पिछले कई सालों से मैं जैसलमेर जाने की प्लानिंग कर रही थी, मैंने सुना था कि वहाँ डेज़र्ट कैंपिंग होती है और लोग वहाँ डेज़र्ट सफारी और कैमल सफारी करने के लिए जाते हैं। कैंपिंग में रात के समय नाच गाने का भी कार्यक्रम होता है ।
राजस्थान राज्य में स्थित जैसलमेर पाकिस्तान बॉर्डर के काफी करीब है। शहर के 90% घर, मंदिर,किला सब सोने के रंग के बलुआ पत्थरों से बना है। इस शहर में भव्य मंदिर जिले और हवेलियाँ है।
मैंने जैसलमेर में 3 दिन और 2 रातों का आनंद लिया।यात्रा करने का समय - नवंबर से मार्च। मैंने अपनी यात्रा फरवरी माह में शिवरात्रि के अवकाश में की।
करीब 4:00 बजे शाम हम जैसलमेर पहुँचे। वहाँ पहुँचकर हमने कुछ समय के लिए शहर घुमा और रहने का स्थान ढूँढा। शहर में बहुत संकरी गलियाँ है और बहुत सारे हॉस्टल और होटल भी आपको सस्ते दाम पर उपलब्ध हो जाएंगे।
रहने के लिए फिर हमें हमारा होटल मिला, होटल देव विला , वहाँ का वातावरण हमें बहुत अच्छा लगा, होटल की छत से बहुत सुंदर दृश्य दिखता है।
1. गढ़ीसागर झील - यह एक मानव निर्मित जलाशय है। यह झील मंदिरों और घाटों के बीच स्थित है और यहा इतनी शांति है कि कोई भी यहा शांति से सोने का आनंद ले सकता है। यहाँ आप इन नौकायान भी कर सकते हैं। शाम के वक्त यहाँ का दृश्य अद्भुत होता है। झील के बाहर बाजार लगता है, जहाँ आप लोकल खरीदारी कर सकते हैं।
झील घूमने के बाद रात्रि हमने अपने होटल की रूफटॉप पर रात्रि का भोजन किया। बहुत ही आनंदित वक्त गुज़ारा ऐसा रूफटॉप का आनंद हमें अपने गुड़गांव शहर में भी नहीं मिलता। वहाँ के लोकल लोगों से बातचीत करने से हमें वहाँ के कुछ घूमने के स्थानों का पता चला।
तनोट माता मंदिर और लोंगेवाला चेक पोस्ट, जहाँ आप भारत पाक सीमा को देख सकते है। हमने अगली सुबह तनोट माता मंदिर जाने का निश्चय किया।
सुबह का नाश्ता बहुत ज़रूरी होता है और जैसलमेर की सुबह बहुत खूबसूरत थी तो हमने अपने होटल में सुबह का नाश्ता करने का निर्णय लिया। उसके पश्चात हम तनोट मनसा माता मंदिर के लिए निकल गए।
1. तनोटा माता मंदिर
पाक सीमा से सट्टे, जैसलमेर से 120 कि.मी. दूर तनोट माता का मंदिर पूरे देश भर में मशहूर है। यहाँ देशभर से श्रद्धालु नतमस्तक होने आते हैं। मंदिर की पूजा अर्चना सीमा सुरक्षा बल के जवान ही करते हैं।
माना जाता है कि, पाक सीमा से सटे जैसलमेर में दुश्मन ने बम बरसाकर लोगों को दहशत में डालने और नुकसान पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन युद्ध में मंदिर के आस पास करीब तीन हजार बम बरसाए और करीब साढ़े चार सौ गोले मंदिर परिसर में गिरे लेकिन बम फटे ही नहीं। ये बम आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है।
2. लोंगेवाला बॉडर
लोंगेवाला जैसलमेर, राजस्थान में थार रेगिस्तान पर एक छोटा सा टाउन है। ये पाकिस्तान के बॉर्डर के पास है। ये जगह खास है क्योंकि यहाँ 1971 में 4-5 दिसंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच लोंगेवाला पोस्ट पर युद्ध हुआ था। इसमें पाकिस्तान ने भारत पर लगभग 3000 बम गिराए थे, फिर भी जीत भारत की हुई। आप जैसलमेर जाएँ तो यहाँ ज़रूर जाएँ और यह स्थान बच्चों को भी दिखाना भी बहुत ज़रूरी है। यहाँ 15 मिनट की एक मूवी भी दिखाई जाती है जिसमें आपको लोंगे वाला बॉर्डर की कहानी पूरी तरह से बताई जाती है। जैसलमेर में दिन का तापमान अधिक रहता है।
