कई जगहे ऐसी होती हैं जो बेहद खूबसूरत होती है लेकिन लोगों का ध्यान उस तरफ नहीं जाता है। ऐसी ही अनदेखी और अनछुही जगह पर जाना बाकमाल होता है ऐसी ही एक जगह है जोखू घाटी, जिसे उनके ही लोगों ने भुला दिया था, लेकिन आज ये घाटी नागालैंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। जोखू घाटी जिसके बारे में कहा जाता था कि यहाँ की धरती बंजर है, आज वहाँ लिली के बैंगनी फूल होते हैं, ये फूल दुनिया में और कहीं नहीं होते हैं। तो चलिए आज नागालैंड की इस खूबसूरत दुनिया में चलते हैं, जिसे जोखू घाटी कहते हैं।
मैं नागालैंड में घूम रहा था और वहाँ की संस्कति और प्रकृति से रूबरू हो रहा था। मुझे तो पता ही नहीं था कि कुछ ही दूरी पर बेहद खूबसूरत घाटी भी है। ऐसी घाटी है जहाँ खूबसूरती का खज़ाना भरा हुआ है। जोखू घाटी नागालैंड की राजधानी कोहिमा से महज़ एक घंटे में पहुँचा जा सकता है। इतने पास होने के बाद भी लोगों को इस घाटी के बारे में जानकारी नहीं है। मैं तो खुशकिस्मत हूँ कि मेरे साथ ऐसा दोस्त था जो यहीं का रहने वाला था और घुमक्कड़ था। उसने ही मेरे सामने जोखू घाटी का ऐसा बखान किया कि मैं बिना जाए रह ही नहीं पाया। मैं नागालैंड में कई दिनों से घूम रहा था और अब वापस जाने वाला था। जब मुझे इस घाटी के बारे में पता चला तो जल्दी से जोखू घाटी का प्लान बनाया और चल दिया जोखू घाटी।
खूबसूरत जोखू घाटी
मेरा वो फैसला बहुत अच्छा रहा, अगर मैं जोखू घाटी नहीं आता तो बाद में बहुत पछताता। जब भी नागालैंड की खूबसूरती को याद करता हूँ तो जोखू घाटी ज़ेहन में जरूर आती है। जोखू घाटी सच में ‘स्वर्ग’ है, उस जगह को याद करना ही सुकून दे जाता है तो सोचिए वहाँ होने पर क्या होता होगा? जोखू घाटी समुद्र तल से 2,452 मीटर की उँचाई पर स्थित है। यूँ तो हर पहाड़ ही खूबसूरत होता है लेकिन मुझे वो पहाड़ सबसे खूबसूरत लगते हैं जिनमें हरी-हरी मखमली घास बिछी रहती है। जोखू वैली के पहाड़ मखमली घास से भरे पड़े हैं जो इस जगह और भी सुंदर बनाते हैं। ऊपर से छोटे-छोटे पहाड़ों को देखने पर लगता है कि वे एक-दूसरे के पीछे ऐसे छिपे हुए हैं और वे झाँककर हमें ही देख रहे हैं।
कभी विरान हुआ करती थी जोखू वैली
नागालैंड की जोखू घाटी आज खूबसूरती से भी गुलज़ार है और यहाँ आने वाले पर्यटकों से भी। लेकिन एक समय वो भी था जब यहाँ पर्यटक तो दूर की बात है यहाँ के लोग भी नहीं आते थे। जोखू घाटी से उनके लोगों ने ही मुँह मोड़ लिया था, नागालैंड के लोगों को लगता था कि ये जगह पूरी तरह से बंजर है। आज देखिये वही लोग इस घाटी की खूबसूरत के बारे में बताते नहीं थकते। हम जिस गाड़ी में थे उसका डाइवर इस जगह के बारे में बता रहा था। उसका कहना था कि बाहर के लोगों को इस जगह के बारे में ज्यादा पता नहीं है। आपको सबसे पहले जोखू को देखना चाहिए था, यहाँ की सुंदरता आपका मन मोह लेगी। हर टूरिस्ट गाइड का काम ही होता है उस जगह के बारे में ऐसे बताना कि आप उस जगह को देखने के लिए उत्साहित हो जायें।
बैंगनी लिली फूल
जब मैंने जोखू घाटी देखी तो सच में दिल खुश हो गया। जोखू घाटी की खूबसूरती पहली नजर में ही दीवाना बना देती है। यहाँ के उँचे-उँचे पहाड़, रहस्मयी ठूंठ, बादलों के बीच से दिखता नीला आसमान और घाटी के बीचों-बीच बहती नदी। ये सब जोखू घाटी की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे। अपनी खूबसूरती के अलावा जोखू घाटी एक और चीज के लिए फेमस है, बैंगनी रंग के लिली फूल के लिए। जोखू घाटी में बैंगनी लिली फूल के अलावा, सफेद, लाल और पीले रंग के दूसरे फूल भी होते हैं। इन सबको एक जगह पर देखने पर ऐसे लगता है, जैसे कोई इन्द्रधनुषी पेंटिंग हो। लिली के बैंगनी फूल जोखू घाटी के अलावा दुनिया में कहीं नहीं पाए जाते हैं। इन लिली फूलों को सिर्फ जून के महीने में देखा जा सकता है।
