कठिन कही कही जाती है। इसकी मृत्यु दर 9 फीसदी है।

नेपाल में 8000 मीटर से ऊपर के पर्वतो की भरमार है। उनमें से एक है मनास्लू इसकी चोटी चाकू की नोक की तरह धार वाली है। इसका मृत्यु दर 10 प्रतिशत है।

कंचनजंगा भारत नेपाल बॉर्डर पर 8586 मीटर का सुन्दर और शांत दिखने वाला विशाल पर्वत है, लेकिन ये शांत बिल्कुल भी नहीं है।यहाँ सबसे ज्यादा मौतें हिमस्खलन की वजह से होती है. यहां चढ़ने वालों की मृत्यु दर 15% है।

नेपाल का एक और 8 हजारी पर्वत जो हर साल बहुत लोगो की जान लेता है। इस पहाड़ पर चढ़ने वाले 16 प्रतिशत लोग मारे जाते हैं।

इसे हत्यारा पहाड़ भी कहते हैं। ये 8000 मीटर से ऊपर का पहाड़ है।ये पर्वत भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान का हिस्सा है।यहां की मृत्यु दर 20 प्रतिशत है।

ये पहाड़ बेहद ही ख़तरनाक है। ये पर्वत भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। यह एवरेस्ट से करीब 778 फीट छोटा है।कहते हैं ये पहाड़ आपको मारने के लिए ही बना है। चोटी फतह करने के बाद ज्यादातर मौतें लौटते समय होती हैं। यहां मौतों की दर 29 फीसदी है।

ये पर्वत है दुनियाँ का सबसे खरतनाक पर्वत। ये नेपाल में है। यहाँ की ऊँचाई भी 8000 मीटर से ज्यादा है। सबसे ज्यादा मौत इस पहाड़ पर ही होती हैं। यहाँ मौतों का आंकड़ा एवेरेस्ट से 5 गुना ज्यादा है। यहाँ का मृत्यु दर 32 प्रतिशत है।
