हम सभी जानते हैं कि भक्तों के लिए वैष्णो देवी के दर्शन और आशीर्वाद का क्या महत्व है और इसीलिए हर साल करोडो भक्त जम्मू के कटरा में स्थित वैष्णो देवी की यात्रा करते हैं।
साथ ही ये भी आपको पता होगा कि धरती का स्वर्ग यानी कश्मीर की खूबसूरत वादियां वहां से ज्यादा दूर नहीं है लेकिन शायद इस सफर के बारे में अच्छी जानकारी न होने की वजह से बहुत कम लोग ही कटरा से आगे कश्मीर जाने का प्लान बनाते हैं।
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आज के लेख में हम आपको हमारी कटरा से श्रीनगर तक की यात्रा के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जिसके बाद आपके मन में सारे सवाल दूर हो जाएंगे और इस सफर की अद्भुत खूबसूरती के बारे में जानकर आप भी जल्दी ही इस सफर की तैयारी कर लेंगे। तो चलिये बताते हैं आपको इस अदभुत सफर के बारे में....
कटरा से श्रीनगर की दूरी करीब 225 किलोमीटर की है जिसे पूरा करने में गूगल मैप के हिसाब से करीब 6 घंटे लगते हैं। लेकिन रास्तें की खूबसूरत वादियों में कुछ समय बिताने और कुछ मुश्किलों के साथ हमें कितना समय लगा ये जानने के लिए आर्टिकल के पूरा जरूर पढ़ें।
कटरा से उधमपुर
कटरा से जब हम निकले तो शुरुआत पहाड़ी, घुमावदार और हरियाली से भरी सड़कों से हुई और करीब 15 किलोमीटर के सफर के बाद हमने बाएं की ओर घूमकर एनएच 44 को ज्वाइन कर लिया। ये हाईवे भारत का सबसे लंबा हाईवे है जो कि नॉर्थ में श्रीनगर से साउथ के कन्याकुमारी तक जाता है।
हाईवे काफी अच्छे से मेंटेन किया है और यहां तक की हाईवे की चौड़ाई और बनावट देख कर आपको बिल्कुल फील नहीं होगा कि आप किसी पहाड़ी इलाको में चल रहे हैं। यहां से उधमपुर तक रोड की स्थिति काफी अच्छी थी।
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कुछ देर बाद हमें इस सफर का पहला टोल प्लाजा मिला और उससे आगे निकलने के बाद हम एक टनल के पास पहुंचे जिसे 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल' के नाम से जाना है। ये सुरंग इतनी उंचाई पर पूरे एशिया की सबसे लंबी सुरंग है जिसकी लंबाई करीब 9 किलोमीटर है।
इस टनल के अंदर जाने से पहले कुछ मेंटेनेंस के काम की वजह से हमें करीब 20 मिनट तक रुकना पड़ा और फिर हम टनल में एंटर हुए। इस टनल को चेनानी-नाशरी टनल के नाम से भी जाना जाता है और इस टनल में आने जाने वाले वहां एक ही सुरंग में चलते हैं जिससे आपको सावधानी पूर्वक चलना चाहिए। आपको गति सीमा का ध्यान रखना होता है जो 50 किलोमीटर प्रति घंटे की है।
इस सुरंग की सहायता से जम्मू से श्रीनगर का रास्ता करीब 40 किलोमीटर कम रहता है और साथ ही आपके सफर का 1 घंटे का समय भी ये टनल बचाती है।
इस टनल से बाहर निकलने के कुछ देर हमें कुछ ढाबे मिले जहां आपको शुद्ध शाकाहारी खाना वाजिब दाम में मिल जाता है जहां आप ब्रेकफास्ट या लंच करके आगे का सफर कर सकते हैं।
रामबन से बनिहाल
कुछ देर बाद हम रामबन पहुंचे जहां से इस सफर में जो भूस्खलन वाले इलाके हैं वो शुरू होते हैं। हमें यहां लैंडस्केप में काफी बदलाव दिखा और अचानक से कच्चे और सुखे पहाड़ दिखने लगे।
एक तरफ बहती सुंदर नदी इस सफर को खूबसूरत बना रही थी और एक तरफ पहाड़ों से गिरते छोटे मोटे पत्थर सफर को एडवेंचरस बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।
अगर आपने जम्मू श्रीनगर हाईवे पर लैंडस्लाइड या फिर जाम के बारे में सुना है तो वो ज्यादातर रामबन से बनिहाल के बीच ही होता है। हम लकी थे कि हमें एक दो जगह कुछ छोटे जाम ही मिले जिसमें हमारे 30 मिनट करीब खराब हुए।
बनिहाल-काजीकुंड टनल
फिर हम करीब 2-2:30 घंटों के सफर के बाद बनिहाल पहुंच गए। यहां से जो लैंडस्लाइड वाले पहाड़ थे वो दिखने बंद हो गए थे और सुखे पहाड़ों की जगह हरे भरे पहाड़ों को हम देख पा रहे थे। कुछ देर बाद एक और टोल आया और टोल क्रॉस करने के बाद हमें इस सफर की दूसरी बड़ी टनल मिली। जिसकी लम्बाई करीब 8.5 किलोमीटर है।
ये सुरंग बनिहाल को काजीकुंड से जोड़ती है जिसे बनिहाल-काजीकुंड टनल के नाम से जाना जाता है। टनल से पहले हमें करीब 15-20 मिनट का जाम मिला और फिर हम सुरंग में एंटर हुए।
इस टनल में दो सुरंग हैं जैसे एक तरफ जाने वाले वाहन एक सुरंग में चलते हैं और दूसरी तरफ वाले वाहन दुसरी सुरंग में। इस टनल की वजह से जम्मू से श्रीनगर जाने का समय करीब 1.5 घंटे कम हो जाता है।
इस टनल से निकलने के बाद हम कश्मीर घाटी में प्रवेश करते हैं और जो पहला नजारा हमें दिखता है वो सच में बेहद अदभुत था और हम ये देखकर दंग रह गए।
हमने देखा की हाईवे अब एकदम सपाट था जैसे कि हमें दिल्ली के पास देखने को मिलता है। बिल्कुल नहीं सोचा था कि कश्मीर में हमें ऐसे एकदम सपाट हाईवे मिलेंगे। हाईवे पर दूर खूबसूरत पहाड़ दिखायी दे रहे और सड़क के दोनो तरफ हरे भरे खेत बस मानो हम अपने सपनों की लॉन्ग ड्राइव पर हों।
ये सब शब्दों में तो क्या फोटोज में भी देखकर आप वो महसूस नहीं कर पाएंगे जो हमें वहां महसूस हो रहा था। कश्मीर कितना खूबसूरत होगा इसका आइडिया हमें कुछ हद तक लग चुका था। सड़क की हालत भी काफी अच्छी थी और हमें रास्ते में हमारी सेना के जवानों के बहुत से वाहन आते जाते दिखते हैं। जिसको आपको यहां सुरक्षा की बिल्कुल चिंता नहीं होती।
कुछ देर बाद हम श्रीनगर की अदभुत डल झील पहुंच गए जिसे देख इस सफर की थकान एकदम से दूर हो गई। इस सफर में सारे जाम मिलाकार हमें करीबी 6:30 से 7 घंटे का समय लगा।
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