अन्नपूर्णा बेस कैंप ट्रेकः जिसके पार है मिलता है बेइंतहा सुकून

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Photo of अन्नपूर्णा बेस कैंप ट्रेकः जिसके पार है मिलता है बेइंतहा सुकून 1/9 by Manglam Bhaarat
श्रेयः एड्रिनबे

मानो ख़ूब ऊपर से कूदे आसमान में गोते लगाने को, या फिर छोड़ दिया ख़ुद को भयंकर ठण्ड में, बेपरवाह होकर मस्त अंदाज़ में चले तो क्या साहब, क़यामत ही बरपा दी। अन्नपूर्णा का नाम एक ट्रैवलर के लिए महज़ एक नाम नहीं है, वो एक याद है, जिसमें जुड़ी है ख़ुद को चुनौती देने की एक अदद कहानी। जिसने भी ये ट्रेक पूरा किया है न, अपने हर दोस्त को वो ये क़िस्सा दो घण्टे तक तो सुनाता ही है। आज उसी अन्नपूर्णा ट्रेक की पूरी कहानी। उस क़िस्से की अनसुनी बातें, जो आपको सिर्फ़ यहाँ पता चलेंगी।

17 दिन का ट्रेक वो भी रिमोट एरिया में, भयंकर सर्दी, आसमान में दिखने वाले लाजवाब नज़ारे और उसके बीच बढ़ते हुए नन्हे नन्हे कदम, अन्नपूर्णा का ट्रेक लोगों को इसलिए इतना लुभाता है क्योंकि इसके लिए आपको कोई स्पेशल ट्रेनिंग नहीं लेनी होती, लेकिन आपको लगभग हर वो आनन्द मिलता है, जो एक प्रोफ़ेशनल ट्रेकर को मिलता होगा।

17 दिन का यह ख़ूबसूरत ट्रेक

जैसे जैसे आप इस ट्रेक के हमराह बनते जाते हैं, ये ट्रेक आपको मेहनत कराता है और बदले में ढेरों ख़ूबसूरत नज़ारों के दर्शन से नवाज़ता है। आप बस बढ़ते चलिए, और नज़ारे देखते चलिए।

कैसे शुरू करें अन्नपूर्णा ट्रेक

दिन 1

परमिट लेने के बाद आप बसीसहर पहुँचें। क्योंकि अन्नपूर्णा बेस कैंप ट्रेक की शुरुआत यहीं से होगी।

यहाँ से आप लगभग 4 मील के भुलेभुले ट्रेक पर निकल जाते हैं।

दिन 2 और 3

फिर अगला दिन शुरू होता है जहाँ पर आपको 6 मील का बहुंदंदा का ट्रेक शुरू करना होता है। इस ट्रेक के बीच में आपको कई सारे नज़ारे मिलने शुरू होते हैं, उन जगहों पर बैठकर आप नाश्ता कर सकते हैं, लंच फ़रमा सकते हैं। फिर आगे ट्रेक बढ़ता है 6.5 मील आगे जगत की ओर। कुछ घंटे यहाँ रुकने के बाद आप 11 मील आगे धारापानी की ओर बढ़ते हैं। धारापानी मतलब आसमान पर बना रास्ता। बादलों के संग संग बढ़ते हुए आप यहाँ पर पहुँचते हैं। दाना कोला झरना यहाँ की ख़ूबसूरती बयान करने के लिए काफ़ी है।

दिन 4

10 मील का यह आसान सा ट्रेक चेम तक जाता है। यहाँ पर आप लामजुंग हिमाल और अन्नपूर्णा 2 के शानदार नज़ारों से मिलते हैं।

दिन 5 और 6

यहाँ से पिसाँग जाएँ, जो कि 10 मील दूर है। कुछ ट्रेकर्स मनांग का कठिन रास्ता भी चुनते हैं। आपको ये रास्ता पूरा करने में दो दिन का समय लग सकता है।

दिन 7 और 8

मनांग में खाने पीने की कुछ दुकानें हैं। यहाँ पर आप ख़ूबसूरत दुनिया का आनंद ले सकते हैं। यहाँ से लगभग तीन घंटे का ट्रेक करके गंगापूर्णा झील पहुँचिए। मनांग से आप तिलिचू झील के दूसरे रास्ते पर भी जा सकते हैं। बहुत सारे ट्रेक हैं, जो आप अन्नपूर्णा ट्रेक से अलग होकर पूरे कर सकते हैं।