3. सैम सेंड ड्यून्स
इसी रेगिस्तान में जैसलमेर से 40 किलोमीटर की दूरी पर सैम गाँव है जोकि जैसलमेर डेज़र्ट सफारी के नाम से जाना जाता है। यहाँ के टीलों पर उटों और जीप सफ़ारी की जाती है। यहाँ राजस्थानी लोक कार्यक्रम एवं भोजन के साथ साथ रहने के लिए रिज़ॉर्ट भी बनाए गए हैं । लोंगेवला बॉर्डर को देखने के बाद करीब शाम 4:00 बजे हम सब गाँव आ गए। धीरे-धीरे सूर्य देवता का रोष थोड़ा ठंडा पड़ गया। वहाँ पहुँचकर आपको बहुत सारे लोग मिलेंगे जो कि आप से जीप सफारी और कैमल सफारी और कैंपिंग कराने के लिए बात करें। हमें ऐसे कई लोग मिले जो हमें बार-बार सफारी के लिए पूछ रहे थे। हर 10 कदम पर आपको जबरदस्ती सफारी कराने वाले ऐसे लोग मिल जाएँगे, कोई बाइक पर पीछे से आता है तो कोई अचानक से कार के सामने आ जाता है। आप उनसे कुछ मोल-भाव कर सकते हैं, वह आपको उचित दाम दिलवा सकते हैं। हमने जीप सफारी और कैमल सफारी करने का निर्णय लिया। आप रेगिस्तान जाए और रेगिस्तान के जहाज की सवारी ना करें तो आपका ट्रिप अधूरा माना जाता है। रेगिस्तान का जहाज यहाँ ऊँट को कहा जाता है। हमने ₹800 में कैमल और जीप सफारी की बुकिंग कर ली। धीरे-धीरे सूरज जमीन की तरफ यानी कि अस्त होता जा रहा था और यह दृश्य बहुत ही मनमोहक था। तस्वीरें लेने का बहुत आनंद आया। शाम के समय रेत भी ठंडी होती जा रही थी। सूर्यास्त के बाद हम वापस जैसलमेर की ओर रवाना हो गए ।
1156 A.D. - हमें एक रेस्टोरेंट दिखा जो JW MARRIOTT कि ठीक सामने था। वह बहुत ही अच्छा रेस्टोरेंट था , वहाँ बहुत सारे विदेशी गेस्ट भी आए थे।
रात का भोजन हमने अपने होटल में ही करने का निर्णय लिया। हमारे कहने पर हमारे होटल में बाजरे की रोटी, कढ़ी और कुछ राजस्थानी व्यंजन बनाए। हमने राजस्थानी व्यंजन का स्वाद उठाया। जैसलमेर में रात में ठंडी हवा चल रही थी और हम बहुत थक गए थे तो हमने आराम करने का फैसला किया।
अगली सुबह थोड़ा जल्दी उठकर जैसलमेर की सैर करने गए और वापस आकर अपना नाश्ता लिया। हमारा होटल बहुत ही खूबसूरत था हमने कुछ तस्वीरें निकाली।
यात्रा करने का मजेदार तरीका
जैसलमेर आसपास के शहरों से सड़क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है अब अपनी कार से कहीं भी जा सकते हैं और रास्ते में सुनहरे सैंड ड्यून्स का आनंद ले सकते हैं। यात्रा के दौरान राजस्थानी व्यंजन का आनंद उठा सकते हैं।
जैसलमेर कैसे जाएँ
उड़ान, ट्रेन , बस
निकटतम हवाई अड्डा- जोधपुर हवाई अड्डा (300 किलोमीटर दूर)
निकटतम रेलवे स्टेशन - जैसलमेर रेलवे स्टेशन
निकटतम बस स्टॉप - जयपुर और जोधपुर से सीधी वसई राजस्थान रोडवेज चलती है।
कहाँ रहें
यहाँ रहने के लिए आपको बहुत सारे ऑप्शंस मिलेंगे। आपके बजट के अनुसार अगर आप बहुत अच्छा होटल देख सकते हैं तो JW MARRIOTT , सुरजगढ़, किला भवन, होटल देव विला कुछ अच्छे विकल्प हैं।