कई बार यात्राओं से हम ऐसे अनुभव वापस लेकर आते हैं जो हम जीवन में कभी नहीं भूल सकते। इन अनुभवों को याद रखने का एक बहुत बढ़िया तरीका है जहाँ भी घूमने जाए वहाँ से उस जगह की कोई ना कोई यादगार चीज़ वापस ले आएँ| जब आप जगहों से कुछ यादगार वापस लाते हैं तो ना सिर्फ आप अपनी यादों को सहेज के रखने का एक तरीका वापस ला रहे हैं बल्कि वहाँ के स्थानीय लोगों की पर्यटन पर आश्रित आजीविका कमाने में भी मदद करते हैं| भारत में ऊपर से नीचे तक अलग-अलग राज्यों से आप अलग-अलग यादगार चीजें खरीद सकते हैं जैसे कुल्लू की रंग बिरंगी टोपी, कश्मीर की पशमीना शॉल, मैसूर की शाही रेशम और आंध्र प्रदेश की पीतल से बना सामान| तो आप अपनी अगली यात्रा पर क्या यादगार ला सकते हैं, इसमें मैं आपकी मदद कर देता हूँ।
क्या खरीदें : बुदीथी ब्रासवेअर
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में बुदीथी गाँव है जहां बुदीथी की कला काफ़ी सदियों से चली आ रही है| अलग अलग धातुओं के मिश्रण के हाथ से बने शिल्पकारी के सामान मजबूत होने के साथ ही सुंदर भी हैं | पुराने और नए समय की कारीगरी का ऐसा जबरदस्त नमूना देखने को मिलता है की बुदीथी गाँव अपने पीतल के कारीगरी सामान के लिए धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है|
कहाँ से खरीदें
- कलंजली कला और शिल्प, नंपल्ली, हैदराबाद।
- लेपाक्षी हस्तशिल्प एम्पोरियम, गन फाउंड्री, हैदराबाद और मिनर्वा कॉम्प्लेक्स, एसडी रोड, सिकंदराबाद।
क्या खरीदें : हाथ से बने लकड़ी और बाँस का सामान
अरुणाचल प्रदेश का आधे से ज्यादा हिस्सा घने जंगलों और बांस के उपवनों से भरा हुआ है इसीलिए इस राज्य में हस्तशिल्पकारी की लकड़ी और बांस का सामान खरीदना बहुत अच्छा सौदा है| बाँस की बनी टोकरियाँ, टोपियाँ, लकड़ी के गहने, गन्ने, फोटो फ्रेम और नक्काशी किए हुए बाँस के मग भी खरीद सकते हैं|
कहाँ से खरीदें
- हस्तशिल्प केंद्र, मेन टाउन, तवांग
- गंगा मार्केट, इटानगर, अरुणाचल प्रदेश
क्या खरीदें : असम की चाय
कहा जाता है कि जो असम की चाय पीकर ना जागे वह कभी नहीं जाग सकते असम की चाय अपने कड़क और हल्के नमकीन स्वाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है और इसे लंबे समय तक खरीद कर भी रखा जा सकता है |
कहाँ से खरीदें
- अमलगमेटेड प्लांटेशंस, गुवाहाटी - शिलांग रोड, आनंद नगर, क्रिश्चियन बस्ती, गुवाहाटी।
- बरुआनगर चाय एस्टेट्स, ईटीबी हाउस, 1 9 1 जीएनबी रोड, चंदमरी, गुवाहाटी।
क्या खरीदें: मधुबनी चित्रकला
बिहार के मिथिला क्षेत्र में मधुबनी पेंटिंग काफी सदियों से उंगलियों, ब्रश, टहनियों व निब वाले पेन से बनाई जाती आई है | मधुबनी चित्रकला की कई शैलियाँ प्रचलित हैं जिन्हें भरनी, कचनी, तांत्रिक, गोदना और कोहबर कहा जाता है|
