प्रकृति ने ख़ूब प्यार बरसाया है यहाँ मानो, नासिक की बहार ही कुछ ऐसी है। मैंने अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान नासिक नहीं घूमा था। कुछ दोस्तों ने मुझे इसके बारे में बताया। फिर धीरे-धीरे नासिक के बारे में जाना, तो लगता है कि जब तक नहीं घूमेंगे, तब तक अफ़सोस बना रहेगा।
गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ नासिक महाराष्ट्र के सबसे ख़ूबसूरत शहरों में है। प्राकृतिक सुंदरता देखने के साथ रोमांटिक हनीमून के लिए, धार्मिक दर्शन के लिए या फिर परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने; यह जगह हर मामले में परफ़ेक्ट है। इसके साथ ही हर बारह (12) साल में कुंभ का मेला एक बार नासिक में भी दस्तक देता है। तो इस बार जब भी घूमने निकलें, नासिक की टिकट बुक करना न भूलें।
घूमने की जगहें
पंचवटी तो त्रेतायुग के ज़माने से प्रसिद्ध जगह रही है। माना जाता है कि अपने 14 वर्षों के वनवास के समय भगवान राम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहाँ पर ठहरे थे। यह जगह उसके बाद ही प्रसिद्ध हो गई। अपनी श्रद्धा भक्ति और दर्शन के लिए पंचवटी ज़रूर आएँ।
2. दूधसागर झरना
अपने आप में यह जितनी प्राकृतिक है, उतनी ही रोमांटिक भी। दूधसागर झरने के पैनारोमा नज़ारे कैमरे में क़ैद करने के साथ ही अपने पार्टनर के साथ तस्वीरें खिंचाने के लिए भी बहुत अच्छे हैं। मॉनसून के सीज़न में तो हर झरना अपने शबाब पर होता है, तो दूधसागर का दूध सा सफ़ेद पानी तो इस जगह को और सुंदर बनाने के लिए काफ़ी है।
3. कालाराम मंदिर व सीता गुफ़ा
पंचवटी की धार्मिक जगहों में घूमने की लिस्ट में एक नाम कालाराम मंदिर व सीता गुफ़ा का नाम आता है। कहते हैं यहाँ पर भगवान राम की मूर्ति 2000 साल से भी पुरानी है और यह मंदिर राष्ट्रकूट वंश ने 7वीं से 11वीं सदी के बीच बनवाया है। बाद में मुग़ल आक्रांताओं ने इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन मंदिर के ब्राह्मणों ने यहाँ की पवित्र मूर्ति को अपनी कोशिशों से बचा लिया। 1788 में सरदार रंगाराव ने इस मंदिर का फिर से निर्माण कराया।
वहीं सीता गुफ़ा का नाम तब से विख्यात है, जब से माँ सीता ने यहाँ पर भगवान शिव की आराधना की थी। कुछ छोटे रास्तों से होकर इस गुफ़ा में उस जगह भी पहुँच सकते हैं जहाँ पर भगवान राम, लक्ष्मण व माँ सीता की मूर्ति स्थित है। इस गुफ़ा का दर्शन करना बहुत पुण्य माना जाता है।
4. पांडव लेणी गुफ़ाएँ
इन गुफ़ाओं को पांडु गुफ़ाएँ या नासिक गुफ़ाएँ भी कहते हैं। कुल 24 की संख्या वाली ये गुफ़ाएँ हिनायन बौद्ध का दर्शन कराती हैं। पहले ये गुफ़ाएँ इतनी सुंदर नहीं थीं, लेकिन पर्यटन के हिसाब से अच्छा महत्त्व मिलने के कारण सरकार ने भी इसकी देख-रेख में ध्यान दिया और अब यहाँ पर आपको संग्रहालय, फव्वारे, खाने की दुकानें मिल जाएँगे।
यहाँ पर कई मठ, पानी के टैंक और कई सारी प्राचीन चीज़ें मिल जाएँगी।
5. त्र्यंबकेश्वर मंदिर
यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ब्रह्मगिरि पहाड़ियों पर बने इस मंदिर को पेशवा नाना साहब ने 18वीं शताब्दी में बनवाया था। अपने शानदार आर्किटेक्चर के लिए, यहाँ के ज्योतिर्लिंग के लिए जिसके तीन ओर भगवान ब्रह्मा, विष्णु व रुद्र के मुख हैं; को देखने ज़रूर आना चाहिए।
यहाँ के गर्भगृह में महिलाओं के लिए प्रवेश वर्जित है। पुरुषों के आने के लिए भी विशेष परिधान का ध्यान रखना ज़रूरी है। यही कुछ बातें इस मंदिर को दूसरों से अलग बनाती हैं। नासिक आते समय त्र्यंबकेश्वर मंदिर के दर्शन ज़रूर करने आएँ।
6. मांगी तुंगी
जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की 108 फ़ीट की मूर्ति पूरी दुनिया में जैन धर्म के भगवान की सबसे बड़ी मूर्ति है। आप अगर जैन धर्म के प्रति आस्था रखते हैं, तो मांगी तुंगी में दर्शन के लिए आ सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप ऐतिहासिक जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो भी यहाँ पर आ सकते हैं।
प्रकृति की ख़ूबसूरती में नासिक को जो चीज़ नवाज़ी गई है, उसमें भंडारदरा झील का भी नाम है। नासिक से लगभग 72 किमी0 दूर स्थित यह झील सुंदरता की खान है। प्रकृति प्रेमियों को इस जगह पर तो ज़रूर आना चाहिए। आपको नासिक से पहुँचने में लगभग 1:30 घंटे का समय लगेगा लेकिन सच मानिये, यहाँ पर आने के बाद आपको यह टाइम बेकार नहीं लगेगा।
कैसे पहुँचे नासिक
नासिक पहुँचने के लिए आप हवाई सफ़र से भी जा सकते हैं या फिर ट्रेन और बस का सहारा भी ले सकते हैं।
हवाई मार्ग- दिल्ली से आपको पहले मुंबई के लिए फ़्लाइट लेनी होगी। वहाँ से आपको नासिक की फ़्लाइट मिलेगी। कुल किराया 12000 रु. तक होगा और फ़्लाइट लगभग 5 घंटे में पहुँचेगी।
सड़क मार्ग- यह सफ़र बहुत लम्बा हो जाता है, क्योंकि दिल्ली से नासिक के लिए कोई सीधी बस नहीं चलती है। आप पहले दिल्ली से मुंबई फ़्लाइट से पहुँच सकते हैं। वहाँ पर आपको नासिक के लिए बस मिल जाएगी।
रेल मार्ग- दिल्ली से नासिक के लिए कुछ ट्रेन चलती हैं। यह ट्रेन आपको लगभग 20 घंटे में पहुँचाएँगी और किराया लगभग 300 रु. तक होगा। आप इस ट्रेन को चुन सकते हैं। इसके साथ दिल्ली से भोपाल और वहाँ से नासिक के लिए ट्रेन चुन सकते हैं।
कहाँ ठहरें
1. पंचवटी इलाइट इन
दो लोगों के साथ में ठहरने का एक दिन का किराया 1600 रु. है। अधिक जानकारी आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं।
2. ट्रीबो ट्रेंड सफ़ायर स्टूडियो
दो लोगों के साथ में ठहरने का एक दिन का किराया 1600 रु. है। अधिक जानकारी आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं।
3. इको स्टे- लेक शोर विला
दो लोगों के साथ में ठहरने का एक दिन का किराया 8500 रु. है। अधिक जानकारी आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं।
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