पुणे की रहने वाली 45 वर्षीय माँ और बेहद हिम्मती महिला प्रीति मस्के ने लेह से मनाली तक सफर महज 55 घंटों में सोलो साइक्लिंग करके गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। इसके साथ ही ये लेह से मनाली तक सोलो साइक्लिंग करने वाली पहली महिला बन गई हैं।
रिकॉर्ड
प्रीति ने लेह, लद्दाख जो 3600 मीटर की हाइट पर है, से 22 जून को सुबह 6 बजे अपना सफ़र शुरू किया। फिर करीब 5328 मीटर की सबसे ज्यादा ऊंचाई (टांगलांग ला) से होते हुए, कुल 5 हाई अल्टिट्यूड दर्रों को पार करते हुए 24 जून की दोपहर 1:13 बजे 2000 मीटर की हाइट पर स्थित मनाली पहुंचीं। आपने ये रास्ता 55 घंटे और 13 मिनटों में पूरा कर लिया। गिनिज वर्ल्ड ने प्रीति को 60 घंटों का अधिकतम समय दिया था।
इस अभियान के दौरान प्रीति को दो बार ऑक्सीजन लेनी पड़ी, बारालाचा में बर्फ़बारी का सामना करना पड़ा। तेज हवाएं, बहुत ठंड, चमकते सूरज जैसी कई चुनौतियों को पार कर ये सफ़लता प्राप्त की है। इस पूरे प्रयास में प्रीति का साथ दिया सीमा सड़क संगठन यानी BRO ने। प्रीति ने अपनी ये सफ़लता BRO को समर्पित की है। पूरे सफ़र के दौरान प्रीति के साथ BRO का दो सपोर्ट व्हीकल सैटेलाइट फोन और मेडिकल असिस्टेंट के साथ मौजूद रहे।
लेह से BRO के अधिकारियों ने फ्लैग ऑफ किया और मनाली में भी BRO के अधिकारियों ने आपको अटेंड किया।
प्रीति इससे पहले करीब 6000 किमी लंबी गोल्डन क्वाड्रिलैटरल यानी स्वर्णिम चतुर्भुज को भी अकेले ही महज 22 दिनों में पूरा करके वर्ड रिकार्ड बना चुकीं हैं। प्रीति की ये सफलता बहुत कुछ दिखाती और साबित करती है। उम्र के जिस पड़ाव पर लोग आमतौर पर कुछ नया करने की उम्मीद छोड़ देतें हैं, प्रीति ने ऐसा प्रयास किया और सफ़लता भी पायी जो वाकई लाज़वाब है।
बारालाचा
4850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्वतीय दर्रा है, जो हिमाचल को लद्दाख से जोड़ता है। ये लाहौल घाटी से जंस्कार घाटी में जाने का रास्ता है।
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