अगर आप दिसंबर और जनवरी में तेज ठंड के कारण कही घूमने ना जा सके और अब आप फरवरी या मार्च में परिवार के साथ घूमने जाने के साथ साथ कुछ यूनिक अनुभव का भी मजा लेना चाहते हैं तो आज जो ये पांच चीजें आप पढने जा रहे हैं इनका आयोजन केवल इसी सीजन में होता हैं और यकीन मानिये इनमें से कोई न कोई चीज तो काफी समय से आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होगी।अगर आप इस बार की घुम्मकड़ी में इनमें से कोई चीज शामिल करना चाहते हैं तो तो ध्यान रहे जल्दी से जल्दी बुकिंग्स जरूर करवा ले। तो बढ़ते हैं आगे -
1.पुष्कर या मथुरा-वृन्दावन की होली :
2023 में होली 8 मार्च और होलिका दहन 7 मार्च को हैं। मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि होने के कारण यहाँ होली का उत्सव कई दिनों तक मनाया जाता हैं। 27 फरवरी से बरसाना में लड्डू होली ,लट्ठमार होली का आयोजन शुरू होगा(इंटरनेट की जानकारी के अनुसार )।उसके बाद नंदगांव ,मथुरा ,वृन्दावन सभी जगह अलग अलग समय पर अलग अलग तरह से होली मनाई जायेगी।इस्कॉन मंदिर ,पागल बाबा मंदिर या प्रेम मंदिर कही भी हो ,हर तरफ हर एक मंदिर में आपको होली पर एक शानदार अनुभव मिलेगा।मथुरा ,वृन्दावन में होली खेलने के लिए पुरे देश से लाखो की तादाद में हर साल इतनी भीड़ पहुँचती हैं कि अगर रहने की व्यवस्था एडवांस्ड में नहीं की हो तो वहाँ रहने को कमरे भी आसानी से नहीं मिल पाते।
अगर आप पुष्कर में होली मनाना चाहते हैं तो यहाँ आपको कुछ अलग तरह से होली सेलिब्रेशन मिलेगा। पुष्कर में होली खेलने के लिए सबसे ज्यादा विदेशी सैलानी पहुंचते हैं।यहाँ होली को म्यूजिक फेस्टिवल ,लाइव म्यूजिक ,पूल पार्टी ,मड बाथ ,लाइव म्यूज़िक बेंड आदि के साथ मनाया जाता हैं। लेकिन भीड़ का आलम यहाँ भी होली पर उतना ही रहता हैं जितना मथुरा वृन्दावन में।
अगर इस बार आपको होली कुछ निराले अंदाज में मनानी हैं तो अभी से पूरी तैयारी कर लीजिये।
2. जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल :
वैसे जैसलमेर को घूमने का सबसे शानदार समय फ़रवरी और मार्च होता हैं।हालाँकि ठंड तो यहाँ रेगिस्तान में भी इस समय आपको मिलेगी। लेकिन इस ठंड में सुबह सुबह रेत के टीलों पर बैठकर चाय पीने का मजा कौन नहीं लेना चाहेगा। 3 फरवरी से 5 फरवरी तक जैसलमेर में JDF जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल का आयोजन होगा। तीन दिन के इस फेस्टिवल में आपको यहाँ अनेकों तरह की प्रतियोगिताएं ,इवेंट्स आदि देखने को मिलेंगे। ये इवेंट्स एक जगह पर ना होकर पुरे जैसलमेर जिले के अलग अलग क्षेत्र जैसे सम , गड़ीसर झील ,जैसलमेर किले ,खुड़ी जैसी जगहों में आयोजित किये जाते हैं। और हाँ ,हॉन्टेड गाँव कुलधरा में भी कई खेल आयोजित होंगे। हर रात म्यूजिकल नाईट होगी जिसमें देश के सेलिब्रिटी गायकों की लाइव परफॉरमेंस देखने को मिलती हैं। ऊंट पर पोलो खेला जाता हैं ,घोड़ो और ऊंटों का डांस दिखाया जाता हैं ,गरमागरम राजस्थानी डिश हर जगह किसी भी समय तैयार मिलती हैं। ये तो कुछ नहीं ,कम से कम 20 से 25 तरह की प्रतियोगिताएं और इवेंट्स यहाँ इन तीन दिनों में होंगे। अगर आपको राजस्थान का असली रूप कही देखना हैं तो आप भी JDF की तैयारी कर लीजिए।
