हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में कसौली एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत हिल स्टेशन है| कसौली की खासीयत यह है कि मैदानी इलाकों से यह सबसे पास के हिल स्टेशनों में से एक है| चंडीगढ़ से कसौली की दूरी मात्र 63 किमी है | कसौली से रात को चंडीगढ़ और कालका-शिमला हाईवे के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं| कसौली में आपको शिमला जैसी भीड़ नहीं मिलेगी| कसौली एक शांत जगह है | कसौली आकर आपको लगेगा जैसे पुराने जमाने के ब्रिटिश हिल स्टेशन में आ गए हो| कसौली की तरफ जाता हुआ छोटा सा रोड़ कालका-शिमला हाईवे पर बसे धर्मपुर नामक जगह से मुड़ती है| यहाँ से आप बल खाती हुई सड़क पर कुदरत के खूबसूरत नजारे देखते हुए कसौली पहुंचते हो| मुझे चार बार कसौली देखने का मौका मिला है| दो बार अपने दोस्तों के साथ और दो बार अपनी फैमिली के साथ| हर बार कसौली ने दुबारा मन को तरोताजा कर दिया|
कसौली में आप अपनी फैमिली के साथ एक दो दिन आराम से बिता सकते हो| अगर आप के पास जयादा समय नहीं है और आप जयादा दूर नहीं जा सकते तो कसौली आपके पास बढिया विकल्प है| आप एक दो दिन में कसौली घूम कर वापस आ सकते हैं दिल्ली से या चंडीगढ़ से| इसके अलावा आप शिमला के साथ कसौली को भी जोड़ सकते हो| शिमला जाते या आते समय कसौली की वादियों में एक रात रुक सकते हो|
कसौली अंग्रेजों द्वारा बसाया हुआ हिल स्टेशन है| कसौली में आप को रूरल इंग्लैंड जैसी झलक देखने के लिए मिलेगी| कसौली का नाम कसोल नाम के गाँव पर पड़ा| कसौली भी शिमला की तरह गोरखा युद्ध की समाप्ति के बाद 1815 ईसवीं के आसपास बसना शुरू हुआ| 1840 ईसवीं में एक अंग्रेज अधिकारी हैनरी लारेंस अपने भाई जौन कसौली के पास सुबाथू नामक जगह पर थे| यह क्षेत्र मलेरिया से ग्रस्त था| यहाँ रहते हुए उनकी बेटी लटेटीया की मलेरिया की मौत हो गई| इसके बाद उनकी पत्नी ने इस जगह पर रहने से इंकार कर दिया| उस समय पर कसौली का सर्वे किया गया| लारेंस ने ही कसौली में पहली यूरोपीय ईमारत बनाई थी जिसका जिक्र लारेंस की पत्नी ने अपने पत्र में किया था | इस पत्र में वह लिखती है हम अपने कसौली के घर से अपनी बेटी की कब्र वाली जगह को देख सकते हैं जो सुबाथू से दस मील की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है| 1842 ईसवीं में यहाँ ब्रिटिश, गोरखा, सिख और डोगरा रेजिमेंट के सिपाहियों को बसाया गया| इसके बाद कसौली में बड़े बंगले, काटेज आदि का निर्माण शुरू हो गया| धीरे धीरे कसौली एक शानदार हिल स्टेशन के रूप में विकसित हो गया|
कसौली में आप कहाँ घूम सकते हो और कया देख सकते हो|
क्राईसट चर्च- यह खूबसूरत चर्च कसौली में देखने लायक जगहों में से एक है| इस खूबसूरत चर्च को 24 जुलाई 1853 ईसवीं में थोमस जौन एडवर्ड ने खोला था| इस चर्च की ईमारत बहुत शानदार बनी हुई है| अगर आप कसौली जा रहे हैं तो आप इस चर्च को देखने जरूर जाए|
लोअर माल- कसौली में लोअर माल बस स्टैंड से शुरू होकर चर्च के गेट के आगे तक जाता है| इसके आगे यह मंकी पुवाईट तक जाता है| इसी छोटे से रोड़ पर आपको अंग्रेज़ी बंगले, गार्डन आदि देखने के लिए मिलेगे| लोअर माल की लंबाई 3 किलोमीटर के आसपास है जो कसौली बस स्टैंड से लेकर मंकी पुवाईट तक जाता है|
मंकी पुवाईट- यह क्षेत्र कसौली के वायु सेना स्टेशन के कंट्रोल मे आता है| जहाँ आपको सीढ़ियों पर चढ़कर पहाड़ी पर बने हुए हनुमान जी के मंदिर पर पहुंचना होता है| आप मंकी पुवाईट में फोटोग्राफी नहीं कर सकते| ऐसा माना जाता है हनुमान जी इस पहाड़ी पर आए थे जब वह संजीवनी बूटी ढूंढ रहे हैं थे तब|
अपर माल कसौली - कसौली बस स्टैंड के ऊपर एक रास्ता सीधी चढ़ाई से ऊपर जाता है जिसे अपर माल कसौली कहा जाता है| अपर माल पर ही आपको मशहूर पंजाबी लेखक खुशवंत सिंह का घर देखने के लिए मिलेगा| कसौली के साथ मशहूर इंग्लिश लेखक रसकिन बांड का भी गहरा नाता रहा है जिनका जन्म भी कसौली में ही हुआ है| इसी अपर माल पर ही कसौली कलब बना हुआ है जो 125 साल पुराना है|
सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट - यह भी कसौली की एक महत्वपूर्ण जगह है| इस जगह पर कुत्ता काटने के बाद होने वाली बिमारी रेबीज़ के टीके तैयार किए जाते हैं|
कहाँ रुके- कसौली में आपको हर बजट के होटल, गैस के हाऊस आदि रहने के लिए मिल जाऐगे| हिमाचल प्रदेश टूरिज्म का होटल Ros Common भी कसौली में बना हुआ है|
कैसे पहुंचे- आप अपने वाहन से कसौली पहुँच सकते हो| रेलवे मार्ग से चंडीगढ़ और कालका कसौली के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है| जहाँ से आप टैक्सी करके कसौली जा सकते हो|