1. प्रथम पूज्य श्री गणेशजी

- हिंदू धर्म के अनुसार श्री गणेशजी की पूजा सबसे पहले की जाती है। कोई शुभ कार्य हो, पूजा विधि हो या फिर कोई मंगल अवसर हो, भगवान श्री गणेश जी का स्थान प्रथम है और पूजनीय है।
- गणों के राजा गणपति, मंगलमूर्ति, और विघ्नहर्ता जैसे कई सारे नामों से जानेवाले गणपतिजी के भारत भर में बहुत सारे पवित्र मंदिर है। मुंबईको " सिटी ऑफ गणेशा " के नाम से भी जाना जाता है। इनमे से आज हम बात करते है एक सुप्रसिद्ध मंदिर " श्री सिद्धि विनायक मंदिर " की।
2. क्यों कहा जाता है सिद्धि विनायक

- कहते हैं कि दाहिनी ओर मुड़ी सूंड वाली गणेश प्रतिमाएं सिद्ध पीठ से जुड़ी होती है और ये सारे मंदिर भी सिद्ध पीठ कहलाते है।
- कहा जाता है कि दाहिनी तरफ मुड़ी सूंड वाले गणपतिजी की पूजा करने से वह बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अगर नियम अनुसार पूजा न कर पाए तो जल्दी कोपायमान भी हो सकते है।
- अतः गणेश जी के सारे रूपो में सिद्धि विनायक सबसे शक्तिशाली और सिद्धियां प्राप्त करानेवाला स्वरूप है।
3. इतिहास

- काफी लोगो का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य संवत 1692 में हुआ था। मगर सरकारी दस्तावेजों को देखा जाए तो यह मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 में हुआ था। इस मंदिर का निर्माण कार्य लक्ष्मण विठू और देऊबाई पाटिल द्वारा किया गया था। उस समय यह मंदिर बहुत छोटा था।
- देऊबाई पाटिल की कोई संतान नहीं थी इसी लिए उन्होंने यह मंदिर का निर्माण कराया ताकि पुत्रहीन महिलाए सिद्धि विनायक की पूजा करके पुत्ररत्न की प्राप्ति कर सके। शायद इसी वजह से ही इस मंदिर को मराठी में " नवसाला पावणारा गणपति " कहा जाता है जो दिल की हर मुराद को पूरी करता है।
4. इमारत की बनावट

- 1960 में महाराष्ट्र एक अलग राज्य बना और साथ ही में मुंबई इसकी राजधानी बनी। दिनदूनी और रात चौगुनी के जैसी यह मंदिर भी प्रसिद्ध होने लगा और 1990 में इसका पुनः निर्माण कराया गया। दिन भर दिन मंदिर में आने वाले भक्तोकी संख्या बढ़ी। हर रोज यहां पे 30,000 से भी ज्यादा भक्त आते है वही मंगलवार को यह संख्या बढ़कर करीब 2,00,000 तक पहुंच जाती है।
- इस मंदिर के मैनेजमेंट के लिए सिद्धि विनायक ट्रस्ट हरदिन कार्यरत रहता है। यहां पूजा की विधि पारंपरिक तरीके से की जाती है पर सारी व्यवस्था मॉडर्न है। यह मुंबई का एक स्मार्ट मंदिर है क्योंकि इस मंदिर में आरती करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते है और भक्तो हर रोज घर बैठे ऑनलाइन दर्शन भी कर सकते है। साथ ही साथ इस मंदिर के छत पर बिजली के लिए सोलर पैनल भी लगाए गए हैं जो कि इसे ईको फ्रेंडली बनाता है।
- सिद्धि विनायक 5 मंजिला है। ग्राउंड फ्लोर पर व्यूअर गैलरी है जहा बाप्पा की मूर्ति स्थापित है। पहली मंजिल पर एक दर्शन गैलरी है जहा भक्तो अपनी निजी पूजा करते हैं। दूसरे और तीसरे मंजिले पर एक्जीक्यूटिव और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस है । मंदिर के चौथे फ्लोर पर एक लाइब्रेरी है जहा 8500 से भी ज्यादा किताबे है। पांचवे फ्लौर पर है मंदिर का किचन जहा ऑटोमेटेड प्रोसेस द्वारा हर रोज 30,000 लड्डू बनते हैं। गणेश उत्सव पर यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है। अगर 2016 की बात करे तो मंदिर ने 9 करोड़ प्रसादकी बिक्री की।
- जितना भी दान मंदिर में आता है वह सब लोगो पे ही इस्तेमाल होता है जैसे कि सिद्धि विनायक डायलिसिस सेन्टर चलाता है जहा बहुत कम भाव में डायलिसिस किया जाता है । वही दूसरी ओर 6 कक्षा से लेकर 11 कक्षा की किताबे बच्चे लाइब्रेरी से ले सकते है। इसी लिए लोगो को कही ना कही भरोसा है की हम 1₹ भी दान करेंगे तो वह आम जनता के लिए ही फायदेमंद होगा ।
गणेशजी के 12 नाम
१. वक्रतुंड
२. एकदंत
३. कृष्णपिंगाक्ष
४. गजवक्त्र
५. लंबोदर
६. विकट
७. विघ्नराजेंद्र
८. धुम्रवर्ण
९. भालचंद्र
१०. विनायक
११. गणपति
१२. गजानन
तो दोस्तो, पोस्ट के अंत मे हम सब भगवान श्रीगणेशजी के १२ नाम का स्मरण करते हुए विदा लेते है। बाप्पा आपके सारे विघ्न हरे, आपको और आपके परिवार को खुशियों से भर दे ।
बोलो गणपति बाप्पा मोरया !!!
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