कहाँ से खरीदें
- खेतान बाज़ार, बिड़ला मंदिर रोड, बकरगंज, पटना
- पटना बाजार, गांधी मैदान के पास, अशोक राजपथ, पटना
क्या खरीदें: टेराकोटा मिट्टी से बने बर्तन और मूर्तियाँ
छत्तीसगढ़ में टेराकोटा से बनी मिट्टी के बरतन आदिवासी जिंदगी के रीति-रिवाजों, संस्कारों और संस्कृति को बहुत सुंदरता से दर्शाते हैं| यहाँ की कलाकृतियाँ मानव भावनाओं जैसे सुख, दुख, क्रोध, खुशी, उदासी आदि को बखूबी दर्शाती है | बस्तर जिले में पाए जाने वाले टेराकोटा से बनी मूर्तियाँ छत्तीसगढ़ में बहुत मशहूर हैं|
कहाँ से खरीदें
- बस्तर ट्राइबल आर्ट, बालाजी भवन सिनेमा लाइन, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़
- सहज इम्पेक्स, MIG-1303, सीजी। हाउसिंग बोर्ड, कुरुद (जमुल), भिलाई, छत्तीसगढ़
क्या खरीदें: नारियल से बनी कलाकृतियाँ
नारियल के गोले से बनी अजीबोगरीब कलाकृतियाँ, नारियल की जटाओं से बनी बोतलें, कारीगरी की मिसाल देते बियर मग, प्यारे स्टोरेज पाउच व सिगरेट की राख झाड़ने वाली डब्बी , इन सभी में से जो आपका दिल करे गोवा की सड़कों से आप अपने घर ले जाने के लिए चुन सकते हैं|
कहाँ से खरीदें
-अंजुना की बुधवार फ्ली मार्केट
- कैलुंगट मार्केट स्क्वैयर
क्या खरीदें: काँच से बनी दरवाजे की लटकन
गुजरात में कांच का काम कला के रूप में आपको कई चीजों पर देखने को मिल जाएगा, जैसे छोटे छोटे काँच के टुकड़ों से सजे तकिए, बेड कवर और दूसरा सामान| अगर आप दरवाजे की लटकन नहीं भी खरीदना चाहते तो गुजरात से आपको यादगार तोहफे के रूप में बस्ते या आभूषण के डब्बे मिल जाएँगे|
कहाँ से खरीदें
- लॉ गार्डन मार्केट, नेताजी रोड, एलिसब्रिज, अहमदाबाद
- सिंधी मार्केट, रेवडी बाजार, कलूपुर, अहमदाबाद
क्या खरीदें: लकड़ी से बनी हस्तशिल्पकारी का सामान
हरियाणा में आपको अच्छी गुणवत्ता वाले कच्चे माल से निर्मित महीन नक्काशी और पीतल की कारीगरी वाले बेहतरीन सामान मिल जाएँगे| चुनने के लिए आपके पास बहुत कुछ है जैसे पशु पक्षियों की मूर्तियाँ, मोमबत्ती होल्डर, आभूषण के बक्से, फोटो फ्रेम और बहुत कुछ|
कहाँ से खरीदें
- मोहनजोदारो, बी -20, सुपर मार्ट 1, डीएलएफ फेज़ IV, गुरुग्राम
- मोरा तारा, 101, गैलेक्सी होटल, सेक्टर 15, पार्ट 2. 32 वें माइलस्टोन, गुरुग्राम के पास
क्या खरीदें: कुल्लू टोपी
कुल्लू टोपी हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जाति समूहों के पारंपरिक परिवेश का एक हिस्सा है| कुल्लू घाटी के लगभग सभी निवासी इन पारंपरिक टोपियों को बनाने के काम में सम्मिलित हैं| पुरानी रीति रिवाजों और परंपराओं की रक्षा के लिए हैंडलूम द्वारा बुनाई का बहिष्कार किया हुआ है और हाथ से सभी काम किए जाते हैं|
