पर्यटन की दुनिया में स्विट्ज़रलैंड की एक अलग ही पहचान है ये बात हम सभी जानते हैं। हालाँकि सभी लोग स्विट्ज़रलैंड इतनी आसानी से तो नहीं जा सकते लेकिन भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में भी ऐसी अनेकों सुन्दर जगहें हैं जिनकी प्राकृतिक खूबसूरती को स्विट्ज़रलैंड से मिलती-जुलती बताया जाता है और इसीलिए इन जगहों को 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' के नाम से भी जाना जाता है। हो सकता है आपने ऐसी किसी मिनी स्विट्ज़रलैंड की यात्रा की भी हो लेकिन क्या आपने भारत में स्थित 'मिनी थाईलैंड' के बारे में सुना है?
हम सभी जानते हैं कि भारत के नजदीक होने की वजह से एक बजट विदेश यात्रा के लिए काफी भारतीय पर्यटक थाईलैंड की यात्रा करते हैं लेकिन अगर अभी तक किसी भी वजह से आप थाईलैंड घूमने नहीं जा पाए हैं तो आज के हमारे इस लेख में हम आपको भारत में हिमालय की वादियों के बीच स्थित एक ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में बताने वाले हैं जो अभी तक बेहद कम लोगों को ही पता है और जिसे भारत के 'मिनी थाईलैंड' के नाम से भी जाना जाता है।
मिनी थाईलैंड, जीभी
हिमाचल प्रदेश का जीभी भीड़-भाड़ से दूर प्राकृतिक खूबसूरती से भरी हुई एक शांत जगह है जो हिमाचल प्रदेश की तीर्थन घाटी में स्थित है। यहाँ अद्भुत शांति के बीच घने देवदार के जंगल, शांत मीठे पानी की झीलें और कुछ प्राचीन हिमाचली शैली के मंदिर दिनों-दिन इस सुकून भरी जगह को पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनाते जा रहे हैं लेकिन यहाँ एक ऐसी छिपी हुई जगह भी मौजूद है जिसके बारे में यहाँ आये सभी पर्यटकों को भी नहीं पता होता है। इस जगह की प्राकृतिक बनावट काफी हद तक थाईलैंड के द्वीपों की तरह है और इसीलिए इसे 'मिनी थाईलैंड' का नाम दिया गया है। दोनों ओर बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच से बहती सुन्दर नदी और चारों घनी हरियाली के साथ दो विशाल शिलाखंड झोपडी का आकार बनाते हुए यहाँ खड़े हैं जिससे यहाँ का नज़ारा एक ही झलक में हर किसी को आकर्षित कर लेता है। साथ ही अगर आप फोटोग्राफी के शौक़ीन हैं तो यकीन मानिये इस जगह आप अलग-अलग एंगल से से फोटोग्राफी करते हुए कब घंटों बिता देंगे इसका आपको पता भी नहीं चलेगा।
प्रकृति की गोद में बसी है ये खूबसूरत जगह
हिमाचल की प्राकृतिक खूबसूरती सिर्फ हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। यहाँ दिखते ऊँचे-ऊँचे हिमालय के बर्फ से ढके पर्वतों की चोटियां और चारों ओर हरियाली भरे पहाड़ों व सुन्दर बहती नदियां हर किसी का मन मोह लेती है। हालाँकि इसी अद्भुत सुंदरता की वजह से यहाँ के कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में खास तौर पर पीक सीजन के समय पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। जरा सोचिये हिमालय की ऐसी ही खूबसूरती के बीच चट्टानों के बीच बहती एक सुन्दर नदी और उसी के साथ अपने अलग ही तरह प्राकृतिक जमावट में सजे विशाल शिलाखंड से थाईलैंड के द्वीपों जैसी लगती यह जगह और वो भी बिना किसी पर्यटकों की भीड़ के, हैं न एक सुन्दर कल्पना?
