स्वाद ऐसी चीज है, जिसके चक्कर में आदमी जान तक की बाजी लगाने से बाज नहीं आता। मसालों का स्वाद ही तो था जिसने यूरोप के लोगों को जान का जोखिम लेकर समुंदर के जरिए भारत तक आने पर मजबूर कर दिया। आपको यह जानकर हैरत होगी कि इन दिनों दुनियाभर में लोग सिर्फ खूबसूरत जगहों को देखने के लिए ही नहीं घूमते। बल्कि ऐसे लोगों की भी एक अच्छी खासी जनसंख्या है जो स्वादिष्ट खानों को चखने के लिए भी दुनिया का चक्कर लगा रहे हैं। आप भी अगर इन्हीं चटोरे लोगों की लिस्ट में शामिल हैं, तो फिर इस आर्टिकल को पूरा पढ़िएगा। क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप मुंबई शहर में हैं, तो फिर यहां के स्ट्रीट फूड के राजा वड़ा-पाव का स्वाद चखने के लिए आपको किन 10 दुकानों के दरवाजे पर दस्तक देनी होगी।
1) अशोक वड़ा-पाव
वड़ा-पाव से जुड़े किसी भी किस्से की शुरुआत अशोक वड़ा-पाव से ही होती है। क्योंकि यह दुकान उस आदमी से जुड़ी है, जिनके हाथों ही 'वड़ा-पाव' जैसे स्ट्रीट फूड का जन्म हुआ। जी हां, अशोक वड़ा-पाव के मालिक अशोक वैद्य ने ही साल 1966 में पहली बार आलू वड़े को पाव के साथ लोगों को खिलाने का काम शुरू किया था। दादर रेलवे स्टेशन से अस्तित्व में आया वड़ा-पाव जल्द ही मुंबई शहर की पहचान बन गया। दादर पश्चिम में कीर्ति कॉलेज के पास स्थित अशोक वड़ा-पाव का शुमार शहर के एलीट वड़ा-पाव की लिस्ट में होता है। क्योंकि यहां सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि बॉलीवुड सेलेब्स भी गरमागरम वड़ा-पाव का स्वाद चखने आते हैं। यहां आप सुबह 9 बजे से रात करीब 11 बजे तक कभी भी आकर इनके कुरकुरे वड़ा और मुलायम पाव को हरी चटनी के साथ स्वाद लेकर खा सकते हैं।
2) भाऊ वड़ा-पाव
मुंबई के भांडुप इलाके में सर्वोदय नगर के पास स्थित भाऊ वड़ा-पाव अपने आप में एक ब्रांड है। एक ऐसा ब्रांड जिसका स्वाद लेने के लिए मुंबई के हर कोने से लोग यहां सिर्फ वड़ा-पाव खाने के लिए ही आ जाते हैं। नारियल और लहसुन की सूखी चटनी के साथ जब गरमागरम भाऊ वड़ा-पाव परोसा जाता है, तब इसकी सूरत देखकर ही आदमी के मुंह में पानी भर जाता है। स्वाद ही कारण है कि 90 के दशक में भांडुप से शुरू हुआ भाऊ वड़ा-पाव अब मुलुंड और घाटकोपर इन दो नए ठिकानों पर भी खुल गया है। आप सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक कभी भी भाऊ वड़ा-पाव की ओर आ सकते हैं।
3) गजानन वड़ा-पाव
किसी भी वड़ा-पाव में यह बात बहुत अहम होती है कि उसे किस तरह की चटनी के साथ परोसा जा रहा है। ज्यादातर जगहों पर वड़ा-पाव के साथ आपको लाल और हरी चटनी मिलती है। लेकिन गजानन वड़ा-पाव के साथ आपको लाल और हरी जैसी पारंपरिक चटने चखने को नहीं मिलेगी। साल 1978 से मौजूद गजानन वड़ा-पाव की तो सबसे बड़ी यूएसपी ही उसकी पीली चटनी है। ठाणे पश्चिम के नौपाडा इलाके में स्थित गजानन वड़ा-पाव को जब पीली चटनी और मिर्ची के ठेचे के साथ मिलाकर खाया जाता है, तब आदमी का पेट तो भर जाता है लेकिन मन भरने का नाम ही नहीं लेता। आप सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक यहां आकर मुंबई के सबसे उम्दा वड़ा-पाव का स्वाद चख सकते हैं।
