लैंसडाउन
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में शिवालिक की पहाड़ियों पर समुद्र तल से 5597 फीट की ऊंचाई पर बसा लैंसडाउन एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत हिल स्टेशन है | कोटद्वार से 40 किमी और दिल्ली से इसकी दूरी 235 किमी है| दिल्ली से आप छह से सात घंटों में लैंसडाउन पहुँच सकते हो| लैंसडाउन दिल्ली से सबसे नजदीकी हिल स्टेशनों में से एक है| लैंसडाउन को अंग्रेज़ों द्वारा हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया था| कोटद्वार से लैंसडाउन तक का 40 किमी का सफर आपको रोमांचित कर देगा| रास्ते में आते पहाड़ी गाँव और बदलता हुआ मौसम आपका मन मोह लेगा| जब आप लैंसडाउन पहुँच जाओगे तो आप देखोगे कि इस खूबसूरत हिल स्टेशन का प्रबंध गढ़वाल राईफल्स कैंट के अंतर्गत आता है| गढ़वाल राईफल्स कैंट की वजह से ही लैंसडाउन की सथापना की गई| अंग्रेज़ों ने 1887 ईसवीं में लैंसडाउन में लोगों को बसाना शुरू किया और 1890 ईसवीं में इस जगह का नाम लोर्ड लैंसडाउन के नाम पर रख दिया गया| लार्ड लैंसडाउन 1888 ईसवीं से 1894 ईसवीं तक ब्रिटिश भारत के वाइसराय रहे हैं| लैंसडाउन छोटा सा लेकिन मन को मोह लेने वाला हिल स्टेशन है | यह जगह कुल छह किमी में फैली हुई है|
लैंसडाउन में भुल्ला ताल, टिप इन टाप पुवाईंट, सेंट मैरी चर्च और दरवान सिंह संग्रहालय आदि जगहें देखने लायक है | जब मैं देहरादून के होमियोपैथिक कालेज में टीचर के रूप में नौकरी करता था तो वाईफ के साथ लैंसडाउन घूमने का मौका मिला था| हम देव प्रयाग से पौड़ी गढ़वाल घूमते हुए लैंसडाउन पहुंचे थे| लैंसडाउन आप एक दिन में आराम से घूम सकते हो | लैंसडाउन पहुँच कर हमने 500 रुपये में एक टैकसी कर ली थी जिसने हमें लैंसडाउन घुमा दिया था |
टिप इन टाप पुवाईंट- सबसे पहले हम लैंसडाउन में इस जगह पर गए| यह लैंसडाउन का एक खूबसूरत वियू पुवाईंट है| यहाँ से हिमालय की ऊंची चोटियों के दर्शन होते हैं| यहाँ हमेशा ठंडी हवा बहती रहती है| जब हम यहाँ पहुंचे तो यह जगह बिलकुल शांत थी | यहाँ से दिखाई देने वाला दृश्य मंत्रमुग्ध कर रहा था| मैं काफी समय तक यहाँ बैठ कर कुदरत की खूबसूरती को निहारता रहा| यह जगह लैंसडाउन के सपलाई डिपो के पास है|
सेंट मैरी चर्च- टिप इन टाप पुवाईंट के रास्ते पर ही सेंट मैरी चर्च आती है| हमने इस चर्च को वापसी में देखा था जब हम वियू पुवाईंट को देखकर वापस आ रहे थे| इस खूबसूरत चर्च की ईमारत बहुत शानदार और सिंपल सी है| हमनें भी इस चर्च को देखा और तसवीरें खिचवाई | चर्च को देखने के बाद हम आगे बढ़ गए|
भुल्ला ताल- भुल्ला ताल लैंसडाउन में एक छोटी सी झील है| इस जगह को लैंसडाउन में टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए विकसित किया गया है| गढ़वाली में भुल्ला का मतलब छोटा भाई होता है| हम भी भुल्ला ताल घूमने पहुंचे| यहाँ की खूबसूरती को निहारा| इस छोटी सी झील में आप बोटिंग भी कर सकते हो| इस जगह को बहुत खूबसूरती से सजाया गया है| झील में एक छोटा सा पुल बना हुआ है जहाँ टूरिस्ट फोटो खिंचवाते है| लैंसडाउन में इस जगह पर आप अपनी फैमिली के साथ पिकनिक मनाने सकते हो|
दरवान सिंह संग्रहालय
लैंसडाउन उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में सुंदर हिल स्टेशन है| लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट का मुख्यालय
है | यह संग्रहालय एकमात्र ऐसी जगह है जिसे सेना ने पर्यटकों के लिए खोल दिया है | आपको गढ़वाल राइफल्स द्वारा लड़े गए युद्धों के बारे में शानदार जानकारी मिलेंगी | इस संग्रहालय का नाम उत्तराखंड के दरवान सिंह नेगी के नाम पर रखा गया | ब्रिटिश भारत के दौरान विक्टोरिया क्रॉस प्राप्त करने वाला दूसरे भारतीय क्ष सैनिक थे दरवान सिंह नेगी| संग्रहालय में फोटोग्राफी करना मना था इसलिए संग्रहालय के अंदर कोई भी तसवीर नहीं खींच सके| इस संग्रहालय को देखकर हमने अपनी लैंसडाउन यात्रा को पूरा किया|
कैसे पहुंचे - लैंसडाउन उतराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार से 40 किमी और दिल्ली से 235 किमी दूर है| आप कोटद्वार से बस या कैब करके लैंसडाउन आ सकते हो | आपको यहाँ रहने के लिए होटल भी मिल जाऐगे|