मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में स्थित सतना भारत का एक प्राचीन शहर है जो जाना जाता है अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए जो फेमस है अपनी पवित्र धार्मिक स्थान मैहर और चित्रकूट के लिए यहाँ भारत के कोने- कोने से लोग सतना भ्रमड़ के लिए पहुंचते है ।
सतना में घूमने की प्रमुख जगह
सतना की यात्रा आपको भारत के प्राचीन इतिहास की तरफ ले जाएगी जहा आप इतिहास से जुडी कई संरचनाओं और धार्मिक पर्यटन स्थल पुरातात्विक महत्त्व रखने बाले स्थल साल भर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते है ।
1. मैहर मंदिर- माँ शारदा देवी
भारत का एक मात्र शारदा देवी मंदिर सतना की सबसे ज्यादा फेमस जगहों में से एक है माँ शारदा देवी मंदिर जो विंध्यांचल के त्रिकूट पर्वत के सिखर में स्थित है ।
मंदिर तक पहुंचने के लिए 1059 सीढिया चढ़कर पहाड़ी के ऊपर पहुंचना पड़ता है श्रद्धालु देवी शारदा के दर्शन के अलाबा पहाड़ी के ऊपर से आल्हा और उदल का अखाडा का मनोरम दृश्य देख सकते है ।
जो माँ देवी शारदा के अनन्य भक्त व सेवक हुआ करते थे जिससे देवी प्रसन्न होकर आल्हा और उदल को अमर होने का बरदान दिया। मान्यताओं के अनुसार आज भी मंदिर में सबसे पहले यही दोनों दर्शन करने पहुंचते है
सतना स्थित मैहर में माँ शारदा देवी की सर्वप्रथम दर्शन भी इन दोनों ने ही किया था इसीलिए इन्ही को शारदा देवी खोजकर्ता मन जाता है
मैहर कब जाये :- वैसे तो मैहर दर्शन के लिए साल भर दर्शनार्थी आते रहते है परन्तु सतना के मैहर में सबसे ज्यादा भीड़ नवरात्री के समय लगती है उस समय सतना में घूमने के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते है ।
2. चित्रकूट धाम
चित्रकूट जहा कण- कण में भगवान् राम का वास हो भारत सबसे प्राचीनतम तीर्थ स्थलों में से एक चित्रकूट सतना जिला में बसा हुआ है । पौराणिक कथाओं में अनुसार भगवान् राम को जब बनवास हुआ था तो अयोध्या से चलकर त्रेता युग में भगवान् राम, सीता और लक्षमण समेत सतना के चित्रकूट के जंगलो में 11 बर्षो तक अपने वनबास के समय काटे थे ।
मंदाकनी नदी के किनारे स्थित चित्रकूट जहा भारत के कोने -कोने से श्रद्धालु श्रद्धा भाव से यहाँ दर्शन के लिए आते है । चित्रकूट में घूमने के लिए कई ऐसे जगह है जहा पर आप यहाँ के दार्शनिक और प्राकृतिक स्थानों को देख सकते है ।
चित्रकूट पर्यटन में घूमने की जगह :-
गुप्त गोदावरी
राम घाट
राम भरत मिलन मंदिर
लक्षमण मंदिर
सीता रसोई
हनुमान धारा
सती अनुसुइया आश्रम
स्टफिक सिला ( सीता माँ के पैरो निशान )
अत्रि आश्रम
जब सतना घूमने निकले तो समय निकाल कर आये ताकि यहाँ के प्राकृतिक नैसर्गिक वातावरण का बखूबी ढंग से लुप्त उठा पाए ।
चित्रकूट में ठहरने के लिए कई धर्मशालाए है जहा आप निशुल्क रुक सकते है इसके अलाबा यहाँ पर कई होटल मौजूद है जहा काफी कम बजट में यहाँ की यात्रा सम्पूर्ण कर सकते है ।
3. पन्नीखोह जलप्रपात -Pannikhoh waterfall satna
पन्नीखोह जलप्रपात मध्यप्रदेश के सतना जिला में स्थित त्रिकूट पर्वत में मौजूद मैहर मंदिर के समीप एक प्राकृतिक झरना है पहाड़ के ऊपर से गिरती हुयी झिलमिल जलधारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है ।
