हर घुम्म्ककड़ के मन में एक न एक बार बाइक ट्रिप पर जाने का ख्याल तो आया ही होगा।बाइक ट्रिप के लिए आपको लग्जरी ट्रेवल के ख्याल कुछ दिनों के लिए त्यागने पड़ते हैं। कभी बारिश में भीगते हुए ,कभी सड़कों पर भरे पानी में गिरते ,तेज बर्फ़बारी में ,ठंड में कांपते हुए,तेज गर्मी को सहन करते हुए ,इस तरह बाइक ट्रिप्स कम्प्लीट होती हैं। भारत में आजकल कई बाइक ट्रिप के रूट फेमस हैं जिनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्द लद्दाख हैं। आज भारत के और बाहर के
ऐसे ही कुछ रुट्स की जानकारी ,अपने अनुभव के आधार पर आपके सामने ले कर आया हूँ -
1. मनाली -लेह -श्रीनगर :
घूमने के शौक़ीन और हर बाइकर व्यक्ति का पहला प्यार लद्दाख ही हैं। भारत में सबसे शानदार रोडट्रिप अगर आप ढूँढ़ रहे हैं तो मेरे ख्याल में मनाली से श्रीनगर सबसे बढ़िया ऑप्शन हैं।यह करीब 1600 किमी का सफर हैं और ढंग से घूमते हुए अगर आपको जाना हैं तो आपको करीब 10 से 12 दिन देने पड़ेंगे।इसमें आप हिमाचल ,जम्मू-कश्मीर और लेह , ये तीन राज्य/UT में घूम आएंगे।अगर आप इतना लम्बा सफर नहीं करना चाहते तो केवल लद्दाख में ही बाइक से घूम सकते हैं जिसमें नुब्रा ,पेंगोंग, खारदुंगला ,मैग्नेटिक हिल ,संगम ,त्सो मोरिरि झील सब कवर हो सकते हैं। इसमें करीब 5 दिन का वक्त चाहिए।इसमें काफी जगह इनर लाइन परमिट की जरूरत भी पड़ती हैं।आप केवल मनाली से लेह या श्रीनगर से लेह भी कर सकते हैं।कुछ सालों पहले यहाँ का सफर काफी दुर्गम हुआ करता था लेकिन अब इस यात्रा के अधिकांश इलाके में बढ़िया सड़क बन गयी हैं तो एडवेंचर का मजा अब उतना नहीं रहा। हालाँकि पेंगोंग ,नुब्रा के सफर के दौरान बारिश के मौसम में काफी चेलेंज मिलेंगे।
रुट : मनाली -सरचू -जिस्पा -लेह - नुब्रा -पेंगोंग -लेह -कारगिल -श्रीनगर (आप श्रीनगर से मनाली का रूट भी ले सकते हैं। )
2. स्पीति वेली :
स्पीति वेली हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं। मनाली से अगर आप श्रीनगर/लेह नहीं जाना चाहते तो आप वह से बाइक पर स्पीति वेली और फिर वहां से शिमला तक जाकर अपना सफर खत्म कर सकते हैं।यह पूरी यात्रा हिमाचल प्रदेश में ही होती हैं और लद्दाख बाइक ट्रिप की तरह ही यह भी उतनी ही शानदार हैं। बस इस सफर में एडवेंचर थोड़ा ज्यादा मिलेगा। जगह -जगह सड़कों पर बहते हुए झरने ,लद्दाख बाइक ट्रिप के सफर से ज्यादा मिलेंगे। घूमने के डेस्टिनेशन भी इस सफर में लद्दाख से ज्यादा आएंगे।पार्वती वेली ,पिन वेली ,काजा ,नाको ,ताबो ,शिमला ,चिचम ब्रिज ,कल्पा ,सराहन ,हिक्किम ,मनाली ,चितकुल ,कुंजुम ,चंद्रताल जैसी सारी जगहें इस सफर में देखने योग्य हैं। यह भी करीब 1000 से 1200 किमी का सफर हैं और कम से कम 10 दिन तो इसमें चाहिए ही। स्पीति वेली के कई रुट्स हैं ,यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप कौनसे क्षेत्र से गुजरना पसंद करेंगे।
रूट : चंडीगढ़ -नारकंडा -(शिमला )- चितकुल -कल्पा -काज़ा -चंद्रताल -मनाली
ज्यादा चेलेंज और एडवेंचर के लिए आप 'विंटर स्पीति वेली ट्रिप ' भी बाइक से कर सकते हैं।
3. मेवाड़ ,मारवाड़ राजस्थान :
राजस्थान में तो आप जितने दिन बिताएंगे उतनी नई चीजें आपको मिलेगी ,चाहे वो चीजें खाने पीने की हो या घूमने की।लद्दाख और स्पीति बाइक ट्रिप के मुकाबले राजस्थान की रोडट्रिप कई ज्यादा सुरक्षित हैं।जंगली इलाकों से लेकर हवेलियां ,किले ,झील हो या कई किलोमीटर लम्बे वीरान रास्तों से लेकर अरावली के चढ़ाई वाले रास्ते ,इस ट्रिप पर आपको हर तरह के अनुभव मिलेंगे। और राजस्थान हैं तो खाने पीने के तो क्या ही कहने........
