कोडंदरामा मंदिर एक हिन्दू मंदिर है..जो कि भगवान राम को समर्पित है यह भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के कड़पा जिले के राजमपेट तालुक के वोटिमिंटा शहर में स्थित है..यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य की शैली का एक उदाहरण है..यह मंदिर इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है..यह कड़पा से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. मंदिर और उसके आस पास के भवन केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में से एक है..वाल्मीकि की रामायण का तेलुगु में अनुवाद करने के लिए 'आंध्र वाल्मीकि' के नाम से जाने जाने वाले वाविलकोलानु सुब्बा राव ने भी अपना समय राम की पूजा में बिताया।
इसमें तीन अलंकृत गोपुरम (द्वार) हैं, जिनमें से मध्य द्वार, जो पूर्व की ओर है, मंदिर का प्रवेश द्वार है; अन्य दो मीनारें उत्तर और दक्षिण की ओर उन्मुख हैं..मण्डप 32 स्तंभों पर टिका होने के कारण इसे मध्यरंगदपम के नाम से जाना जाता है...मंडप के एक स्तंभ में भगवान राम एवम लक्ष्मन के चित्र उकेरे गये है..गर्भगृह में भगवान राम लक्ष्मण एवम माता सीता की पूजा की जाती है..यहां तीनो के साथ राम भक्त हनुमान जी इनके साथ नही पूजे जाते है.. हनुमानजी के लिये मंदिर परिसर में ही अलग से मंदिर बनाया गया है..मंदिर परिसर में ही तो तीर्थ कुण्ड है जिनका नाम राम तीर्थ कुण्ड ओर
लक्ष्मण तीर्थ कुण्ड है..इस मंदिर का रख रखाव राज्य सरकार करती है..
मंदिर का प्रशासन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को सौंपा गया है..यहाँ का मुख्य त्यौहार रामनवमी है..