बादलों की जन्नत में बसा है बादलों का घर मेघ + आलय = मेघालय। अगर आप पूर्वोत्तर भारत घूमने गये और आपने मेघालय ही नहीं देखा, तो आपकी यात्रा अधूरी कही जायेगी। मेघालय घुमे बिना पूर्वोत्तर की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
मेघालय की राजधानी शिलांग को तो पूर्वोत्तर का स्काटलैंड भी कहा जाता है। एक बार मेघालय की खूबसूरती देखने के बाद आप यहाँ के दीवाने हो जायेंगे।
शिलांग मेघालय की राजधानी है और मेघालय की सबसे बड़ी सिटी है। शिलोंग में देखने के लिये बहुत कुछ है। यहाँ आप एलीफैंटा वाटरफॉल में बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। शिलोंग पीक से आप पुरे शहर का नजारा देख सकते हैं। अगर आपको शिलोंग का स्वाद चखना है तो ML 05 रेस्टोरेंट आपके लिये ही है। इसके आलावा यहाँ का चर्च और पार्क भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पुलिस बाजार में आप लोकल मार्केटिंग का मजा ले सकते हैं।
शिलोंग शहर से पहले ही आपको मिलता है उमीयम झील का मनमोह लेने वाला नजारा। इसके किनारे भुट्टे खाने और चाय पीने का मजा ही निराला है। यहाँ पर आप बोटिंग भी कर सकते हैं।
इसको बड़ापानी भी बोलते हैं।
अब चलते हैं सोहरा यानि की चेरापूंजी की ओर। चेरापूंजी में आपको दुनियाँ भर के झरने मिल जायेंगे और वो भी एक से एक खूबसूरत। वेई स्वदोंग यहाँ का सबसे खूबसूरत झरना है। यहाँ लाइफ में एक बार तो जाना बनता ही है।
मेघालय की एक और खासियत है और वो है पेड़ों की जड़ो से बनने वाले पुल जिनको लिविंग रुट ब्रिज कहा जाता है। ऐसे पुलों की मेघालय में भरमार है लेकिन सबसे सुन्दर है डबल डेकर लिविंग रुट ब्रिज। इस जगह से 4 km और पैदल आगे चलने पर आपको मिलेगा रेनबो वाटरफॉल।
करांग सूरी वाटरफॉल एक और बेहतरीन देखने लायक वाटरफॉल है मेघालय में। यहाँ की सुंदरता लोगों के दिलों में बस जाती है। यहाँ पर लोग लाइफ जैकेट ले कर घंटो घंटो तक पड़े रहते हैं।
मेघालय की असली खूबसूरती वहाँ के जलप्रपातों में ही छुपी हुई है। जब बात झरनों की हो ही गयी है तो आपको एक और चेरापूंजी का खूबसूरत झरना बताता हूँ। इसका नाम है नोहकालिकाई फॉल। ये फाल बहुत ऊँचाई से गिरता है इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
ये जगह उमगोट नदी के किनारे बसी हुई है। उमगोट नदी भारत की सबसे साफ नदी है जहाँ पर नाव नदी के ऊपर जब तैरती है तो ऐसा लगता है हवा में तैर रही है। ये जगह द्वाकी से थोड़ा आगे है। द्वाकी में बहुत भीड़ रहती है जबकि यहाँ का माहौल शांत है। यहाँ पर आप कैंपिंग, बोटिंग, स्कूबा डाइविंग और स्नोर्केलिंग कर सकते हैं।
मवलीन्नौग गाँव एशिया का सबसे साफ सुतरा गाँव है। यहाँ आपको गन्दगी का कोई भी नामों निशान नहीं दिखाई देगा। यहाँ आपको बहुत सारे होमस्टे मिल जायेंगे। यहाँ पर बहुत सारे रुट ब्रिज भी हैं। इस गाँव के लोग बहुत प्यारे हैं।
ऐसा नहीं की मेघालय में सिर्फ वाटरफॉल ही हैं। यहाँ ट्रेक्किग और एडवेंचर के शौक़ीन लोगों के लिये भी बहुत कुछ है। मवर्यन्गखाग ट्रेक वाखेन गाँव से शुरू होता है। 3 km का ये एक छोटा सा ट्रेक है। इस ट्रेक को गाँव वालों ने बेम्बो की मदद से बनाया है और ये काफी डरावना है। इसको बेम्बो ट्रेक भी बोला जाता है।
Laitlum का अर्थ होता है पहाड़ियों का अंत और ये जगह इस नाम के साथ न्याय करती है। यहाँ पर आप चोटी मोटी ट्रेक्किंग कर सकते हैं। यहाँ का नजारा अद्भुत है। पिकनिक मनाने के लिये ये उपयुक्त जगह है। ये जगह शिलांग से सिर्फ 1 घंटे की दूरी पर है।