लद्दाख में सिर्फ रेतीली पहाड़ियां कब तक देखोगे? अब करो लद्दाख में छिपे इस मिनी गुलमर्ग की सैर

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Photo of लद्दाख में सिर्फ रेतीली पहाड़ियां कब तक देखोगे? अब करो लद्दाख में छिपे इस मिनी गुलमर्ग की सैर by We The Wanderfuls

लद्दाख की अनोखी और अद्भुत खूबसूरती के बारे में आखिर कौन नहीं जानता! घुम्मकड़ों के लिए तो लद्दाख जाना लाइफ का एक लक्ष्य पूरा करने जैसा होता है लेकिन इसकी खूबसूरती के बारे में अभी तक भी अधिकतर पर्यटकों को पूरी जानकारी नहीं है। आम तौर पर लद्दाख को एक ठन्डे रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है जहाँ आपको खूबसूरत रेतीली पहाड़ियों के साथ बर्फ के अद्भुत नज़ारे तो बहुत दिखेंगे लेकिन हम सभी इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते की लद्दाख में भी बेहद सुन्दर हरियाली और रंग बिरंगे फूलों से भरी एक जगह है जिसकी एक झलक ही लद्दाख को लेकर आपकी सोच को बदल देगी। इस खूबसूरत घाटी को 'लद्दाख का गुलमर्ग' भी कहा जाता है। तो चलिए बताते हैं आपको इससे जुडी पूरी जानकारी...

सांकू

सांकू भारत में केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में स्थित है। संकू एक कटोरे के आकार की घाटी में स्थित है और इस खूबसूरत घाटी से मुख्य तौर पर सुरू नदी और नाकपोचू नदी गुजरती हैं। लद्दाख क्षेत्र में सबसे समृद्ध गाँवों में से एक होने के साथ ही यह वैली प्राकृतिक खूबसूरती के लिहाज़ से भी लद्दाख में हमेशा टॉप पर बनी रहती है। चारों और रंगीन चट्टानी पहाड़ियों से घिरी इस खूबसूरत घाटी में आपको जंगली गुलाब, मैरिकेरिया, चिनार आदि देखने को मिलेंगे जो आपकी इस अद्भुत घाटी की यात्रा को और भी अधिक यादगार बना देंगे।

आपको बता दें कि यह घाटी समुद्रतल से करीब 9524 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है और देखने में यह वैली लद्दाख की बाकी जगहों से एकदम अलग दिखाई देती है जहाँ आप लद्दाख के ठन्डे रेगिस्तान की सुंदरता के साथ गुलमर्ग जैसी हरियाली से भरी वादियों का भी आनंद ले सकते हैं।

यहाँ घूमने लायक जगहें

अगर यहाँ आस-पास के लोगों की बात करें तो उनके लिए भी यह जगह एक शानदार पिकनिक स्पॉट से कम नहीं और इसके अलावा पर्यटकों के लिए तो ये किसी जन्नत से कम नहीं है। बताया जाता है कि संकू एक मुस्लिम विद्वान-धर्मगुरु, सैयद मीर हाशिम के प्राचीन तीर्थस्थल के लिए भी लोकप्रिय है। इसके पीछे की कहानी जो बतायी जाती है उसके अनुसार 16वीं शताब्दी के दौरान क्षेत्र के बौद्ध शासक, सुरु रियासत के थी-नामग्याल ने इस्लाम में रूपांतरण के बाद धार्मिक शिक्षा देने के लिए विशेष रूप से मुस्लिम धर्मगुरु सैयद मीर हाशिम को कश्मीर से आमंत्रित किया गया था। आज लद्दाख में कर्पो खार तीर्थ एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के तौर पर जाना जाता है जहाँ आप जा सकते हैं।

इसके अलावा लद्दाख रीजन में स्थित पर्यटकों की पहुँच में सबसे बड़ा ग्लेशियर-द्रंग द्रुंग ग्लेशियर भी देखने आप संकू से जरूर जाएँ। लद्दाख की यात्रा में यह ग्लेशियर सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है।

इसके अलावा आप कार्तसे नदी और कार्तसे घाटी की सुंदरता को भी घंटों निहार सकते हैं और साथ ही ट्रैकिंग के लिए आप इस अद्भुत घाटी में अनेकों जगह तो मिल ही जाएँगी।

सांकू में रुकने की जगहें

आपको बता दें कि सांकू में लोग आम तौर पर जीवनयापन के लिए खेती पर ही आश्रित हैं और इसके अलावा उनमें से कई पशुपालन से जुड़े व्यवसाय में हैं और इसके साथ ही अब कुछ लोग अपने घरों को गेस्ट हाउस बनाकर पर्यटन से भी जुड़ रहे हैं। तो यहाँ रुकने के लिए आपको जम्मू-कश्मीर पर्यटन की ओर से बना एक बंगला, कुछ बहुत बेसिक सुविधाओं वाले होमस्टे और कुछ गेस्टहाउस मिलने वाले हैं जहाँ आप रुक सकते हैं। जम्मू कश्मीर टूरिज्म की ओर से जो बंगला है उसकी बुकिंग श्रीनगर या कारगिल से आप करवा सकते हैं। आम तौर पर आप यहाँ किसी भी गेस्ट हाउस में बिना सोचे रुक सकते हैं क्योंकि मेहमाननवाजी में और आपकी सांकू की यात्रा को यादगार बनाने में यहाँ के लोग कोई कसर नहीं छोड़ते।

जाने के लिए बेस्ट समय

जैसा कि आपको पता है कि यह इलाका लद्दाख क्षेत्र में समुद्रतल से काफी ऊंचाई पर स्थित है और यहाँ सर्दी का मौसम काफी कड़ाके की ठण्ड और चारों ओर बर्फ से घिरा होता है। इसीलिए यहाँ घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय जून महीने से सितंबर महीने का ही होता है। इस समय आपको यहाँ का मौसम भी बेहद खुशनुमा मिलेगा और कई तरह के फूलों और हरियाली ओढ़े पेड़ों के साथ चारों ओर का नज़ारा वास्तव में बेहद खूबसूरत लगता है।

कैसे पहुंचे?

इस खूबसूरत वैली में सड़क मार्ग से आप आसानी से पहुँच सकते हैं। लेह, कारगिल और सुरु घाटी की कुछ जगहों से आपको संकू के लिए पब्लिक बस आसानी से मिल जाएगी। इसके अलावा अगर आप हवाई या रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो आप पहले श्रीनगर पहुँच सकते हैं और फिर वहां से कारगिल या फिर लेह के लिए बस पकड़कर या फिर डायरेक्ट टैक्सी करके आप यहाँ तक पहुँच सकते हैं। अगर आप खुद के वाहन से लेह से संकू की दूरी करीब 250 किलोमीटर है और वहीं श्रीनगर से इसकी दुरी करीब 240 किलोमीटर है।

लेह से संकू

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तो लद्दाख में आम तौर पर देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों से हटकर ये खूबसूरत लद्दाख का गुलमर्ग देखने आपको जरूर जाना चाहिए। अगर आप अपनी लद्दाख यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो यहाँ जरूर जाएँ। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है और अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा तो कृपया इसे लाइक जरूर करें। साथ ही ऐसी और भी जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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