Historical place Nanded

Tripoto
11th May 2022
Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur
Day 1

नादेड़ (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र का आठवां सबसे बड़ा नगर और मराठवाड़ा का दूसरा सबसे बड़ा नगर है-  नांदेड़

दो बार इस पवित्र धरती पर जाने का मौका मिला जून  2008  और मार्च 2015

जैसे हिन्दू धर्म में चार धामों की महतता है, वैसे ही सिक्ख धर्म में 5 तख्त है,
1 श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर
2 तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटना
3 तख्त श्री केसगढ़ साहिब आनंदपूर्वक
4 तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो भटिंडा
5 तख्त श्री हजूर साहिब नादेड़

आज हम बात करे गे तख्त श्री हजूर साहिब अबिचलनगर नादेड़ की। मुझे 2 बार परिवार के साथ जाने का अवसर मिला।
पंजाब के लुधियाना स्टेशन से हम ने सचखंड एक्सप्रेस ली थी। सचखंड एक्सप्रेस अमृतसर से नांदेड़ ले लिए जाती है। रास्ते में खंडवा में हम सब  को लंगर शकाया गया। नांदेड़ आ कर हम गुरद्वारा साहिब दुबारा चलाई गई बस से गुरद्वारा साहिब आ गए। कमरा लिया।
गोदावरी नदी के किनारे बसा शहर नांदेड़ हजूर साहिब सचखंड गुरूद्वारे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं और मत्था टेककर स्वयं को धन्य समझते हैं।
यहीं पर सन 1708 में सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरू  गोबिंद सिंह साहिब जी सन 1708 में ज्योति ज्योत समाए थे। यही से गुरु जी ने बंदा सिंह बहादुर को सरहिंद भेजा था, नवाब वजीर शाह से बदला लेने के लिए, जिस ने छोटे साहिबजादो को जिन्दा नींव में चिनवा दिया था।😪😪
अपनी आखरी समय को समीप देखकर गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी अन्य को गुरु चुनने के बजाय सभी सिखों को आदेश दिया कि मेरे बाद आप सभी पवित्र ग्रन्थ को ही गुरु मानें और तभी से पवित्र ग्रन्थ को गुरु ग्रन्थ साहिब कहा जाता है।

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के ही शब्दों में:

"आज्ञा भई अकाल की तभी चलायो पंथ,
सब सीखन को हुकम है गुरु मान्यो ग्रन्थ।।"

यहा पर दर्शन करने के लिए बहुत सारे गुरुद्वारे है। 4-5 दिन होने चाहिए सभी के दर्शन करने के लिए। कुछ प्रसिध्द गुरुद्वारे है,
1 तख्त सचखंड श्री हजूर अबिचलनगर साहिब
2 गुरुद्वारा श्री संगत साहिब
3 गुरूद्वारा श्री हीरा घाट
4 गुरुद्वारा श्री माल-टेकडी साहिब
5  गुरुद्वारा श्री नंगीना घाट
6 गुरूद्वारा श्री लोहगढ साहिब
7 गुरुद्वारा शिकार घाट साहिब
8 गुरुद्वारा श्री रत्नगढ साहिब
9 बुंगा माई भागो जी
10 गुरुद्वारा माता साहिब देवा जी
11 गुरुद्वारा श्री लंगर साहिब
12 गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब बिदर कर्नाटक( बाकी सभी नादेड़ साहिब के पास ही है, महाराष्ट्र में, केवल यह थोडा दूर कर्नाटक में है, आसानी से टैक्सी मिल जातीहै)

ओर भी गुरूद्वारा साहिब है। सभी का अपना-2 इतिहास है। मन को बहुत सुकून मिलता है। रहने के लिए कमरे गुरूद्वारा साहिब में आसानी से मिल जाते है।
जब भी जाए कोशिश करे तख्त श्री सचखंड  हजूर  अबिचलनगर साहिब नादेड़ की सुबह-शाम होने वाली "आरती" में जरूर शामिल हो। बहुत अच्छी आरती होती है। शास्र भी दिखाए जाते है, नागारे बजते है। नयी ऊजा भर जाती है।
पहले दिन हम गुरुद्वारा साहिब में कमरा लेकर सुबह जल्दी उठ कर लोकल गुरुद्वारा साहिब जाते है, जो अपर लिख दिए है, सभी गुरुद्वारा साहिब बहुत एतिहासिक है। सभी का संबध सिक्खों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी से है। गुरुद्वारा लंगर साहिब से आप लंगर शक सकते है। कमरे लेने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक से बात कर सकते हो। लोकल गुरुद्वारा साहिब के लिए शेयर टैक्सी आसानी से मिल जाती है। बाजार में आप शॉपिंग भी कर सकते हो। रेलवे स्टेशन से गुरद्वारा साहिब के ली फ्री बस सर्विस भी थी जो संगत को गुरुद्वारा साहिब ले कर आती है।

धन्यवाद।

पहले दिन हम लोकल गुरुद्वारा साहिब देखने जायेगे, शाम को aquarium फिर बाद में श्री हजूर अबिचलनगर साहिब की शाम की आरती जो लगभग 7 बजे के आस पास होती है।

Day 2

अगले दिन हम गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब जाते है। जो कर्नाटक में है। सिक्खों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी ने लोगों के कहने पर अपने पांव से पानी के स्रोत को परगट किया था। जहा पर पानी की किलत होती थी। आप जहा पर पानी स्रोत देख सकते हो। एक दिन में आप गुरुद्वारा झीरा साहिब के दर्शन करके वापिस नांदेड़ साहिब आ सकते हो। हम भी गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके वहा पर लंगर शक के वापिस नांदेड़ आ गए थे और वहां से वापस पंजाब में अमृतसर आ गए थे। इस के साथ ही हमारी ये यात्रा पूर्ण हाेई।

धन्यवाद

गुरुद्वारा श्री हजूर अबचलनगर साहिब

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur
Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा साहिब का अदरूनी दृश

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा माल टेक‌‌ड़ी साहिब

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

सजा हुआ घोड़ा

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा श्री हीरा घाट

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा श्री हीरा घाट

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा श्री शिकार घाट

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

गुरुद्वारा श्री रत्नगढ़ साहिब

Photo of Historical place Nanded by Rajwinder Kaur

Further Reads