जंगली गलियारों से पहुंचकर थके हुए पर्यटक को जब पंनीखोह वॉटरफॉल से हवा में उड़ती हुयी बूंदे पर्यटकों को छूती है तो उन्हें एक बार फिर से तरोताजा कर देती है ।
यकीनन जब आप इस बेहतरीन जलप्रपात को देखने जायेंगे तो प्रकृति के वादियों के सौंदर्य दृश्य को अपने कैमरे में कैद करना बिलकुल नहीं मिस करे और ये स्थान खास तौर पर प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत ही शानदार होने बाला है ।
4. गृद्धकूटा पर्वत – Gridhkoota Parvat
यह स्थान सतना सहर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो प्राकृतिक नैसर्गिग वातावरण से भरपूर है जहा पहुंचकर आप पर्वत में मौजूद 4 गुफाये देख सकते है जिनमे रॉक पेंटिंग तथा मुराल पेंटिंग देखे जा सकते है ।
इस जगह में हर साल जनवरी के महीने में बसंत पंचमी के दिन विशाल मेला लगता है
5. धारकुंडी आश्रम
धारकुंडी में प्राकृतिक और आध्यात्मिक का अनुपम मिलन देखने को मिलता है सतपुड़ा पठार के विंध्यांचल पर्वत में स्थित धारकुंडी माना जाता है की महाभारत में युधिष्ठिर और दक्ष का सम्बाद यही पर मौजूद कुंड में किय गया था।
यह स्थल अब सतना का प्रमुख पर्यटन क्षेत्र बन चुका है धारकुंडी आश्रम में प्राकृतक व्यू देखने को मिलता है जो आपको यहाँ का मनोरम दृश्य देककर मंत्र मुग्ध कर देगा ।
6. रामवन सतना
रामवन नाम सुनते ही ऐसा लगता है मानो भगवान् राम की आराधना स्थली भूमि है परन्तु ऐसा नहीं है कहा जाता है त्रेता युग में भगवन श्री राम अपनी पत्नी सीता और अनुज लक्षण समेत यहाँ के वनो से होकर गुजरे थे जिस कारण इस जगह को रामवन के नाम से जाना जाता है ।
रामवन मंदिर के प्रवेश द्वार पर सरयू पार करने बाले दृश्य से निर्मित एक विशालकाय द्वार का नर्माण किया गया है जहा से अंदर जाने पार वट वृक्ष के नीचे भगवन श्री की गोवर्धन पर्वत बाली लीला के दृश्य को सजीव मूर्ती के रूप में बनाया गया है ।
मंदिर परिसर में चारो तरफ छोटे -छोटे दृश्यों के माध्यम से श्री राम जी के जीवन गाथा को मूर्ती रूप में प्रदर्शित किया गया है ।
आगे आने पर मिलता है सतना का तुलसी संग्रहालय यह पुरातात्विक संग्राहलय है जो सतना पर्यटन स्थल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है प्राचीन काल की उत्तम कलाकृतियों के रूप में म्यूजिम में रखा गया है ।
8. पारस मनिया पर्वत और झरना
यहाँ की प्राकृतिक वातावरण की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी हरे भरे वन और घाटी का मनोरम दृश्य बहुत ही आकर्षक है जहा आपको जगह – जगह पर झरने नदिया देखने को मिल जायेंगे ।
यह स्थान सतना शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है जंगली गलियारों के बीच मौजूद परसमनिया पर्वत के चोटी के ऊपर से शानदार दृश्य दिखाई पड़ता है।
सतना घूमने के लिए आने बाले शैलानियों को फोटोग्राफी के लिए यह जगह सबसे उपयुक्त है यदि आप सतना घूमने का प्लान कर रहे है तो अपने लिस्ट में परसमनिया पर्वत अवश्य शामिल करे ।