जीभी में घूमने लायक अन्य जगहें
मिनी थाईलैंड जिसे स्थानीय लोग 'कुल्ही कतांदी' के नाम से जानते हैं, को जीभी का एक छिपा हुआ रत्न कहना भी गलत नहीं होगा। लेकिन आपको बता दें कि जीभी में इसके अलावा भी अनेकों प्राकृतिक जगहें और कुछ प्राचीन मंदिर भी हैं जिन्हें भी आप अपनी मिनी थाईलैंड की यात्रा के दौरान देख सकते हैं।
जीभी वॉटरफॉल
अगर आपको वास्तव में खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करना है तो आपको जीभी वॉटरफॉल जरूर देखना चाहिए। घने जंगलों के बीच स्थित यह सुन्दर झरना और इसके गिरने से आती मधुर आवाज़ एक ही पल में आपको इस जगह का दीवाना बना देगी। इस तक पहुँचने का रास्ता भी स्थानीय प्रसाशन द्वारा काफी अच्छे से तैयार किया गया है जिसमें बने छोटे-छोटे पुल आपकी इस यात्रा को और भी यादगार बना देंगे और साथ ही रास्ते के दोनों और ऊँची-ऊँची चट्टानें आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास करवा देंगी।
श्रृंग ऋषि मंदिर
जीभी से करीब 9 किलोमीटर पर स्थित यह मंदिर श्रृंग ऋषि को समर्पित है। बताया जाता है कि श्रृंग ऋषि रामायण काल में एक महान ऋषि थे और कुल्लू घाटी के 18 मुख्या देवताओं में से एक हैं। इसीलिए यहाँ के लोगों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है। मंदिर चारों ओर की प्राकृतिक खूबसूरती के बीच स्थित है जहाँ आप जीभी से आसानी से पहुँच सकते हैं। यह मंदिर लकड़ी का बना हुआ है और लकड़ी पर की गयी नक्काशी वास्तव में बेहद सुन्दर दिखाई देती हैं।
चेहनी कोठी
चेहनी कोठी भी तीर्थन घाटी में स्थित एक शानदार पर्यटन स्थल है। अपने अद्भुत आकार के लिए जाना जाने वाला यह एक लम्बा-सा लकड़ी से बना किला है जो कि चेहनी गाँव में स्थित है। बताया जाता है कि 17 वीं शताब्दी में इसका निर्माण राजा धाधु ने करवाया था और यह किला वास्तव में 7 मंजिला था लेकिन 1905 में आये भूकंप ने ऊपर कि दो मंजिलों को नष्ट कर दिया था इसीलिए आज के समय कुल 5 मंजिलें ही यहाँ मौजूद हैं।
इसके अलावा आप जीभी से करीब 12 किलोमीटर दूर जालोरी पास भी जा सकते हैं जो कई बॉलीवुड फिल्मों जैसे 'ये जवानी है दीवानी' की शूटिंग के बाद काफी लोकप्रिय हो चूका है।
मिनी थाईलैंड कैसे पहुंचे?
मिनी थाईलैंड या फिर जीभी पहुंचना बेहद आसान है। हवाई मार्ग से यहाँ आने के लिए यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा भुंतर हवाई अड्डा है जो की कुल्लू जिले में स्थित है। कुल्लू से आपको जीभी के लिए आसानी से बस और टैक्सी मिल जाएगी जिससे आप करीब 65 किलोमीटर का ये सफर आसानी से करीब 2 घंटे में पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा रेल मार्ग से यहाँ पहुँचने के लिए आप पहले कालका तक ट्रेन और फिर कालका से शिमला के लिए टॉय ट्रेन लेकर शिमला तक पहुँच सकते हैं। शिमला से जीभी करीब 160 किलोमीटर दूर है जिसके लिए आप बस या टैक्सी ले सकते हैं।
जीभी में फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के सामने ही कुल्ही कतांदी की तरफ जाने का दिशासूचक लगा हुआ है वहां से करीब 15 से 30 मिनट का आसान ट्रेक करके आप मिनी थाईलैंड पहुँच सकते हैं। ट्रेक के बीच में आपको एक आंटी का छोटा कैफ़े मिलेगा जहाँ आप चाय, मैगी आदि ले सकते हैं।
तो इस तरह आप शहरों की भीड़ भाड़ से कोसों दूर प्राकृतिक वादियों के बीच सुकून और शांति के साथ कुछ समय बिताने के लिए जीभी और वहां स्थित मिनी थाईलैंड की यात्रा कर सकते हैं। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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