4) आराम वड़ा-पाव
छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन के ठीक सामने कैपिटल सिनेमा बिल्डिंग में स्थित आराम वड़ा-पाव का बड़े आराम के साथ स्वाद चख सकते हैं। सीएसटीएम तक की रोजाना यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह जगह भुख मिटाने की सबसे पसंदीदा जगह है। मुंबई के सबसे पुराने फास्टफूड की दुकान में से एक आराम वड़ा-पाव के स्टॉल पर ग्राहकों को चीज़ वड़ा-पाव और बटर चीज ग्रिल वड़ा-पाव का भी ऑप्शन भी मिलता है। आप यहां सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे के दौरान कभी भी आकर इनका क्रिस्पी वड़ा-पाव खाकर खुद इन्हें आजमा सकते हैं।
5) ग्रेजुएट वड़ा-पाव
मुंबई के भायखला इलाके में जैकब सर्कल के पास ही आपको ग्रेजुएट वड़ा-पाव वाले की दुकान दिख जाएगी। पिछले करीब 20 सालों से ग्रेजुएट वड़ा-पाव वाला ग्राहकों के स्वाद को जस का तस बनाए रखने की सेवा कर रहा है। यहां आपको नॉर्मल वड़ा-पाव के साथ ही बूम बाम वड़ा-पाव, चीज़ वड़ा-पाव, ग्रिल्ड वड़ा-पाव, पेरी-पेरी वड़ा-पाव जैसे बहुतेरे ऑप्शन मिल जाएंगे। लाल और हरी चटनी के डेडली कॉम्बिनेशन के साथ जब वड़ा-पाव को टेस्ट किया जाता है, तब इसे आप जितना खाते जाते हैं, आपकी भुख उतनी ही बढ़ती जाती है। अब अगर आप भी अपनी भुख का इंतजाम करना चाहते हैं, तो आप सुबह 9 बजे से रात 11 बजे के दौरान कभी भी भायखला स्टेशन के बाहर पहुंच जाइएगा।
6) आनंद वड़ा-पाव
मुंबई का मीठीबाई कॉलेज अपने बॉलीवुड सेलिब्रिटी स्टूडेंट्स लिए प्रसिद्ध है। और वहीं इस कॉलेज के ठीक सामने मौजूद आनंद वड़ा-पाव की दुकान की शहर भर में वड़ा-पाव की दुनियाभर की वेराइटी के लिए जानी जाती है। विले पार्ले वेस्ट में मीठीबाई कॉलेज के ठीक सामने मौजूद आनंद वड़ा-पाव की दुकान सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक खुली रहती है। आपको सुबह से लेकर शाम तक इस दुकान के आगे लोगों की भीड़ नजर आएगी। अब जब लोगों के एक ही दुकान में चीज़, बटर, सेजवान और मेयोनीज वड़ा-पाव मिल जाएंगे, फिर कोई कैसे खुद को आनंद वड़ा-पाव खाने का आनंद लेने से रोक पाएगा। आप भी मत रोकिए और पहली फुर्सत में यहां पहुंच जाइए।
7) खिड़की वड़ा-पाव