कहाँ से खरीदें
- मॉल रोड, शिमला, हिमाचल प्रदेश
-खादी ग्रामोद्योग एम्पोरियम, अखरा बाजार, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश
क्या खरीदें: कालीन और पशमीना शॉल
जम्मू कश्मीर से अगर आपको कुछ खरीदना ही है तो यहाँ की पशमीना शॉल और कश्मीरी कालीन सबसे बढ़िया चीज है| कश्मीर का पश्मीना ऊन बकरियों की चार अलग-अलग नस्लों से आता है| कश्मीर में चांगथांग पठार से चांगथंगी या कश्मीरी पश्मीना बकरी, कारगिल क्षेत्र से मालरा, पाकिस्तान और उत्तरी भारत में हिमाचल प्रदेश से चेगु और नेपाल से चियांगारा या नेपाली पश्मीना बकरी की यह चारों तरह की ऊन मिलकर पशमीना की खास किस्म की ऊन बनती है| यहाँ के पेपर मेशी से बने उत्पाद भी दुनियाभर के सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं |
कहाँ से खरीदें
- जम्मू में रघुनाथ बाजार, हरि मार्केट और वीर मार्ग।
- श्रीनगर, कश्मीर में लाल चौक और रेजीडेंसी रोड
क्या खरीदें: पीतल की मूर्तियाँ
झारखंड अपने ब्रास मेटल पर कारगीगरी के लिए बहुत मशहूर है।इसके लिए पहले पीतल को पिघाला जाता है फिर अलग-अलग सांचों में ढालकर देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई जाती है |
कहाँ से खरीदें
-पुस्तक बाज़ार, अप्पर बाज़ार, रांची
क्या खरीदें : मैसूर सिल्क
पूरे भारत में पैदा होने वाले चौदह हज़ार मेट्रिक टन रेशम में से नौ हज़ार मैट्रिक टन मलबरी यानी शहतूत के कीड़े का रेशम कर्नाटक से आता है| कर्नाटक मैं मैसूर का रेशम अपनी महीन कारीगरी, बेहतरीन बुनाई और कोमलता के लिए जाना जाता है|
कहाँ से खरीदें
- मैसूर सिल्क उद्योग, कालिदासा रोड, वानी विलास मोहल्ला, मैसूर
- मैसूर साड़ी उद्योग, 33/3, जुमा मस्जिद रोड एवेन्यू रोड, बेंगलुरु
क्या खरीदें : कथकली का मुखौटा
भारत के पारंपरिक लोकप्रिय नृत्यों में से एक कथकली केरल से पैदा हुआ नृत्य है जो यहाँ के इतिहास और परंपराओं की गाथा गाता है| विस्तृत शैली के साथ साथ कथकली को अपने जबरदस्त मेकअप, जटिल वेशभूषा और मुखौटों के लिए पहचाना जाता है |
कहाँ से खरीदें
- चालाई बाजार, चालाई, तिरुवनंतपुरम, केरल
- सरवा, SRL ए 47, शंकर रोड, सस्थमंगलम तिरुवनंतपुरम, केरल
क्या खरीदें : धुर्रि/ दरी
भारत में, धुर्रि मोटे सूत से बने एक भारी गलीचे को कहते हैं। मध्य प्रदेश की धुर्रि अपनी मजबूती और खिलते हुए रंगों के लिए बहुत लोकप्रिय है|
कहाँ से खरीदें
- चौक बाजार, इब्राहिमपुरा, पीयर गेट क्षेत्र, भोपाल
- पंचवटी बाजार, डीआरएम आरडी, सेक्टर 3 शक्ति नगर, साकेत नगर, हबीब गंज, भोपाल
क्या खरीदें : कोल्हापुरी चप्पल
महाराष्ट्र की कोल्हापुरी चप्पल, अपने पारंपरिक चपटे डिजाइन और कारीगरी के लिए पूरे भारत में जानी जाती है| यह महिला और पुरुषों दोनों के लिए अलग-अलग रंगों और प्रकार में उपलब्ध है|
