बर्फ़ीले पहाड़ों से लेकर ट्रेकिंग करने के रोमांचक रास्तों तक, उत्तराखंड प्रकृति से प्रेम करने वाले लोगों के लिए हमेशा से खास रहा है। यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें शांत गाँवों में टहलना और खुली हवा में साँस लेना अच्छा लगता है, तब उत्तराखंड आपके लिए एकदम सही जगह है। हम अक्सर ऐसी जगहें ढूँढते हैं इसलिए आपकी इस मेहनत को कम करने के लिए हमने देवभूमि उत्तराखंड के पाँच ऐसे अनछुए अनसुने गॉंवों की सूची तैयार की है जहाँ जाकर आपको वाकई अच्छा लगेगा।
1. घुग्गु खाम, नैनीताल
यहाँ क्या है खास: नैनीताल से पंगोट की ओर 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उत्तराखंड का ये छोटा हिमालयी गाँव अपने तरह तरह के पंछी प्रजातियों के लिए जाना जाता है। इस गाँव का सबसे फेमस पर्यटन स्थल नैना देवी पंछी संगरक्षण सेंटर है। इस गाँव से दाबका घाटी के खूबसूरत नज़ारे भी दिखाई देते हैं।
कहाँ ठहरें: मोक्षम कैम्प साइट
क्या करें: ये गाँव तमाम पंछी प्रजातियों के घर है इसलिए यदि आपको इसमें रुचि है तो आपको ये जगह काफी पसंद आएगी। पहाड़ों पर लोग अक्सर रोमांच की तलाश में आते हैं। यदि आप रोमांच प्रेमी हैं तब आप घण्यल देवी ट्रेक पर भी जा सकते हैं।
घुग्गु खाम से लगभग 8 किमी. की दूरी पर सरियताल झरना स्थित है जहाँ पहुँचने के लिए आपको ट्रेक करना होता है। इसके अलावा गाँव में अनेक घास के मैदान हैं जहाँ आप टहलने और गाँव की अलसाई ज़िन्दगी का स्वाद चख सकते हैं।
2. मुखतेश्वर
यहाँ क्या है खास: मान्यता प्राप्त मुखतेश्वर मंदिर से लेकर ट्रेकिंग के अनंग विकल्पों तक, मुखतेश्वर में हर क़िस्म के घुमक्कड़ के लिए कुछ है। इसके अलावा मुखतेश्वर के झरने भी देखने लायक हैं।
कहाँ ठहरें: हिसालू स्टे
क्या करें: मुखतेश्वर में आप बागान देख सकते हैं। आप भालू गाड वॉटरफॉल तक हाइक कर सकते हैं। इसके अलावा आप ठाकुर पॉइंट तक हाइक करके पहाड़ों के विहंगम नजरों का आनंद भी ले सकते हैं।
3. बागोरी, टेहरी गढ़वाल
यहाँ क्या है खास: गंगोत्री धाम से कुछ किमी. स्थित इस गाँव में आप सेब के बगीचे और मशरुम की खेती देखा जा सकती है। इस गाँव में बर्फबारी भी होती है जिसके कारण इसको अक्सर "विंटर घोस्ट" भी कहा जाता है।
कहाँ ठहरें: हर्षिल हेरिटेज होमस्टे
क्या करें: यहाँ आप हर्षिल घाटी देख सकते हैं। हर्षिल घाटी में ट्रेकिंग करने के लिए कई रास्ते हैं। विशाल पहाड़ों और सुरम्य पगडंडियों से घिरे मुखबा मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। इस मंदिर को देवी गंगा के शीतकालीन घर के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा आप यहाँ प्रकृति के बीच शांति में योग भी कर सकते हैं।
4. मजखाली
यहाँ क्या है खास: रानीखेत से 12 किमी की दूरी पर स्थित यह गाँव देवी काली मंदिर और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। यदि आप हिल स्टेशन में होते हिये भी भीड़ से बचना चाहते हैं, तो यह एक अद्भुत विकल्प है। यहाँ एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट - गोल्फ कोर्स भी है।
कहाँ ठहरें: रोजविला कॉटेज
क्या करें: आप वन नर्सरी की यात्रा कर सकते हैं और घास के मैदानों में दर्शनीय पिकनिक स्थलों की सैर कर सकते हैं। गाँव से दिखाई देने वाली विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं के बीच मंत्रमुग्ध कर देने वाले सूर्यास्त को देखें। ग्रामीण इलाकों के जीवन का अनुभव करने के लिए भी ये जगह बिल्कुल सही है।
5. सोमेश्वर
यहाँ क्या है खास: सोमेश्वर घाटी में स्थित यह गाँव दो नदियों - कोसी और साईं के तट पर स्थित है। यह भगवान शिव के पवित्र मंदिर, प्रसिद्ध सोमेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है, जो अपने आप में एक आकर्षण है।
कहाँ ठहरें: सोमेश्वर हेरिटेज होमस्टे
क्या करें: सोमेश्वर मंदिर जाने के अलावा, आप राजसी पर्वतमाला की चोटियाँ देखने का आनंद ले सकते हैं।
अन्य हिल स्टेशनों के विपरीत, उत्तराखंड के इन गाँवों में घूमने के स्थानों या करने के लिए चीजों की एक बड़ी सूची नहीं है। लेकिन यही उन्हें मुख्यधारा के पर्यटन स्थलों से अलग करता है। छुट्टियों पर पर्यटन स्थलों को कवर करने की सामान्य भीड़ के बिना, ये गांव धीमी यात्रा के लिए आदर्श हैं। स्थानीय लोगों के जीवन से परिचित होने के दौरान कुछ न करने और प्रकृति को अपने जादू को देखने का आनंद बेजोड़ है।
लेकिन हिमालय के इन गांवों में आराम की तलाश में, एक जिम्मेदार यात्री बनना न भूलें। यादों को संजोने के लिए कुछ भी नहीं छोड़ो।
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