3. बर्फ में कुछ रात रहिये :
इस बार पहाड़ों पर भारी बर्फ़बारी देखने को मिल रही हैं। पहाड़ों को छोड़ों हमारे राजस्थान की सड़के ,खेत ,मैदान आदि आजकल बर्फ की लेयर ओढ़ रहे हैं।बर्फ में रहना,खेलना ,स्नोफॉल के मजे जैसी चीजें कौन नहीं करना चाहता हैं। अभी पहाड़ों में बर्फ हैं तब तक आप विंटर ट्रेक पर जा सकते हैं। दो महीने बाद यह बर्फ सब पिघल जायेगी और फिर बर्फ केवल दूर से ही देखने को मिलेगी। इसीलिए अभी कुछ दिन तो बाकी हैं। आप अगर शुरुवाती लेवल के आसान ट्रेक करना चाहते हैं तो आप तुंगनाथ या केदारकंठ ट्रेक की प्लानिंग कर सकते हैं जो केवल 3 से 4 दिन में ही खत्म किये जा सकते हैं। अगर आप कुछ खतरनाक ट्राई करना चाहो तो आप लद्दाख की जंस्कार नदी पर एक सप्ताह के चादर ट्रेक पर जा सकते हैं। इन सभी ट्रेक्स में आपको बर्फ में ही रहना हैं ,सोना हैं और किस्मत अच्छी हुई तो आपको बर्फ़बारी भी देखने को मिलेगी।
4. बुक फेयर, दिल्ली :
अगर आप पुस्तकों के शौक़ीन हैं या अपने बच्चों को साहित्य से जुड़े क्षेत्र से जोड़ना चाहते हैं ,तो दिल्ली में आयोजित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला (NDWBF ) इस बार 25 फरवरी से 5 मार्च 2023 तक प्रगति मैदान में चलेगा। पिछले कुछ सालों से कोरोना की वजह से इसका आयोजन रुका हुआ था ,तो इस बार इस मेले में भारी मात्रा में विजिटर पहुंचने की संभावना हैं।यहाँ आपको हर एक भाषा की ,हर एक क्षेत्र और विषय की अनेकों पुस्तकें खरीदने को मिलेगी। इसके अलावा यहाँ रोज काफी साहित्यकार ,नए लेखक और कई सेलेब्रिटीज से रूबरू होने का भी मौका आपको मिलेगा। बच्चो के लिए यहाँ ड्रामा ,स्टोरीटेलिंग जैसी चीजों पर भी वर्कशॉप होगी।अगर आप दिल्ली से हैं या यात्रा के दौरान दिल्ली से गुजर रहे हैं तो 25 फरवरी से 5 मार्च के बीच एक बार इस पुस्तक मेले में जरूर घूम आये। और हाँ ,यहाँ आपको कैलाश यात्रा पर मेरी लिखी पुस्तक 'चलो चलें कैलाश ' भी मिलेगी वो भी डिस्काउंट में।
5. राजस्थान में बर्डवाचिंग:
राजस्थान में घूमने का वैसे भी अभी एक दम उपयुक्त समय हैं। यहाँ के जिलों में बड़े स्तर पर इस समय सांस्कृतिक आयोजन भी हो रहे हैं। इस बार फरवरी या मार्च में अगर आप राजस्थान टूर पर निकले तो यहाँ के जंगलों में बर्ड वाचिंग करना ना भूलना। यह वाकई में एक नया अनुभव होगा ,चाहे आपको पक्षियों के बारे में ज्ञान हो या ना हो। लेकिन विभिन्न तरह के रंग बिरंगे ,छोटे और बड़े हर तरह के पक्षी देखकर आपकी आत्मा खुश हो जायेगी। सर्दियों में यहाँ काफी विदेशी पक्षी हज़ारों किलोमीटर दूर से उड़ कर यहाँ पहुंचते हैं और इन्हे यहाँ देखने इनके पीछे पीछे काफी विदेशी सैलानी भी पहुंच जाते है। राजस्थान में आप केवलादेव नेशनल पार्क ,जवाई बाँध ,ताल छापर अभ्यारण ,चम्बल सेंचुरी जैसी प्रसिद्ध जगहों पर तो पक्षी देख ही सकते हैं ,साथ ही साथ मेवाड़ के कई गाँव जैसे चावण्डिया ,किशन करेरी,मेनार में भी कम भीड़ में सुकून से यह आनंद ले सकते हैं।
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धन्यवाद
-ऋषभ भरावा