कहाँ से खरीदें
-स्टेट एंपोरियम, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफ परेड, मुंबई,
क्या खरीदें : मेखला-चादर
मणिपुर घूम कर लौटते वक़्त आप मेखला-चादर ला सकते हैं जो कि मणिपुर की महिलाओं के लिए पारंपरिक पोशाक है |
कहाँ से खरीदें
-ख्वयरमबंद बाज़ार, तंगाल बाज़ार, इंफाल, मणिपुर
– खुंबोंग मार्केट, सिलचर रोड, खुंबोंग, मणिपुर
क्या खरीदें : बेंत की चटाईयाँ
मेघालय से लाई जाने वाली चीज़ों में काफ़ी मशहूर हैं बेंत की बनी चटाईयाँ जिन्हें त्लिएंग भी कहा जाता है| ये अपनी मज़बूती के लिए जानी जाती है और बहुत लंबे समय तक चलती हैं|
कहाँ से खरीदें
-ल्यूडू, जिसे बड़ा बाजार भी कहा जाता है, शिलांग, मेघालय
क्या खरीदें : पुअन का कपड़ा
पुअन एक कपड़े का नाम है जिसे मणिपुर की मीज़ो कुकी जनजातियों के मीज़ो कुकी लोगों द्वारा बुना और तराशा जाता है | ये कपड़ा अलग अलग प्रकार की डिज़ाइनों और प्रकारों मे वर्गीकृत है जैसे पुंडम, ताह लोह पूआन, और पुंचेसी|
कहाँ से खरीदें
– बड़ा बेज़ार, आइवॉल, मिज़ोरम
कहाँ से खरीदें
- माओ मार्केट, कोहिमा, नागालैंड
- जसोकी मार्केट, जीएस रोड, मारवारी पट्टी, दीमापुर, नागालैंड
क्या खरीदें : पत्तचित्र चित्रकला
पत्तचित्रकी कला का इतिहास देखेंगे तो आपको इस कला के अंश 5वी शताब्दी ईसा पूर्व से देखने को मिलेंगे| यह उड़ीसा राज्य की बहुत पुरानी पारंपरिक कला है जिसे कपड़े पर पैंट कर के उकेरा जाता है | इसकी एतिहासिक महत्वपूर्णता देखते हुए पत्तचित्र कला का कपड़ा तोहफे के रूप मे वापस लाना पूरे उड़ीसा के इतिहास को अपने साथ लाने जैसा है |
कहाँ से खरीदें
- शाहिद नगर बाजार, भुवनेश्वर
- बापूजी नगर बाजार, भुवनेश्वर
क्या खरीदें: फुलकारी दुपट्टा
फूलकारी पंजाब की सभ्यता और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है | फूलकारी शब्द का अर्थ है फूलनुमा कढ़ाई | कढ़ाई काफ़ी आकर्षक रंगों द्वारा सरल रूप से कपड़े पर की जाती है जो देखने मे अद्भुत लगता है | महीन फूलकरी की कढ़ाई किए हुए सूट, शॉल, दुपट्टा, जैकेट, व साड़ी खरीद कर लाइए और पंजाब की पाँच नदियों वाली भूमि की यादें हमेशा अपने साथ सहेज के रखें |
कहाँ से खरीदें
– रैनक बेज़ार, जालंधर
– शास्त्री मार्केट, सेक्टर 22, चंडीगढ़
ये राजस्थानी कला बेहद नाज़ुक कलाकारी का एक बेहतरीन नमूना है| धातु को महीन मीनाकारी से सजाया जाता है| इस कला की कलाकृतियाँ दिखने मे बहुत सुंदर दिखती हैं और डिज़ाइनों की कारीगरी देखते ही बनती हैं|
कहाँ से खरीदें
- जौहरी बाज़ार रोड, रामगंज बाज़ार, जयपुर
- बापू बाजार, जयपुर
क्या खरीदें: थांगका
थांगका को तांगका, थंका या टंका भी कहा जाता है| ये एक तरह की तिब्बती बौद्ध चित्रकला है जिसे कपास या रेशम के कपड़े पर उकेरा जाता है| आमतौर पर इस चित्रकला द्वारा बौद्ध देवताओं, दृश्यों, या मांडला को दर्शाया जाता है|
कहाँ से खरीदें
- कंचनंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (ओल्ड लाल बाजार), एमजी मार्ग, विशाल गॉन, गंगटोक, सिक्किम
तँजौर चित्रकारी दक्षिणी भारत की बहुत मशहूर कला है| इसकी कला की गहराई, सतह की विविधता और खिलते हुए रंग इसे दक्षिण भारत की सबसे मानी जाने वाली कला मे से एक बना देते हैं |
कहाँ से खरीदें
-पैरीज़ कॉर्नर, मीनांबल सालई, कन्नदासन नगर, कोडुंगयूर, चेन्नई
- टी नगर, रंगनाथन स्ट्रीट, चेन्नई, भारत
तेलंदगाना भारत का सबसे नया बना हुआ राज्य है| अगर आप दक्षिण भारत मे इस राज्य की सैर करने गए हैं तो एक बार हैदराबाद की इस सौगात को घर लाना ना भूलें , नहीं तो आपकी यात्रा अधूरी रह गयी समझो |
कहाँ से खरीदें
-पुंजगुट्टा क्रॉस रोड, रोड नं .2, बंजारा हिल्स
- शांगरीला प्लाजा, केबीआर पार्क के सामने, हैदराबाद
त्रिपुरा के हाथ से बनी हुई शिल्पकारी की मूर्तियाँ अपने असीम सौंदर्य, लालित्य एवं सर्वोत्तम डिज़ाइन के लिए दुनिया भर में जानी जाती है| त्रिपुरा से लौटते वक़्त आप बाँस से बने शोपीस फर्नीचर, पैनल, लैंप शेड, टेबल मैट और अन्य मैट उत्पादों की विस्तृत शृंखला में से चुन सकते हैं|
कहाँ से खरीदें
- उषा बाजार, हरि गंगा बसक रोड, बट्टाला, अगरतला
- बामुतिया मार्केट, बामुतिया, त्रिपुरा
उत्तर प्रदेश से लाने वाले तॉहफ़ों मे सबसे मशहूर है ताजमहल का छोटा मॉडल | ताजमहल को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है और जो दुनिया के सात अजूबों मे भी शुमार है |
कहाँ से खरीदें
- आगरा बाजार, जामा मस्जिद, आगरा के पास
- सदर बाजार, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, आगरा के पास
क्या खरीदें : नाक की नथ
भारत की अधिकांश महिलायें नाक की नथ पहनना पसंद करती हैं| उत्तराखंड की नथ अपने आकार के कारण और भी आकर्षक लगती है| कम से कम कारीगरी होने के बाद भी ये विशालकाय नथ उत्तराखंड से वापिस लाने के लिए सबसे अच्छी वस्तु है| देवताओं की भूमि जाएँ तो याद रखकर इसे तोहफे के रूप मे लाएँ|
कहाँ से खरीदें
– पल्टन बेज़ार, देहरादून, उत्तराखंड
– मॉल रोड, नैनीताल, उत्तराखंड
लाल पाड़ साड़ी एक साधारण सफेद रंग की साड़ी है जिसका बॉर्डर लाल होता है| बंगाल की महिलाएँ दुर्गापूजा या अन्य किसी त्योहार पर लाल पाड़ साड़ी पहने देखी जाती हैं |
कहाँ से खरीदें
- न्यू मार्केट एरिया, धर्मताल, तल्टाला, कोलकाता
- ग्याहायत बाजार, 212 रश बेहारी एवेन्यू, ग्याहायत क्रॉसिंग, कोलकाता
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