Day 1
पदावली विद्यापति द्वारा चौदहवीं सदी में रचा गया काव्य है। यह भक्ति और शृंगार का अनूठा संगम है। निराला ने पदावली की मादकता को नागिन की लहर कहा है। इसमें राधा और कृष्ण के प्रेम तथा उनके अपूर्व सौंदर्य चित्रों की भरमार है।
पदावली विद्यापति द्वारा चौदहवीं सदी में रचा गया काव्य है। यह भक्ति और शृंगार का अनूठा संगम है। निराला ने पदावली की मादकता को नागिन की लहर कहा है। इसमें राधा और कृष्ण के प्रेम तथा उनके अपूर्व सौंदर्य चित्रों की भरमार है।