परसमनिया घूमने के लिए सबसे अच्छा समय– बरसात का होता है क्योकि उस समय जंगलो की हरियाली और जगह जगह बहता हुआ झरना काफी खूबसूरत लगता है ।
9. राजा बाबा जलप्रपात- Raja Baba Waterfall satna
यदि आप सतना में खूबसूरत झरने , नदिया , और जंगल का एक साथ समन्वय देखना चाहते है तो देर किस बात की पहुंच जाइये सतना के इस बेहतरीन जगह में जहा आपको प्राकृतिक नैसर्गक वातावरण का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा ।
विंध्य के चोटी पर बसा परसमनिया पर्वत के पास स्थित सतना का राजा बाबा जलप्रपात जो सतना घूमने के लिए शैलानियों के लिए बेस्ट लोकेशन में से एक है ।
सतना शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी उचेहरा रोड पर स्थित है ।
10. बीरसिंघपुर सतना
सतना से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह स्थान यहाँ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो भगवान् शिव को समर्पित है । यदि आप धार्मिक स्थलों में विश्वास रखते है तो एक बार यहाँ पर विजिट कर सकते है ।
महाशिवरात्रि के समय यहाँ दूर दूर से लोग आस्था पर विश्वास रखने बाले भक्त अपनी मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए सतना के इस मंदिर में भगवान् भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहाँ आते है ।
11. भरहुत
सतना जिला में भरहुत बौद्ध स्थल और कलाकृतियों के लिए जाना जाता है यहाँ से 1873 में पुरातत्व सर्वेक्षण के दौरान बौद्ध सपूतो को खोजा गया था । यहाँ पायी गयी बहुत सी प्राचीन वस्तुओं को भारतीय संग्रहालय भेजा गया था।
इस स्थान की देख रेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के पास है यहाँ पर मौजूद अशोक सम्राट के शिलालेखों तथा उस समय के कलाकृतियों को बखूबी देखा जा सकता है
सतना के भरहुत सपूत द्वार से लगभग 6 किलोमीटर की दूर लाल पहाड़ पर स्थित प्राचीन गुफाये मौजूद है
सतना के भरहुत में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय – बरसात के मौसम में यहाँ के प्राकृतिक वातावरण का सौंदर्य आने बाले पर्यटकों को मंत्र मुग्ध कर देता है ।
सतना कैसे पहुंचे ?
सतना में घूमने की जगह –मुख्य रूप से तीनो यातायात परिवहन से जुड़ा हुआ है जो लगभग भारत के सभी बड़े शहरो जैसे दिल्ली , मुंबई , चेन्नई , हैदराबाद , कोलकाता से रेलवे लाइन और रोड परिवहन से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है ।
हवाई मार्ग –वैसे तो सतना में खुद ही एयरपोर्ट मौजूद है लेकिन यहाँ अभी हर जगह से हवाई जहाज का आवागमन नहीं होता है इसके निकटतम राष्ट्रीय एयरपोर्ट खजुराहो है जो यहाँ से 115 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है
सतना क्यों प्रसिद्ध है?
सतना प्रसिद्द है अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के लिए जो सबसे ज्यादा फेमस है मैहर , (माँ शारदा देवी मंदिर) और चित्रकूट धाम के लिए जहा साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है ।
सतना में कौन कौन से मंदिर है?
1.मैहर
2.चित्रकूट
3.रामवन
4.भटेश्वर नाथ मंदिर
5.वैष्णो देवी मंदिर
6.व्यंकटेश मंदिर
7.आल्हा उदल अखाडा , मंदिर
8.बीरसिंघपुर
9.धारकुंडी आश्रम