खिड़की वड़ा-पाव का स्वाद चखने के लिए आपको मुंबई शहर के आंगन यानी कल्याण आना होगा। और जब आप ऐसा करेंगे तब आपको पता चलेगा कि इस वड़ा-पाव के 'खिड़की' नाम के पीछे जीवन में सफलता के दरवाजे खोलने के लिए जरूरी एक बेहद प्रेरणादायक कहानी छिपी है। दरअसल, साल 1968 में यशवंतराव वझे और उनकी पत्नी उमा वझे ने अपना घर चलाने के लिए घर की खिड़की से ही वड़ा-पाव बेचने की शुरुआत की थी। शुरुआत भले एक खिड़की से हुई हो लेकिन स्वाद में ऐसा जादू था कि उसके चर्चे पहले कल्याण भर में हुए और फिर दूर-दूर तक खिड़की वड़ा-पाव के लिए सफलता का आसमान खुल गया। तो आप भी किसी दिन कल्याण स्टेशन से तिलक चौक की ऑटो पकड़ इस ऐतिहासिक वड़ा-पाव के स्वाद से अपना वर्तमान बना सकते है।
8) जुगाड़ी अड्डा वड़ा-पाव
मुंबई में इन दिनों वड़ा-पाव का एक नया वेंचर सेंसेशन बनाए हुए है। देखिए, मुंबई की गली-गली में बिकने वाले वड़ा-पाव के बिज़नेस में अपना ब्रैंड गली-गली तक पहुंचाने के लिए किसी भी नए प्लेयर के पास 'कुछ अलग' यूएसपी होनी चाहिए। और जुगाड़ी वड़ा-पाव के पास हिट होने के सभी जुगाड़ थे। इसलिए बहुत कम समय में इसने एक के बाद एक मुंबई के कई हॉटस्पॉट इलाकों में अपनी दुकान खोल ली। इनके मेनू में आपको पारंपरिक वड़ा-पाव के साथ जैन, जंतर-मंतर, वीआईपी, तंदूरी, सेजवान, चॉकलेट, अचारी, गॉडफादर, BBQ जैसे करीब 15 प्रकार के वड़ा-पाव मिल जाएंगे। वड़ा-पाव के इतने सारे किस्म और हर किस्म के वड़ा-पाव का काबिलेतारीफ स्वाद ही उनकी कामयाबी की कहानी गढ़ रहा है। अगर आप भी एक्सपेरिमेंटल फूड के दीवाने हैं तो फिर लोवर परेल, दादर, गिरगाव, उल्हासनगर और डोंबिवली जैसे इलाकों में जाकर जुगाड़ी अड्डा का वड़ा-पाव जरूर आजमाएं।
9) सम्राट वड़ा-पाव
वड़ा-पाव अगर मुंबई स्ट्रीट-फूड का राजा है तो फिर यहां के वड़ा-पाव को आप इस बिरादरी के सम्राट भी कह सकते हैं। यहां मिलने वाला वड़ा बाकियों से एक दम अलग होता ह। क्योंकि इनके वड़े में आलू के साथ नारियल भी डाला जाता है। उनका यही एक्सपेरिमेंट यहां एक बार वड़ा-पाव खाने वाले को उनकी दुकान पर बार-बार आने के लिए मजबूर कर देता है। आप भी सम्राट वड़ा-पाव के पास से जरा हटके वड़ा-पाव का स्वाद लेना चाहते हैं, तो आपको विले पार्ले पूर्व में स्थित पार्लेश्वर इलाके में आना होगा। आपकी जीभ को तृप्त करने के लिए यह दुकान सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती है।
10) जय महाराष्ट्र वड़ा-पाव
इस लिस्ट में आखिरी स्थान पर आने के लिए भी ढेर सारे उम्मीदवार थे। लेकिन हमने जय महाराष्ट्र वड़ा-पाव को इस सूची में इसलिए शामिल किया क्योंकि यह दुकान 1966 से लोगों को वड़ा-पाव खिला रही है। इस वड़ा-पाव के मालिक का कहना है कि उनकी दादी के पास वड़ा बनाने की एक बेहद सीक्रेट रेसिपी थी और यहां आज भी दादी जी के उसी सीक्रेट रेसिपी के अनुसार वड़ा-पाव तैयार किया जाता है। जो इन्हें बाकी के वड़ा-पाव से एकदम अलग खड़ा करता है। अंधेरी पश्चिम के अपना बाजार इलाके में आप बड़ी आसानी से जय महाराष्ट्र वड़ा-पाव की दुकान के द्वार तक पहुंच जाएंगे। और खाने के बात इस नतीजे पर कि हमने क्यों इसे अपनी लिस्ट में शामिल किया।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें