15 दिन में घूमों पूरा लद्दाख, ये रही यात्रा की विस्तृत गाइड!

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Photo of 15 दिन में घूमों पूरा लद्दाख, ये रही यात्रा की विस्तृत गाइड! by We The Wanderfuls

अगर आप घूमने का शौक रखते हैं और कभी लद्दाख न जाना चाहें ऐसा तो हो नहीं सकता। आखिर हर घुमक्कड़ जीवन में कम से कम एक बार धरती पर मौजूद एक अद्भुत दुनिया को अपनी आँखों से देखना जरूर चाहता है। अगर आप भी लद्दाख जाने के बारे में प्लान कर रहे हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लद्दाख जाने और वहां घूमने की एक विस्तृत गाइड लेकर आएं हैं।

तो इस लेख को शुरू करने से पहले हम आपको बता दें कि लद्दाख जाने और वहां घूमने के लिए करीब 14-15 दिनों का समय काफी रहता है जिसमें आप बिना किसी जल्दबाज़ी और परेशानी के ट्रेवल कर सकते हैं और साथ में लद्दाख कि सभी खूबसूरत जगहों को अच्छे से घूम भी सकते हैं। आर्टिकल कि शुरुआत में हम मानकर चलते हैं कि आप अपनी यात्रा दिल्ली से शुरू करने वाले हैं और उसी के अनुसार हम पूरी गाइड आपसे शेयर करने वाले हैं। अगर आप दिल्ली के अलावा किसी अन्य जगह से जाना चाह रहे हैं तो आप आसानी से अपने शहर से जम्मू तक की ट्रिप अपनी सुविधानुसार प्लान कर सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं लद्दाख की विस्तृत यात्रा गाइड को...

लद्दाख की जलवायु अनुकूलता के लिए जरुरी बातें

लद्दाख जाने से पहले हर किसी के मन में वहां के वातावरण में अनुकूल न होने पर होने वाली परेशानियों के बारे में विचार जरूर आते हैं क्योंकि लद्दाख जाने वाले बहुत से पर्यटकों को AMS (एक्यूट माउंटेन सिकनेस) की परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन आपको बता दें की अधिकतर ये वाली परेशानियां लोगो को मनाली से लेह जाने वाले रास्ते में होती है। जिसका कारण अचानक से समुद्रतल से ऊंचाई का बेहद अधिक बढ़ जाना होता है जिसका हमारा शरीर आदि नहीं होता।

हमें कुछ समय चाहिए होता है उस वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने में और इसीलिए हमारा यही सुझाव रहेगा की आपको लद्दाख की यात्रा जाते समय जम्मू-श्रीनगर-लेह राजमार्ग से करनी चाहिए जिसमें समुद्रतल से ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती है और यात्रा कुल 3-4 दिनों तक चलती है जिससे आपको ऐसी किसी परेशानी होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है।

खास तौर पर अगर आप फैमिली और बच्चों के साथ जा रहे हैं तो श्रीनगर वाले रास्ते से ही लद्दाख जाना आपके लिए बेस्ट रहेगा।

पहला दिन 1/15: दिल्ली से जम्मू

दिल्ली से जम्मू का सफर करीब 600 किलोमीटर का है और पुरे रास्ते आपको सड़क काफी अच्छी मिलने वाली है तो आप आराम से करीब 12 घंटों में दिल्ली से जम्मू पहुँच जायेंगे और फिर वहां रुक कर आप अगली सुबह आगे के सफर की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप दिल्ली से सुबह जल्दी निकल सकते हैं तो आप थोड़ा और आगे पटनीटॉप में भी रुक सकते हैं जहाँ खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों के बीच बिताया कुछ समय वाकई एक अच्छा अनुभव होगा।

साथ ही अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जम्मू जाना चाहते हैं तो आप दिल्ली से बस या फिर ट्रेन के जरिये आसानी से जम्मू तक जा सकते हैं।

दूसरा दिन 2/15 : जम्मू से श्रीनगर

पहले दिन आप जम्मू रुके हों या फिर पटनीटॉप, अगली सुबह जल्द से जल्द कोशिश करें श्रीनगर के लिए निकलने की क्योंकि जम्मू से श्रीनगर सिर्फ 250 किलोमीटर दूर है लेकिन यह रास्ता बेहद लम्बे ट्रैफिक जाम के लिए भी जाना जाता है इसलिए आप जितना जल्दी निकलेंगे उतना ही कम ट्रैफिक मिलने की सम्भावना रहेगी। अगर समय की बात करें तो जम्मू से श्रीनगर जाने में करीब 7 घंटे लगने वाले हैं अगर कोई बड़ा ट्रैफिक जाम न मिले और अगर जाम मिलता है तो श्रीनगर पहुँचने में करीब 8 से 9 घंटे का समय भी लग सकता है।

श्रीनगर पहुँचने के बाद आप दूसरे दिन वहीं रुकें और शाम को डल झील पर शिकारा की सवारी का आनंद लेने के साथ ही मुग़ल गार्डन्स में कुछ सुकून भरे पल भी बिता सकते हैं।

जम्मू से श्रीनगर के पुरे सफर का हमारा वीडियो भी आप देख सकते है...

तीसरा दिन 3/15: श्रीनगर से कारगिल

श्रीनगर से सोनमर्ग और फिर द्रास होते हुए आप करीब 7 से 8 घंटों में कारगिल पहुँच सकते हैं। सोनमर्ग की खूबसूरती आपको इस सफर का दीवाना बनाने की शुरुआत कर देगी और सोनमर्ग के बाद दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शामिल ज़ोजिला पास से आप गुजरेंगे जो की कश्मीर और लद्दाख के बीच केंद्र बिंदु है। ज़ोजिला पास को पार करना अपने आप में एक बेहद अद्भुत अनुभव होगा और इसके बाद आप लद्दाख क्षेत्र में प्रवेश कर जायेंगे। फिर द्रास जो कि दुनिया का दूसरा सबसे ठंडा बसावट वाला स्थान है वहां से होते हुए आप कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचेंगे जिसका प्रवेश द्वार हाईवे पर ही मौजूद है और अगर समय कि अनुमति हो तो आप कुछ समय इस मेमोरियल में जरूर रुकें। यहाँ से कारगिल कि दूरी सिर्फ 50 किलोमीटर बचती है फिर कारगिल पहुंचकर आप तीसरे दिन वहीं रुकें।

आपको बता दें कि अगर आप श्रीनगर से बस से लेह तक का सफर करना चाहते हैं तो बस भी पहले दिन आपको कारगिल में रुकवाती है और दूसरे दिन लेह पहुंचती है।

सोनमर्ग से कारगिल वॉर मेमोरियल के पुरे सफर का हमारा वीडियो भी आप देख सकते है..

चौथा दिन 4/15 : कारगिल से लेह

चौथे दिन कारगिल से लामायुरु होते हुए करीब 215 किलोमीटर दूर लेह जा सकते हैं। हालाँकि दूरी काफी कम है और पहुँचने के लिए सड़क भी काफी अच्छी है जिससे आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा इस सफर को पूरा करने में लेकिन फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि जितना जल्दी हो सके आप कारगिल से लेह के लिए निकलें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सफर में ऐसी अनेकों जगह आपको मिलने वाली है जहाँ प्राकृतिक खूबसूरती को अच्छे से निहार लेने और कैमरे में कैद करने का मन आपका जरूर होगा। साथ ही इस रास्ते में आपको कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों जैसे लुनार लैंडस्केप (चाँद जैसी धरती) , मैग्नेटिक हिल, सिंधु-जंस्कार नदी संगम, गुरुद्वारा पत्थर साहिब, लामायुरू बौद्ध मोनेस्ट्री, मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा आदि भी मिलने वाले हैं जिन्हे देखने में आपका काफी समय जाने वाला है।

इस सफर में आप दो काफी ऊंचाई वाले दर्रों, नामिका ला और फोटू ला से भी गुजरेंगे और करीब 8 से 10 घंटों में लेह पहुँच जायेंगे। लेह में आपको काफी सारे होटल्स आसानी से मिल जायेंगे जहाँ आप रुक सकते हैं।

पांचवा दिन 5/15: लेह के पर्यटन स्थल

पांचवे दिन सुबह जब आप उठेंगे तो काफी हद तक आपकी बॉडी लेह के वातावरण में खुद को ढ़ाल चुकी होगी लेकिन फिर भी आपको जल्दबाज़ी में ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की गलती नहीं करनी चाहिए और पांचवा दिन लेह में रूककर वहां मौजूद कई खूबसूरत पर्यटन स्थलों को देखना चाहिए।

लेह के पर्यटन स्थलों कि बात करें तो आप शांति स्तूप , हॉल ऑफ़ फेम, लेह पैलेस व स्टॉक म्यूजियम, शै पैलेस, थिकसे मोनेस्ट्री जा सकते हैं। ये सभी काफी शानदार पर्यटन स्थल है और इसके अलावा आप कुछ समय लेह मार्केट में भी बिता सकते हैं।

छठा दिन 6/15: लेह – खरदुंग ला – डिस्किट – हंडर

नुब्रा वैली कि खूबसूरती तो आपने किसी फोटो या फिर वीडियो में देखी ही होगी। तो छठे दिन आप नुब्रा वैली कि ओर चलेंगे और इस खूबसूरत घाटी में स्थित कई बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थलों को देखेंगे। अगर रुकने कि बात करें तो नुब्रा वैली में आप डिस्किट या फिर हंडर में रुक सकते हैं जहाँ आपको आसानी से रुकने के लिए गेस्ट हाउस वगैरह मिल जायेंगे। लेह से डिस्किट जाने में करीब 6 घंटे का समय लगने वाला है। वैसे सफर सिर्फ 110 किलोमीटर का है लेकिन समुद्रतल से काफी अधिक ऊंचाई के साथ आप बेहद ऊँचे 5359 मीटर ऊंचाई पर स्थित खारदुंग ला दर्रे से भी गुजरते हैं।

हंडर और डिस्किट में घूमने कि बात करें तो आप जहाँ देखंगे वहां प्रकृति कि एक अनोखी खूबसूरती ही दिखाई देगी लेकिन पर्यटन स्थलों में डिस्किट मोनेस्ट्री, हंडर गोम्पा, हंडर सैंड डून्स, बुद्ध प्रतिमा, हॉट वाटर स्प्रिंग, यारब त्सो झील के साथ ही विशिष्ट प्रजाति के बैक्ट्रियन ऊँट (दो कूबड़ वाले ऊँट) को भी देख सकते हैं।

सातवां दिन 7/15 : डिस्किट से तुरतुक

सातवां दिन भी आप नुब्रा वैली में ही बिताने वाले हैं बस डिस्किट से करीब 90 किलोमीटर दूर एक बेहद खूबसूरत गाँव तुरतुक पहुंच जाएँ। यह एक बेहद अनोखा और सुन्दर गाँव है और यहाँ आप कई पर्यटन स्थलों जैसे नेचुरल कोल्ड स्टोरेज, पोलो ग्राउंड, ब्रोक्पा फोर्ट, वाटर मिल, मस्जिद और त्याक्शी गाँव भी देख सकते हैं और फिर वहां आप थांग गाँव कि ओर जा सकते हैं जहाँ तक पर्यटकों कि एंट्री सिमित की हुई है। आपको बता दें की थांग गाँव से आपको पाकिस्तान के तरफ के गाँव साफ़-साफ़ दिखाई देंगे।

अब अगर आपके पास समय है और आप चाहें तो वापस तुरतुक से डिस्किट जा सकते हैं या फिर तुरतुक में ही एक रात रुक सकते हैं।

आठवां दिन 8/15: तुरतुक से पनामिक

तुरतुक से अगले दिन जल्दी निकलकर आप पहले डिस्किट पहुंचेंगे और फिर खालसर तक लगातार ड्राइव करें। खालसर से, आप फिर पनामिक शहर पहुंचेंगे और फिर वहां से भी आप आगे तक जा सकते हैं जहाँ आप सियाचिन बस कैंप तक भी जा सकते हैं और इस अद्भुत अनुभव को अपनी लद्दाख ट्रिप में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आप पनामिक की हॉट वाटर स्प्रिंग्स और स्तामसलिंग मोनेस्ट्री भी देखने जा सकते हैं। हॉट वाटर स्प्रिंग को देखना बिलकुल मिस न करें ये वाकई काफी अच्छा अनुभव रहेगा। उसके बाद आप चाहें तो पनामिक में या फिर हंडर में रुक सकते हैं।

नौवां दिन 9 /15: पनामिक से पैंगोंग

पनामिक से खालसर होते हुए आप खूबसूरत पैंगोंग झील दो मार्गों से पहुँच सकते हैं। अघम गाँव पहुंचकर आप लोकल लोगों से पूछ लें की कौनसा मार्ग बेहतर होगा श्योक नदी वाला मार्ग या फिर 'वारी ला' वाला मार्ग। श्योक मार्ग से करीब 5-6 घंटे आपको पैंगोंग झील तक पहुँचने में लग जायेंगे और उसके बाद आप वहीं पैंगोंग में किसी कैंप या फिर कॉटेज वगैरह में रुक सकते हैं। पैंगोंग झील में कुछ शानदार पल बिताने और कैमरे में कैद करने के बाद आप 3 इडियट्स मूवी शूटिंग पॉइंट को देखना बिलकुल मिस न करें।

दसवां दिन 10/15: पैंगोंग से हानले

यहाँ से आगे का सफर वास्तव में अत्यधिक खूबसूरत होने वाला है। पैंगोंग झील जैसी खूबसूरत झील के किनारे चलते हुए ये सफर आप जिंदगी भर नहीं भूलने वाले और इसके साथ ही आप पहले चुशुल गाँव पहुंचेंगे जहाँ आप युद्ध स्मारक देखने रुक सकते हैं और फिर आगे लोमा होते हुए आप हानले पहुँच जायँगे। आपको बता दें की हानले में आपको होटल वगैरह नहीं बल्कि सिर्फ गेस्टहाउस या होमस्टे वगैरह मिलेंगे जहाँ आप रुक सकते हैं और हानले में शाम का बेहतरीन वक़्त टहलते हुए गुजार सकते है।

ग्यारहवां दिन 11/15: उमलिंग दर्रा

दुनिया की सबसे ऊंचाई पर मौजूद रोड यहाँ है जहाँ आप कुछ सावधानियों के साथ जा सकते हैं। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई करीब 5800 मीटर की है। ये सफर भी आप कभी नहीं भूलने वाले और इसके बाद आप हानले वापस आ जाएँ और हानले में स्थित हानले मोनेस्ट्री और हानले ऑब्जर्वेटरी के साथ हानले गाँव में भी कुछ सुकून भरे पल बिता सकते हैं। और इसी के साथ 11वां दिन आप हानले में रुक कर बिता सकते हैं।

12वां दिन: हानले से त्सो मोरीरी झील (करज़ोक)

त्सो मोरीरी झील लद्दाख में एक और खूबसूरत झील है जिसकी खूबसूरती पैंगोंग लेक जैसी ही है हालाँकि ये पैंगोंग झील से आकर में थोड़ी छोटी जरूर है। यह झील भी दुनिया की सबसे ऊंचाई पर मौजूद प्राकृतिक झीलों में से एक है। हानले से करजोक की दूरी करीब 120 किलोमीटर है और सड़क कहीं पर अच्छी और कहीं बेहद बुरी भी है। यहाँ पहुंचकर आप खूबसूरत लेक के पास रुक सकते हैं और शाम को यहाँ झील किनारे बिताया गया समय आप हमेशा के लिए अपनी यादों में जरूर बसा लेंगे। करजोक में आप करजोक मोनेस्ट्री भी विजिट कर सकते हैं।

13वां दिन 13/15 त्सो मोरिरी झील - त्सो कर झील- केलांग

यहाँ से हम आपको जाते समय मनाली वाला रूट लेने की सलाह देंगे क्योंकि उस रास्ते में प्राकृतिक नज़ारे बेहद खूबसूरत मिलने वाले हैं और साथ ही अगर आप श्रीनगर रूट से जाते हैं तो करीब 140 किलोमीटर दूर लेह तक का सफर आपको फिर से करना पड़ेगा। आप सुबह जल्दी निकलकर शाम तक केलांग पहुँच सकते हैं और अगर आपके पास समय है तो थोड़ा आगे मनाली की तरफ जा सकते हैं। वैसे हमारे प्लान के अनुसार आप 13वां दिन केलोंग में रुकें और आगे का सफर अगले दिन पूरा करें।

इसके अलावा अगर आप केलोंग तक नहीं पहुँच सकते हैं तो उससे पहले आप सरचू या फिर जिस्पा में भी रात में रुक सकते हैं।

14वां दिन 14/15: सरचू/जिस्पा/ केलांग से मनाली

सरचू से मनाली करीब 180 किलोमीटर है और इस सफर में आप नकीला दर्रा, लाचुंगला दर्रा, गाटा लूप्स, बारालाचा ला और रोहतांग ला जैसे शानदार जगहों से गुजरेंगे जो की इस सफर के अंतिम पलों को भी यादगार बना देगा। अगर आप पिछले दिन केलांग तक आ चुके हैं तो वहां से मनाली सिर्फ 70 किलोमटेर दूर रहेगा। मनाली पहुंचकर फिर आप मनाली में कुछ समय बिताकर अगले दिन आगे का सफर पूरा कर सकते हैं।

15 वां दिन 15/15: मनाली से दिल्ली

मनाली से दिल्ली का सफर करीब 500 किलोमीटर का है जिसे पूरा करने में करीब 10-12 घंटों का समय लग सकता है। मनाली से चंडीगढ़ होते हुए आप दिल्ली आसानी से पहुँच सकते हैं साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी इस रूट पर आसानी से आपको मिल जायेगा।

हमारे अनुसार यह 15 दिन का प्लान आपकी लद्दाख ट्रिप के लिए एकदम परफेक्ट रहने वाला है लेकिन फिर भी आप 1 दिन एक्स्ट्रा जरूर लेकर चले क्योंकि रास्तों में कहीं ट्रैफिक या लैंडस्लाइड की वजह से कुछ एक्स्ट्रा समय लग सकता है जिस वजह से आपकी ट्रिप का मज़ा खराब बिलकुल नहीं होना चाहिए।

अगर आप ऐसे ही कुछ और बेहतरीन स्थानों और जानकारियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।

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