जोखू घाटी के बीच फूलों के इस खजाने को देखने के लिए थोड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है। यहाँ तक पहुँचने के लिए एक-डेढ़ घंटे की ट्रेकिंग भी करनी पड़ती है। चढ़ाई करते समय थकावट कम और खुशी ज्यादा हो रही थी। जब आसपास इतनी सुंदरता बिखरी पड़ी हो तो थकावट कैसे आ सकती है? एक घंटे की खड़ी चढ़ाई करने के बाद बांस के कुछ झुरमुट आते हैं। जिसे पार करते ही इस घाटी की खूबसूरती की झलक मिलती है। जिसे देखते ही मेरी थकान छूमंतर हो गई। यकीन मानिए, जब आप यहाँ के हरे-भरे पहाड़ों, रंगे-बिरंगे फूलों और उन पर पड़ती सूरज की किरणों को देखेंगे तो आपकी थकावट भी छूमंतर हो जाएगी।
जोखू में बरतें सावधानी
यहाँ आते समय सावधानियाँ बरतनी बहुत जरूरी है। गाइड के साथ यहाँ आना सबसे बड़ी सावधानी है क्योंकि यहाँ मौसम कभी भी करवट बदल लेता है। यहाँ बारिश का कोई भरोसा नहीं है। एक बार बारिश शुरू होती है तो घंटों जारी रहती है। इसलिए अपने साथ तैयारी करके रखें। हम जब रास्ते में थे तब बारिश शुरू हो गई वो तो शुक्र है कि मेरे पास पोंचूं था। पोंचू ने मुझे तो भीगने से बचाया ही मेरे बैग को भी बचाया। इसके अलावा ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े, टाॅर्च, वाॅटरप्रूफ जूते, खाने-पीने का थोड़ा सामान आपकी यात्रा को अच्छा बनाएँगे।
जोखू यानी बेजान
जोखू का मतलब है, बेजान या निर्जन। अंगामी भाषा में इसे ठंडे पानी से जोड़ा जाता है। पहले यहाँ का मौसम इतना खराब था कि यहाँ कोई भी फसल नहीं उगाई जा सकती थी। इस जगह पर फसल उगाना तो दूर ठंड की वजह से यहाँ रहना मुश्किल होता था। इसी वजह से यहाँ रहने वाले लोग इस घाटी को छोड़कर कहीं और बस गए। बाद में इस जगह को कुछ पर्वतारोहियों ने खोजा और इस खूबसूरत घाटी के बारे में पूरी दुनिया को बताया। धीरे-धीरे इस जगह को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आने लगे। आज जोखू घाटी नागालैंड पर्यटन में सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है।
जोखू घाटी के बारे में कुछ रहस्यमयी कहानियाँ और मान्यतायें भी है। यहाँ के लोगों का मानना है कि जोखू घाटी में बहती नदी के पानी से कोई भी बीमारी ठीक हो सकती है। यहाँ के बारें में एक कहानी ये भी है कि इस घाटी के पीछे बहुत बड़ा जंगल है और उस जंगल में सफेद हाथी रहते हैं। लेकिन आज तक उन सफेद हाथियों को किसी ने नहीं देखा। एक रहस्यमयी किवंदंती ये भी है कि यहाँ एक बेहद खूबसूरत औरत की आत्मा रहती है, जो यहाँ आने वाले पुरूषों को अपने वश में कर लेेती है।
कैसे पहुँचें जोखू घाटी?
जोखू घाटी दो रास्तों से पहुँचा जा सकता है। जोखू घाटी मणिपुर सीमा के काफी नज़दीक है। पहला रास्ता है मणिपुर से और दूसरा नागालैंड से। मणिपुर के सेनापति के माउंट इशू के रास्ते यहाँ पहुँचा जा सकता है। लेकिन जो पहली बार जा रहे हैं उनके लिए नागालैंड से जाना सही रहेगा। नागालैंड की राजधानी कोहिमा आइए, यहाँ आप लोकल टैक्सी और गाइड की सहायता से विशेमा पहुँचेंगे।
विशेमा से जोखू घाटी तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। जोखू घाटी पहुँचकर आप रात में वहीं रूकना चाहते हैं तो उसके लिए आपको होटल तो नहीं मिलेगा। लेकिन पर्यटन विभाग ने दो कमरे और किचन बनाया हुआ है, जहाँ आप रूक सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ खुद का टैंट लगाकर भी रूक सकते हैं। जोखू घाटी खूबसूरती और आश्चर्यों से भरी पड़ी है। अगर आप नागालैंड घूमने का प्लानन बनाने की सोच रहे हैं तो जोखू घाटी को अपनी लिस्ट में जोड़ लीजिए।