दिन 9 और 10

मनांग से आप 6 मील याक खरका की ओर बढ़ें। यहाँ से पाँच मील आगे थोरुंग फेड़ी पड़ता है। यहाँ पर आराम करें। यहाँ से थोरुंग ला की ओर बढ़ें। यहाँ से कुछ आगे मुक्तिनाथ के होटल बॉब मारले में रुकें।

दिन 11 और 12

कागबेनी और काली गंडकी घाटी की ओर चलें। यह रास्ता भले 11.5 मील का हो, लेकिन उतरान होने के कारण आपको कोई समस्या नहीं होगी। यहाँ से आप घासा की ओर बढ़ें।

दिन 13

तातोपानी का ट्रेक, जो कि 11.4 मील का है, आपके लिए काफ़ी यादगार हो जाता है। यहाँ पर कुछ लॉज हैं, जहाँ पर ठहरने में आपको समस्या नहीं होगी।

दिन 14 से 17

तातोपानी से आपका ट्रिप अपने अंतिम चरण में बढ़ने लगता है। यहाँ से 10 मील घोरेपानी का रास्ता है, वहाँ से पून हिल और यहाँ पर बैठकर सूरज के उगने का जो दृश्य आप देखते हैं, उसका कोई हिसाब नहीं है। इस दृश्य को देखने के लिए आपकी मेहनत हवा हो जाती है। अब यहाँ से 10 मील दूर है नया पुल। यहाँ से आप पोखरा की बस कर सकते हैं। पोखरा से काठमाण्डू एक रात का सफ़र है।

कैसे पहुँचें

सबसे पहले तो काठमाण्डू पहुँचिए। काठमाण्डू गेस्ट हाउस ट्रेकर्स का दिल से स्वागत करता है। अपने लिए आप ज़रूरी चीज़ें काठमाण्डू से भी ले सकते हैं या फिर घर से लेकर चल सकते हैं।

जाने का सही समय

मॉनसून का सीज़न इस ट्रेकिंग के लिए नाक़ाबिल है। इस मौसम में भूस्खलन और बारिश के कारण ट्रैवलिंग में दिक्कतें आम बात हैं। मॉनसून मतलब जून से सितम्बर का समय तो बिल्कुल छोड़ कर रखें। सही समय गर्मियों का भी है, लेकिन उस समय आपको उमस से दो चार होना पड़ेगा। इसलिए सर्दियों के मौसम में घूमने का प्लान बनाएँ। अक्टूबर में घूमने निकलिए और अपने सफ़र को मज़ेदार बनाइए।

कोई ज़रूरी गाइड

काठमाण्डू की हर दुकान पर आपको पार्था एस बनर्जी की अन्नपूर्णा ट्रेकिंग गाइड मिल जाएगी। इसे अपने साथ रखें।

ट्रिप का खर्च

आप पर निर्भर करता है कि आप ट्रिप पर कितना पैसा खर्च करना चाहते हैं। अगर आप अकेले ट्रेक करना पसन्द करते हैं, तो कुल खर्च लगभग 800 से 1,000 डॉलर बनेगा।

अगर किसी लोकल ऑपरेटर के साथ जाएँगे, तो यही खर्च 1,200 से 3,000 डॉलर तक हो जाएगा।

वहीं किसी अमेरिकी ऑपरेटर के साथ जाएँगे, तो यह खर्च 1,500 से 4,000 डॉलर तक हो जाएगा।

मेरी सलाह है कि आप अकेले तो न ही जाएँ। अगर एक बार किसी के साथ जा चुके हों, तो ही अगली बार अकेले जाने का प्रयास करें।

ट्रेकिंग का परमिट

काठमाण्डू के त्रिवेदी मार्ग पर आपको परमिट मिल जाता है, जिसकी क़ीमत 20 डॉलर होती है। सुबह और दोपहर के समय ही परमिट मिलता है। शाम को गए तो समय बर्बाद होगा।

कैसी लगी आपको हमारी यह रोचक जानकारी, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

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