केरल एक ऐसा राज्य है यहां का कल्चर और रहन सहन बाकि भारत से काफी अलग है | ऐसी तरह यहां के मंदिरों का भी अपना ही सिस्टम है | आईये आज आपको बताते हैं केरल के मंदिरों के बारे में |
केरला के मंदिर बहुत ही खूबसूरत बनये गए हैं इनमे इमारत को बनाने के लिए बड़ी बारीकी से मूर्तिओं को लगाया गया है | ज्यादतर मंदिरों में जाने के लिए आपको धोती पहननी पड़ती है तभी आप मंदिर के भीतर जा सकते हो | मंदिरों में काफी पुजारी होते हैं जो साफ़ सफाई और सुचम का बहुत ख्याल रखते हैं |
पूजा के समय वो सारा काम देखते हैं और आरती करते हैं मंदिरों के आंगन को कच्चा रखा जाता है क्यूंकि इनका मानना है के भगवान को मिले के लिए आप जितना कुदरत के नज़दीक होंगे उतना अच्छा होगा | सबसे पहले भगवान आपका दिल देखता है फिर आपकी तरफ ऐसी लिए सिर्फ धोती पहन के मंदिर में जाया जाता है | मंदिर के आस पास पेड़ पौदे लगाए जाते हैं और रेत या मिटटी ही आँगन में होती है न के पक्का फर्श | भगवान की पूजा करने के लिए पुजारी हाथिओं के ऊपर भगवन की पतिमा को लेकर बैठते हैं , बाकि पुजारी सामने से आरती करते हुए पूजा करते हैं | इस सभ की देखने का एक अलग ही नज़ारा है | रात को पूजा के समय मंदिरों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जाता है |
कुछ मंदिरों के बाहर एक बड़ा तराज़ू रखा होता है यहाँ लोग अपने वज़न के बराबर दाल , चावल या और समान भगवान को चढ़ाते हैं |
आप भी कभी केरल की यात्रा करने जाएँ तो कुछ मंदिरों के दर्शन भी जरूर कर के आना |