राजस्थान रोड ट्रिप के लिए भी कई रूटस है जिसमें आप जयपुर ,मांडवा ,भानगढ ,पुष्कर ,कुम्भलगढ़ ,उदयपुर ,जयपुर ,जोधपुर ,सम ,लोंगेवाला,करनी माता जैसी कई जगहों को कवर कर सकते हैं। यह रोडट्रिप मार्च से जून के अलावा किसी भी सीजन में कर सकते हैं।
रूट : दिल्ली -मांडवा -जोधपुर -जैसलमेर -पाक बॉर्डर -बीकानेर -पुष्कर -जयपुर -दिल्ली
या
दिल्ली -भानगढ़ -जयपुर -पुष्कर -बीकानेर -जैसलमेर-जोधपुर-उदयपुर -नाथद्वारा -कुम्भलगढ़ -जयपुर -दिल्ली
4. तवांग बाइक ट्रिप :
तवांग की बाइक ट्रिप आजकल ज्यादा प्रसिद्द होती जा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह हैं कि यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश में किया जाता हैं और अरुणाचल प्रदेश में लोगों के उतने पैर नहीं पड़ते जितने कि मनाली या लेह में पड़ते हैं। इसीलिए जहाँ स्पीति और लद्दाख में आपको काफी भीड़ मिलेगी ,तवांग की तरफ आपको शान्ति और सुकून मिलेगा। इस सफर में आप तवांग मोनेस्ट्री ,कांजीरंगा नेशनल पार्क में गेंडे ,चीन सीमा पर बूम ला पास ,गुवाहाटी जैसी जगहें घूम सकते हैं। यह यात्रा आठ दिन में ही आसानी से हो जाती है।
रुट : गुवाहाटी -कांजीरंगा नेशनल पार्क -बोमडिला -तवांग -बुम दर्रा -दिरांग -गुवाहाटी
5 . भूटान का सफर :
भूटान का सफर सिलीगुड़ी से शुरू होता हैं। भूटान में प्रवेश के लिए पासपोर्ट या वोटर आई डी का होना जरुरी हैं। फुंटशोलिंग से ही बाइक की परमिट बन जाती हैं।दूसरे देश में बाइक का लम्बा सफर करना भी अपने आप में एक शानदार अनुभव हैं। खतरनाक मुड़ावों से लेकर घने जंगलों के बीच से गुजरते पहाड़ी रास्ते ,जिनमें से ज्यादातर रंग -बिरंगे बुद्धिस्थ ध्वज से लदे मार्गो का सफर एक लाइफटाइम अनुभव है। यह भी करीब 8 दिन का सफर होता हैं जिसमें अलग -अलग गाँवों में कई मोनेस्ट्री को घुमा जा सकता हैं। दोचुला दर्रा ,टाइगर्स नेस्ट ट्रेक ,पुनाखा जोंग इस यात्रा में मुख्य आकर्षण हैं।भूटान में हिंदी भाषा और भारतीय रुपया भी चलते हैं।
रुट : सिलीगुड़ी -फुंटशोलिंग -थिम्फु -पुनाखा -दोचुला -पारो -सिलीगुड़ी
इनके अलावा मुंबई -गोवा ,अहमदाबाद -कच्छ ,बेंगलोर-ऊटी वाले रूट्स पर भी बाइक ट्रिप का मजा अनोखा हैं। मैंने भूटान ,लद्दाख और स्पीति की बाइक यात्रा मैंने कर रखी हैं। राजस्थान के ऊपर बताये सब रुट्स तो में कार से अनगिनत बार कवर कर चूका हूँ और अभी भी करता रहता हूँ। इन सब पर कई आर्टिकल्स और मेरे अनुभव आपको पढ़ने को यही मिल जाएंगे । साथ ही साथ आपको एवेरेस्ट बेस केम्प ,चादर ट्रेक ,दुबई ,कैलाश मानसरोवर यात्रा एवं देश के अन्य जगहों की कई यात्राओं के मेरे किस्से यही मिल जाएंगे।
-ऋषभ भरावा
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